राजनीति आँख से आंसू नहीं शोले निकलने चाहिए

आँख से आंसू नहीं शोले निकलने चाहिए

एक बार अपनी गाड़ी के नीचे एक गिलहरी के दब कर मर जाने के बाद नेहरू की प्रतिक्रिया थी कि इस जैसा फुर्तीला जानवर इसलिए…

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धर्म-अध्यात्म कोई सीता मैया को फूल चढ़ायेगा?

कोई सीता मैया को फूल चढ़ायेगा?

इन दिनों श्रीलंका में पर्यटक के रूप में भी भावुक न होना कठिन है। एक राहत की सांस अब भी सरसराती है, क्षितिज को चूमते…

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विविधा भाषा और संस्कृति : भारतीय जीवन का संदर्भ

भाषा और संस्कृति : भारतीय जीवन का संदर्भ

जब द्वितीय युद्ध ने सामरिक शक्ति के बल पर स्थापित साम्राज्यवाद को तोड़ दिया तब यू एस ने आर्थिक साम्राज्यवाद प्रारंभ किया जिसके प्रसार में…

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विविधा कागजरहित आईपेड केन्द्रित शिक्षा का वर्चुअल आयाम

कागजरहित आईपेड केन्द्रित शिक्षा का वर्चुअल आयाम

इन दिनों मीडिया से इंटरनेट तक आई पेड की धूम मची है। यह भी हवा बनाई जा रही है कि आईपेड के आने के साथ…

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प्रवक्ता न्यूज़ खबरे में है बंसल की नौकरी

खबरे में है बंसल की नौकरी

नई दिल्ली 06 अप्रेल। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल पर कांग्रेस की राजमाता श्रीमती सोनिया गांधी का नजला टूटने ही वाला है। महिला आरक्षण विधेयक…

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समाज कब तक ढोए जाते रहेंगे गुलामी के लबादे

कब तक ढोए जाते रहेंगे गुलामी के लबादे

देश के हृदय प्रदेश में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक एसी बहस को जन्म दे दिया है, जिसके बारे में उन्होंने…

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राजनीति भाजपा : आकार लेना एक वटवृक्ष का…!

भाजपा : आकार लेना एक वटवृक्ष का…!

भाजपा के इकतीसवें स्थापना दिवस पर विशेष भारत की पश्चिमी घाट को महिमा मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर मैं यह भविष्यवाणी करने…

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प्रवक्ता न्यूज़ ये है दिल्ली मेरी जान/आखिर चाहते क्या हैं शशि थुरूर

ये है दिल्ली मेरी जान/आखिर चाहते क्या हैं शशि थुरूर

भारत गणराज्य का इससे बडा दुर्भाग्य नहीं होगा कि उसका एक मंत्री बार बार विदेश की एक सोशल नेटवर्किंग वेव साईट पर सरकरी नीतियों पर…

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राजनीति कमलनाथ और रमेश की तनातनी सडकों पर

कमलनाथ और रमेश की तनातनी सडकों पर

नई दिल्ली 05 अप्रेल। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ और वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के बीच खिचीं अघोषित तलवारों की खनक अब…

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विविधा वर्चस्व के संघर्षों का अखाड़ा है भाषा

वर्चस्व के संघर्षों का अखाड़ा है भाषा

भाषा का प्रयोग और भाषिक संकल्पनाएं वर्गाधारित रही हैं। भाषा को लेकर जितनी भी धारणाएं है उन सबमें एक आम राय है कि भाषा निरपेक्ष…

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कला-संस्कृति Default Post Thumbnail

संस्कृति में रीतिवाद के खतरे

जैसे विज्ञापन में रीतिवाद का महत्व होता है, प्रचार मूल्य होता है। विनिमय मूल्य होता है। उसी तरह लेखक संगठनों के द्वारा आयोजित कार्यक्रम भी…

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राजनीति भाजपा….सूरज ना बन पाये तो, बन के दीपक जलता चल…!

भाजपा….सूरज ना बन पाये तो, बन के दीपक जलता चल…!

रामायण का प्रसंग है। भगवान राम कहते हैं, न भीतो मरणादस्मि, केवलम् दूषितो यश: यानि मैं मरने से नहीं डरता, केवल कलंक या अपयश से…

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