विश्ववार्ता मुस्लिमों के प्रति अमेरिकी रवैया दुर्भाग्‍यपूर्ण

मुस्लिमों के प्रति अमेरिकी रवैया दुर्भाग्‍यपूर्ण

-डा. सुभाष राय फरहा पंडित भारतीय मूल की अमेरिकी मुसलमान हैं। उन्हें ओबामा ने बहुत महत्वपूर्ण काम सौंपा है। उन्हें दुनिया को यह समझाना है…

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राजनीति सहयोगी दल बढा रहे कांग्रेस की मुश्किलें

सहयोगी दल बढा रहे कांग्रेस की मुश्किलें

-लिमटी खरे कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की दूसरी पारी में उसके सहयोगी दलों ने अब रंग दिखाना आरंभ कर दिया है। कल तक शांति…

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प्रवक्ता न्यूज़ मानवता की कराह : मीडिया की जुबानी सुनाई दे!

मानवता की कराह : मीडिया की जुबानी सुनाई दे!

-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश‘ हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से 1947 में आजाद हुआ था। आजादी के साथ-साथ हमने विभाजन के अभी रिस रहे घाव…

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विविधा प्रयोग की जगह कमियों को दूर करने की पहल हो

प्रयोग की जगह कमियों को दूर करने की पहल हो

-सतीश सिंह नये प्रयोग के खतरों के प्रति चिंता स्वाभाविक है। शिक्षा के मामले में ये खतरे और भी संवेदनशील हो जाते हैं। पर इन…

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पर्यावरण बाढ़ से कराहती मानवता

बाढ़ से कराहती मानवता

प्रलंयकारी बाढ़ के कारणों के स्थाई समाधान खोजने की जरूरत -संजय द्विवेदी कोई संकट अगर हर साल आता है तो क्या उसके स्थाई समाधान नहीं…

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पर्यावरण शासन व प्रशासन को चुनौती देती प्रलयकारी बारिश व बाढ़

शासन व प्रशासन को चुनौती देती प्रलयकारी बारिश व बाढ़

-निर्मल रानी ग्रीष्म ऋतु में जब सूर्यदेवता अपने प्रचंड तेवर दिखाते हैं उस समय जनता उनके इस प्रकोप से त्राहि- त्राहि करने लग जाती है।…

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समाज जातिमुक्त समाज की जरुरत

जातिमुक्त समाज की जरुरत

-आर. एल. फ्रांसिस जनगणना में जाति को शामिल किया जाए या नहीं, इस बात का निर्णय करने के लिए संप्रग सरकार ने मंत्रियों के एक…

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विश्ववार्ता पानी पर पाकिस्‍तान का झूठा प्रलाप

पानी पर पाकिस्‍तान का झूठा प्रलाप

– पंकज चतुर्वेदी दुनियाभर में पानी का उपयोग जितना बढ़ रहा है उससे ज्यादा गति से दुनिया में जनसंख्या बढ़ रही है, और धीरे-धीरे दुनियाभर…

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राजनीति Default Post Thumbnail

इट्ज ओनली हैप्पन इन इंडिया

-नवीन देवांगन लो एक और इंसान का जीते जी एक और मंदिर बन कर तैयार है। हमारी भावी पीढ़ी नारियल फूल माला ले कर इस…

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राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान/हीरामन को हरा बाजी मार ही ले गया पाल

ये है दिल्ली मेरी जान/हीरामन को हरा बाजी मार ही ले गया पाल

-लिमटी खरे पुरानी कहावतें और मुहावरे यूं ही नहीं बने थे, उनके पीछे निहितार्थ को समझना होगा। न जाने कब से किस काल से लोग…

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पर्यावरण भयावह लगने लगी है आने वाले कल की तस्वीर

भयावह लगने लगी है आने वाले कल की तस्वीर

-लिमटी खरे दुनिया की आबदी जिस द्रुत गति से बढ रही है, उसे देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आने वाले समय की कल्पना…

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खेत-खलिहान दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण

दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण

-रमेश कुमार दुबे दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्‍यादा कीमत…

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