समर्पण, सेवा और संगठन की सौ वर्षीय यात्रा से विश्वगुरु भारत की ओर
Updated: August 28, 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष : उपलब्धियाँ और नये क्षितिज” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष केवल इतिहास की उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि भविष्य की…
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गणेश हैं विघ्नहर्ता-मंगलकर्ता एवं जीवंत राष्ट्रीयता के प्रतीक
Updated: August 28, 2025
गणेश चतुर्थी- 27 अगस्त, 2025 पर विशेष-ललित गर्ग- भारतीय संस्कृति और धर्मजगत में गणेशजी का स्थान अद्वितीय है। वे विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता, मंगलकर्ता और उन्नत राष्ट्र-निर्माता…
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वोटर अधिकार यात्रा बनाम एजेंडा यात्रा
Updated: August 27, 2025
डॉ.वेदप्रकाश महात्मा गांधी का जीवन राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर शांति और सद्भाव के लिए समर्पित रहा लेकिन उनके नाम के गैरवारिस राहुल गांधी जो विपक्ष के नेता भी हैं, आज राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर अशांति फैलाने और वैमनस्य को समर्पित दिखाई दे रहे हैं। अपने राजनीतिक जीवन के आरंभ से ही वे तथ्यहीन और उल्टी सीधी बातों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। न उन्हें देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और धार्मिक वातावरण की जानकारी है और न ही राजनीति की जानकारी क्योंकि राजनीति में आने के लिए उन्होंने कोई पुरुषार्थ नहीं किया। वह उन्हें पैतृक संपत्ति के रूप में प्राप्त हो गई और इस देश को जानने के लिए वे कभी घर से निकले नहीं। सर्वविदित है कि स्वतंत्रता के बाद से लगातार कई दशकों तक सत्ता में रहने के बाद वर्ष 2014 से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है। वर्ष 2014 में जनता ने भारी बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। यह भी सर्वविदित है कि वर्ष 2014 से ही भिन्न-भिन्न रूपों में सामान्य व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहे हैं। जनकल्याण की विभिन्न योजनाएं पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर भारत लगातार मजबूत होता जा रहा है। देश में कार्य-व्यवसाय, उद्योग एवं आर्थिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। करोड़ों लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं और यह भी सर्वविदित है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस यानी आईएनडीआईए का समूचा विपक्षी गठबंधन लगातार नकारात्मक राजनीति कर रहा है। राहुल गांधी और विपक्ष आज एजेंडेवादी बन चुके हैं। ये सभी नकारात्मकता फैलाने का इकोसिस्टम बनाते हैं और फिर लगातार झूठे प्रचार से उसे सच्चा दिखाने का प्रयास करते हैं। हम सभी जानते हैं कि जब किसी झूठ को भी बार-बार अलग-अलग ढंग से अलग-अलग लोगों के द्वारा कहा जाता है तो सामान्य व्यक्ति को एक समय के बाद वह सच जैसा दिखने लगता है। वर्ष 2014 में चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले ईवीएम मशीन पर दोष मढ़ना शुरू किया। मशीन खराब हैं, उनमें बटन कोई भी दबाओ, वोट भाजपा को ही जाती है आदि । यह नैरेटिव काफी चला, फिर असफल होने पर- प्रधानमंत्री चोर है ऐसे असंवैधानिक नारे शुरू किए गए। इसके बाद संविधान खतरे में है। संविधान बदल दिया जाएगा। लोकतंत्र खतरे में है। आने वाले वर्षों में चुनाव नहीं होंगे, सीधे मोदी का ही शासन चलता रहेगा जैसे नैरेटिव भी खूब चलाए गए। कृषि कानून, नागरिकता संशोधन कानून और धारा 370 जैसे महत्वपूर्ण और संसद में पास हुए गंभीर कानूनों पर भी तरह-तरह का दुष्प्रचार भ्रम और भय फैलाया गया। समूचे विपक्ष ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कभी किसानों को भड़काने का काम किया तो कभी मुसलमानों को भी। यह भी नैरेटिव बनाया गया कि सरकार किसानों की जमीन छीन लेगी, सरकार मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगी आदि। कुछ समय बाद इस प्रकार के झूठे नॉरेटिव से देश में बड़ा आर्थिक और सामाजिक नुकसान हुआ। हम सभी इस बात से भी परिचित हैं कि राहुल गांधी और विपक्ष के कई नेता संसद में चर्चा में ठीक से हिस्सा नहीं लेते। वे संविधान विरोधी अभद्र भाषा का प्रयोग हमेशा करते हैं। संसद को बाधित करते हुए शोर शराबा करते हुए बाहर धरने-प्रदर्शन करते हैं। इससे यह भी स्पष्ट है कि वे सवाल जवाब करने में अथवा बहस करने में सक्षम नहीं है। पिछले कई महीनों से राहुल गांधी नए एजेंडे को लेकर पूरे इकोसिस्टम में काम कर रहे हैं। इस बार उन्होंने चुनाव आयोग पर जो संविधान सम्मत संस्था है, भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट चोरी करने का आरोप लगाया है। आरोप की पुष्टि हेतु वह चुनाव आयोग के बार-बार कहने पर भी तथ्य प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे हैं। पिछले कुछ दिन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटर अधिकार यात्रा पर हैं। तेजस्वी यादव के दो मतदाता पत्र मिल चुके हैं। अपनी यात्रा में भी वे नैतिकता की सीमाओं के पार जाकर अनर्गल टीका-टिप्पणी कर रहे हैं। तात्पर्य यह है कि वोटर अधिकार यात्रा अथवा वोट चोरी के आरोप भी उनके एजेंट एवं इकोसिस्टम के अंतर्गत चलाया जा रहा अभियान है। विगत में भी सेना द्वारा आतंकवाद के जवाब में बालाकोट स्ट्राइक एवं ऑपरेशन सिंदूर जैसी साहसिक कार्रवाई पर राहुल गांधी नकारात्मक टिप्पणी करने के साथ-साथ सेना के शौर्य पर भी प्रश्न उठाते रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दिखाता है। सभी जानते हैं कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी, लालू यादव, तेजस्वी यादव आदि विपक्ष के बड़े कहे जाने वाले कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। अभी ये जमानत पर हैं। चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में बिहार में मतदाता सूची शोधन हेतु विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (एफआईआर) के दौरान लाखों मतदाताओं को अपात्र पाया गया। इस प्रक्रिया में बंगाल में भी सघन पुनरीक्षण आरंभ होना है। इसको लेकर भी राहुल गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं विपक्ष के अन्य नेता झूठ फैला रहे हैं। आज यह आवश्यक है कि नेता विपक्ष और सभी विपक्षी दल संसद में अपनी भूमिका के महत्व को समझें। जन कल्याण के लिए योजनाओं हेतु सरकार को सुझाव दें और जनहित में संसद में मुद्दों पर बहस करें। संसद के बाहर झूठे एजेंट चलाने मात्र से राजनीतिक हितों और स्वार्थों की पूर्ति संभव नहीं है। डॉ.वेदप्रकाश
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समस्याएं अनेक, हल एक
Updated: August 27, 2025
अशोक गुप्त हमारे देश में बहुत ही समस्याएं हैं जिनकी संख्या और आकार बढ़ता ही जा रहा है. अधिकतर बढ़ती समस्याओं का कारण हमारी बढ़ती जनसंख्या और गरीबी है. गरीबी और कार्य के साधन सीमित होने के कारण गाँवों से महानगरों की ओर पलायन जारी है जिसके कारण शहरों में बिजली और पानी की कमी और बढ़ते प्रदूषण के साथ सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और बढ़ती झुग्गियों की समस्याएं हो रही है. एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में 1000 से अधिक झुग्गी कालोनियां हैं जिनमें कई लाख लोग अमानवीय परिस्थितियों में रहते हैं. ये कालोनियां कहीं-कहीं तो नालों के किनारे या नालों के अंदर भी बसी हुई है. कई स्थानों पर तो नालों को पाट दिया गया है जिससे बरसाती पानी का भाव रुक जाता है और बारिश होने पर बाढ़ की समस्या पैदा हो जाती है और पानी का निकास नहीं हो पाता . इन समस्याओं को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बहुत सी सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे वाली झुग्गियां हटाई हैं पर इससे ये समस्याएं हल होने वाली नहीं हैं. ये समस्याएं तभी हल हो सकती हैं यदि ये लोग दिल्ली या ऐसे महानगरों में न रहकर अपने मूल स्थान पर रहें. पलायन रोकने हेतु जनसंख्या वृद्धि पर रोक बहुत आवश्यक है क्योंकि परिवार में बच्चों की अधिक संख्या गरीबी बढ़ाती है पर यह गरीब लोग यह समझ नहीं पाते और उनके प्राय तीन-चार बच्चे होते हैं. इसके लिए आवश्यक है कि सरकारी योजनाओं जैसे फ्री राशन आदि का लाभ उन्हीं गरीबों को मिले जिनका एक ही बच्चा हो और जो अपने मूल स्थान पर रहते हों. दूसरा बच्चा होते ही यह सुविधा वापस ले ली जानी चाहिए. यदि हम अपने आसपास देखें तो पाएंगे कि हमारे संपर्क में आने वाले अधिकतर निम्नवर्गीय लोगों के प्राय तीन-चार बच्चे होते हैं. यह वर्ग परिवार नियोजन हेतु गंभीर नहीं होता जबकि अधिकतर पढ़े लिखे मध्यवर्गीय परिवारों में एक से अधिक बच्चा नहीं होता क्योंकि एक बच्चे को ही अच्छे स्कूल में पढ़ाना बहुत महंगा हो चुका है. ऐसे परिवार मजबूरी में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर अमानवीय परिस्थितियों में रहते हैं पर कम बच्चे पैदा कर अपना जीवन स्तर ऊपर उठाने को तैयार नहीं हैं. केवल लालच ही इन्हें के लिए प्रेरित कर सकता है इन्हें परिवार नियोजन हेतु प्रेरित करने के लिए सरकार यह नियम बना सकती है कि फ्री राशन जैसी सुविधा केवल उन्हीं गरीब परिवारों को मिले जिन परिवारों में केवल एक बच्चा हो. सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹1000 प्रति मास से ₹12000 प्रति वर्ष की राशि दे सकती है यदि यह अपने मूल स्थान पर रहते हैं. दूसरा बच्चा पैदा होने पर उनकी यह सुविधा छीन ली जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त फ्री राशन जैसी सुविधा भी केवल उन्हें परिवारों को दी जानी चाहिए जो अपने मूल स्थान पर रहते हैं और जिनका एक ही बच्चा हो . यदि यह योजना ठीक से लागू हो पाए तो अगले कुछ वर्षों में जहां गांव से महानगरों में पलायन की समस्या पर लगाम लगेगी, वहीं गरीब जनता के जीवन स्तर में सुधार होगा, उनके बच्चे अच्छा पोषण और अच्छी शिक्षा पा सकेंगे और देश के संसाधनों पर दबाव कम होगा. इसके अतिरिक्त दिल्ली जैसे महानगरों की तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर भी लगाम लगेगी और बिजली पानी की समस्याओं व अवैध कब्जे की समस्याओं से धीरे-धीरे मुक्ति मिल पाएगी . इसके अतिरिक्त अवैध कब्ज़ों पर सरकार को नो टॉलरेंस नीति अपनानी चाहिए। हटाई गई झुग्गियों के स्थान पर पुनः झुग्गियां बनने या नई झुग्गी बनने पर पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अवैध बसने वालों को प्रोत्साहन न मिले.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: शताब्दी वर्ष की यात्रा और समाज में सार्थक योगदान
Updated: August 27, 2025
“समर्पण, अनुशासन और समावेशिता के माध्यम से विविधता में एकता: संघ की शताब्दी यात्रा” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य केवल संगठन तक सीमित नहीं है।…
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पर्यावरण कानून और उत्तर प्रदेश राज्य: एक समग्र दृष्टिकोण
Updated: August 27, 2025
“प्रकृति स्वयं धर्म है, उसका संरक्षण ही हमारा कर्तव्य है।” यह कथन आधुनिक समाज के लिए अत्यंत प्रासंगिक है, जहाँ विकास की परिभाषा केवल आर्थिक…
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चक्र और चरखा की स्वदेशी महिमा से प्रेरणा की जरूरत
Updated: August 27, 2025
संदर्भः- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की मजबूती के लिए श्रीकृष्ण और गांधी से प्रेरणा की जरूरत जताई प्रमोद भार्गव बदलती स्थितियों में परिवर्तन के…
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आत्मनिर्भरता व स्वदेशी के मूल मंत्र से ही भारत होगा मजबूत व सुरक्षित
Updated: August 27, 2025
मृत्युंजय दीक्षित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई कीर्तिमान एक साथ रच डाले । लाल किले की प्राचीर से 103 मिनट तक बोलते…
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लड़की की मौत और हमारी घातक धारणाएँ
Updated: August 27, 2025
“हर लापता बेटी के साथ हमारी सोच की परीक्षा होती है — अफ़वाह नहीं, संवेदनशीलता ज़रूरी है” हर लापता लड़की के साथ हमारी संवेदनशीलता और…
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पंख और उड़ान – भारत की स्वतंत्रता और आत्मविकास
Updated: August 25, 2025
बोधार्थी रौनक़ भारत की आज़ादी केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक चेतना है — वह चेतना जिसने सदियों की पराधीनता के अंधेरे को चीरकर इस…
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संसद के नियमों में हो परिवर्तन
Updated: August 25, 2025
देश के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक प्रतिष्ठान अर्थात देश की संसद की अवमानना करना अब एक प्रचलन बन चुका है। संसद…
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एक महान क्रांतिकारी के साथ कर रही है कोलकाता नगर निगम अत्याचार
Updated: August 25, 2025
कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि 30 अगस्त 1888 को कलकत्ता के समीप चंद्रनगर में एक बालक का जन्म हुआ। बालक का जन्म चूंकि कृष्ण जन्माष्टमी के…
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