बिहार को लेकर ‘सुप्रीम’ निर्णय
Updated: August 8, 2025
बिहार विधानसभा का चुनाव के दृष्टिगत सभी के भीतर इस बात को लेकर कौतूहल है कि वहां सरकार का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार अगली…
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भजन : गुरु महिमा
Updated: August 8, 2025
तर्ज: राधा के मन बस गए श्याम बिहारी दोहा: गुरुभक्तों के लिए, गुरु से बड़ा न कोय।गुरु सेवा से बड़ी जग में, सेवा कोई न…
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स्वाधीनता संग्राम की हमने सुनी कहानी थी…
Updated: August 1, 2025
डॉ. सरोज चक्रधर हमने सुनी कहानी थी…भारत वर्ष की आजादी का गौरव गान वर्ष 1947 को आरंभ हुआ था, वह नित्य प्रति हमारी धडक़न बन…
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हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता
Updated: August 1, 2025
राकेश सैन आपरेशन सिन्दूर पर संसद में हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि ‘मैं गर्व से कह सकता हूं कि कोई भी हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।’ गृहमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए उसने भगवा आतंकवाद का झूठा सिद्धान्त बनाया। कांग्रेस ने बहुसंख्यक समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की लेकिन भारत की जनता ने इस झूठ को नकार दिया। शाह के इस बयान के बाद चर्चा छिड़ी है कि उन्होंने आखिर ऐसा दावा कैसे कर दिया कि हिन्दू कभी आतंकी नहीं हो सकता? पूछा जा रहा है कि उन्होंने भावावेश में आकर अतकथनी कर दी या हिन्दू अस्मिता के प्रेम में फंस कर ये दावा कर दिया? अमित शाह का उक्त कथन उन लोगों के तो गले बिल्कुल नहीं उतर रहा जो अभी तक इसी विमर्श को पल्लवित- पोषित करते आ रहे हैं कि ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’, तो फिर कैसे हिन्दुओं को इस मामले में एकतरफा चरित्र प्रमाणपत्र दिया जा रहा है? निष्पक्ष हो कर अमित शाह के ब्यान को जांचा-परखा जाए तो सामने आता है कि इसमें न तो अतिरंजना है न मनोवेश या अतिश्योक्ति, बल्कि यह एतिहासिक सत्य, भारत-भूमि पर पनपा प्रमाणिक हिमालयी तथ्य है कि हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। आइए सबसे पहले जानें कि आतंकवाद आता कहां से है, इसका वीर्य क्या है? असल में विश्व में ईश्वर को लेकर दो तरह की अवधारणाएं या मार्ग हैं, एक सनातन व दूसरा सेमेस्टिक या सामी। सभी मार्ग सम्मानित हैं, पर इनमें मौलिक अन्तर हैं। सेमेस्टिक मजहब में ईश्वर का एक निश्चित संदेशवाहक या पैगम्बर या दूत, एक ही धर्म ग्रन्थ रहता है-जैसे इस्लाम, ईसाई व यहूदी मजहब। उक्त सभी मजहब अपने- अपने पैगम्बर को ईश्वर का अंतिम दूत और अपने-अपने धर्म ग्रन्थों में वर्णित बातों को ही ईश्वर का अंतिम सन्देश मानते हैं। सामी मजहब वाले केवल ऐसा मानते ही नहीं बल्कि अपने पैगम्बर व ग्रन्थों की बातों को दूसरे से श्रेष्ठ मानते हुए उन पर थोपने का प्रयास भी करते हैं। धीरे-धीरे इनके अनुयायियों में श्रेष्ठता की यही ग्रन्थी केवल मजहबी उन्माद तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि रहन-सहन, खान-पीन, भाषा-वाणी अर्थात जीवन के हर क्षेत्र को संक्रमित कर देती है। दूसरे को हीन समझ उस पर अपने विचार व आस्था लादने के लिए कोई क्रूसेड करता है तो कोई जिहाद। दुनिया में ईसाईयत व इस्लाम के नाम पर जो अत्याचार, हिंसा, खूनखराबा हुआ सभी इसी श्रेष्ठता की ग्रंथि के संक्रमण के चलते हुआ। दूसरे की आस्था के प्रति असम्मान, हिकारत, तिरस्कार में ही आतंकवाद के बीज छिपे रहते हैं। मध्ययुग में ईसाईयत के नाम पर आतंकवाद फैला परन्तु पश्चिमी समाज में आई नवचेतना के चलते इसने रूप बदल कर सेवा व लालच का ले लिया परन्तु इस्लाम के प्रचार-प्रसार का अमानवीय ढंग निरंतर जारी रहा, जिसे आज इस्लामिक आतंकवाद कहा जाने लगा है। आज ईसाई मिशनरी सेवा व लालच के बल पर धर्मपरिवर्तन करते हैं और जिहादी बंदूक की नोक पर, दोनों का लक्ष्य एक ही है कि अपने-अपने मजहबों की संख्या बढ़ाना चाहे साधन अलग-अलग हैं। इस्लामिक जिहाद की तरह अगर ईसाईयों की सेवा व प्रलोभन के प्रपंचों को भी आतंकवाद का नाम दे दिया जाए तो कोई विषय भटकाव नहीं होगा। सामी मजहबों के विपरीत दूसरी विचारधारा है सनातन जिसे हिन्दू धर्म भी कहते हैं। ‘श्री अरविन्द की दृष्टि में हिन्दू धर्म और सामी मजहब’ पुस्तक में महर्षि अरविन्द कहते हैं-‘‘जिस धार्मिक संस्कृति को हम आज हिन्दू धर्म के नाम से पुकारते हैं, उसने अपना कोई नाम नहीं रखा क्योंकि उसने स्वयं अपनी कोई साम्प्रदायिक सीमा नहीं बांधी। उसने सारे संसार को अपना अनुयायी बनाने का कोई दावा नहीं किया, किसी एकमात्र निर्दोष सिद्धांत की प्रस्थापना नहीं की, मुक्ति का कोई एक ही संकीर्ण पथ या द्वार निश्चित नहीं किया। वह कोई मत या पन्थ की अपेक्षा कहीं अधिक मानवआत्मा के ईश्वरोन्मुख प्रयास की एक सतत् विकासशील परम्परा है।’’ सनातन का विचार है ‘एकम सत विप्रा बहुधा वदन्ति’ अर्थात सत्य एक है जिसे विद्वान उसे विभिन्न नामों से बुलाते हैं। ‘अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।। अर्थात तेरे-मेरे की भावना छोटे मन का प्रतीक है, उदारचित्त वालों के लिए तो सारी पृथ्वी ही एक परिवार है। सनातन धर्म मानता है तेरा धर्म तुझे मुबारक और मेरी आस्था मुझे। दोनों ही मार्ग श्रेष्ठ हैं। मार्ग अलग-अलग हैं परन्तु सभी की मंजिल एक है, जैसे सभी नदियां अंतत: एक समुद्र में विलीन हो जाती हैं उसी तरह सभी पथ उसी एक मंजिल पर ही मिलते हैं। यही भावना है जो हिन्दू को आतंकवादी बनने से रोकती है। इतिहास साक्षी है कभी भारत ने तलवार के जोर पर न तो किसी के भू- भाग को कब्जाया और न ही दूसरे पर अपना धर्म या विचार थोपा। इसी सर्वसमावेशी व सर्वपन्थ समादर भाव वाली जीवन शैली के आधार पर ही अमित शाह ने राज्यसभा में डंके की चोट पर दावा किया कि हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। केवल आस्था ही क्यों, हिन्दू ने तो कभी नास्तिक या अनिश्वरवादियों को भी नहीं दुत्कारा। महर्षि चारवाक ईश्वरवाद के उलट और पूर्णत: भौतिकवादी थे। वेदों के बारे उनके विचार नकारात्मक थे परन्तु हिन्दू समाज ने उन्हें भी महर्षि की उपाधि दी जबकि सेमस्टिक मजहबों में नास्तिकों को ‘नोन-बिलीवर या काफिर’ कह कर दण्डित करने का प्रचलन है। सनातन समाज ने कभी अपने आप को किसी देव विशेष, ग्रन्थ विशेष या व्यक्ति विशेष से नहीं बांधा बल्कि सत्य की यात्रा को अनवरत बताया। हमारी परम्परा में देह वासना और लोकवासना की भान्ति देववासना व शास्त्र वासना को भी मुक्ति मार्ग की बाधा बताया गया है। इसी तरह की अनेक विशेषताएं हैं जो सत्य सनातन धर्म के मानने वाले अनुयायी को संकीर्ण, कट्टर व आततायी होने की अनुमति नहीं देती। अमित शाह ने संसद में हिन्दू धर्म को लेकर जो दावा किया है वह ऐतिहासिक सत्यता व प्रमाणिकता की कसौटी पर सौ टंच खरा उतरता है। राकेश सैन
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अब ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार’ पृथ्वी पर रखेगा नजर
Updated: August 1, 2025
रामस्वरूप रावतसरे भारत आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 30 जुलाई 2025 को एक बेहद महत्वाकांक्षी मिशन के सेटेलाइट ‘निसार’ को जीएसएलवी-एफ16 प्रक्षेपण यान के…
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मालदीव के साथ प्रगाढ़ होते भारत के संबंध
Updated: August 1, 2025
डॉ.बालमुकुंद पांडेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण एवं मधुर संबंध को बनाए रखने की प्राथमिकता दे रहे हैं ।…
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बरेली में गिरे ‘झुमके’ की अनसुलझी कहानी का सच?
Updated: August 1, 2025
डॉ. रमेश ठाकुर बरेली में गिरे ‘झुमके’ वाला विश्व प्रसिद्ध किस्सा काल्पनिक है या वास्तविक? दरअसल, ये ऐसी अनसुलझी कड़ी है जो दशकों बीतने के…
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समृद्धि की चिडिय़ा या शक्ति का शेर: देश की दिशा कौन तय करेगा?
Updated: August 1, 2025
अमरपाल सिंह वर्मा क्या भारत को फिर से ‘सोने की चिडिय़ा’ बनाने की बात अब अप्रासंगिक हो गई है? आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कोच्चि…
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मालेगांव विस्फोट एवं भगवा पर कलंक की साजिश
Updated: August 1, 2025
-ललित गर्ग-29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट की न्यायिक परिणति ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि कैसे सत्ता, वोटबैंक…
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मित्रताः रिश्तों की आत्मा और संवेदना की जीवंत सरिता
Updated: August 1, 2025
अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस – 3 अगस्त 2025– ललित गर्ग – मित्रता वह रिश्ता है, जो न रक्त से बंधा होता है, न किसी सामाजिक अनुबंध से,…
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विश्व का सबसे महंगा और अत्याधुनिक उपग्रह ‘निसार’-‘अंतरिक्ष के क्षेत्र में नासा-इसरो की बड़ी छलांग!
Updated: August 1, 2025
हाल ही में बुधवार 30 जुलाई 2025 को नासा(अमेरिका)और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो(भारत) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व का सबसे महंगा और अत्याधुनिक उपग्रह ‘निसार’,…
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स्क्रीन का शिकंजा: ऑस्ट्रेलिया से सबक लेता भारत?”
Updated: July 31, 2025
ऑस्ट्रेलिया ने 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए यूट्यूब समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने का साहसिक फैसला लिया है।…
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