भारत में अल्टरनेट एसओजीआई समुदाय और मानसिक स्वास्थ्य
Updated: May 22, 2025
अमरपाल सिंह वर्मा भारत में मानसिक स्वास्थ्य आज भी एक उपेक्षित और कलंकित विषय बना हुआ है। आम समाज में भी इसके बारे में खुलकर बात करना दुर्लभ है, लेकिन यह चुप्पी तब और भयावह रूप ले लेती है जब हम उन व्यक्तियों की बात करते हैं जो पारंपरिक यौन और लैंगिक पहचान से अलग हैं जैसे कि ट्रांसजेंडर, गे, लेस्बियन, बाइसेक्शुअल, क्वीर और नॉन-बाइनरी लोग। इन सभी को मिलाकर अल्टरनेट एसओजीआई (सेक्सुअल ओरिएंटेशन एंड जेंडर आइडेंटिटी) समुदाय कहा जाता है। यह समुदाय न केवल सामाजिक अस्वीकार्यता का शिकार है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित भी है। एसओजीआई समुदाय के सदस्य अक्सर बचपन से ही भेदभाव, तिरस्कार और हिंसा का सामना करते हैं. कभी स्कूलों में मजाक बनकर, कभी घर से निकाले जाने पर, तो कभी कार्यस्थलों पर अस्वीकार किए जाने के रूप में। यह बहिष्कार धीरे-धीरे मानसिक पीड़ा, अकेलेपन और आत्म-संदेह को जन्म देता है। कई अध्ययन बताते हैं कि एलजीबीटीआईक्यू+ समुदाय के लोग डिप्रेशन, एंग्जायटी और आत्महत्या की प्रवृत्ति के शिकार आम लोगों की तुलना में कई गुना अधिक होते हैं। ट्रांसजेंडर समुदाय के भीतर आत्महत्या का जोखिम बेहद चिंताजनक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 31 प्रतिशत ट्रांसजेंडर लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया है। इसके पीछे सामाजिक तिरस्कार, रोजगार का अभाव, हिंसा, और हेल्थकेयर सिस्टम द्वारा उपेक्षा प्रमुख कारण हैं। भारत का स्वास्थ्य ढांचा वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद कमज़ोर है। 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर औसतन 0.3 मनोचिकित्सक हैं। जब सामान्य नागरिकों तक ही सेवाएं नहीं पहुँच रही हैं, तो एसओजीआई समुदाय की स्थिति और भी बदतर हो जाती है। बहुत से डॉक्टर, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एलजीबीटीआईक्यू+ पहचान को ‘बीमारी’ मानते हैं या इसे ‘सुधारने’ की कोशिश करते हैं। इससे व्यक्ति इलाज के बजाय और अधिक मानसिक उत्पीड़न का शिकार होता है। इसके अलावा, एसओजीआई समुदाय को स्वास्थ्य संस्थानों में भेदभाव, उपहास और असंवेदनशील व्यवहार का सामना करना पड़ता है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग टॉयलेट या वार्ड की व्यवस्था तक नहीं है, जिससे वे स्वास्थ्य सेवाओं से दूर भागने को मजबूर होते हैं। भारत के शहरी इलाकों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में जहां कुछ गैर सरकारी संगठन और काउंसलिंग सेवाएं एलजीबीटीआईक्यू+ फ्रेंडली बन रही हैं, वहीं बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्यों में स्थिति काफी चिंताजनक है। यहाँ न तो संवेदनशील डॉक्टर हैं और न ही एलजीबीटीआईक्यू+ समुदाय के लिए कोई विशेष मानसिक स्वास्थ्य नीति या योजना। हाल के वर्षों में भारत में कुछ महत्वपूर्ण कानूनी धारा 377 की समाप्ति, ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम आदि जैसे कदम उठाए हैं लेकिन एसओजीआई समुदाय के अधिकारों की पैरवी करने वाले संगठनों का कहना है कि ज़मीनी स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सुधारों का अभाव है। एसओजीआई समुदाय के अधिकारों की पैरवी करने वाले संगठनों का कहना है कि डॉक्टरों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को एलजीबीटीआईक्यू+ समुदाय के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए ट्रेनिंग अनिवार्य होनी चाहिए। क्षेत्रीय भाषाओं में काम करने वाले काउंसलिंग केंद्रों और टोल-फ्री हेल्पलाइनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।स्कूल स्तर से ही यौन विविधता और मानसिक स्वास्थ्य को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना होगा ताकि अगली पीढ़ी में समावेशी दृष्टिकोण विकसित हो।एलजीबीटीआईक्यू+ संगठनों और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी हो, जिससे स्थानीय स्तर पर सहायता और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। सरकार को एलजीबीटीआईक्यू+ समुदाय की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति पर राज्यवार आंकड़े एकत्र करने चाहिए ताकि नीतियाँ ज़मीनी जरूरतों पर आधारित बन सकें। भारत में एसओजीआई समुदाय का मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर, मगर अदृश्य संकट बना हुआ है। संगठनों का कहना है कि जब तक समाज इस चुप्पी को नहीं तोड़ेगा और सरकार अपने नीतिगत ढांचे में सुधार नहीं लाएगी, तब तक यह समुदाय अपनी पहचान और अस्तित्व की लड़ाई में अकेला पड़ता रहेगा। मानसिक स्वास्थ्य केवल इलाज की नहीं, बल्कि गरिमा, स्वीकृति और आत्मसम्मान की भी लड़ाई है।
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आखिर क्यों घट रही है गंगा डॉल्फिन की आबादी ?
Updated: May 22, 2025
पर्यावरण प्रदूषण की समस्या आज भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। मनुष्य तो मनुष्य पशु-पक्षियों और जलीय जीवों…
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पाक-ड्रैगन की एक चाल: भारत का सतर्कता बरतना आवश्यक !
Updated: May 22, 2025
हाल ही में भारत के थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज’ ने एक खुलासा किया है कि चीन की सैटेलाइट मदद से पाकिस्तान को…
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सिंधु जल समझौते पर क्या होगा भारत का रुख?
Updated: May 22, 2025
संजय सिन्हा सिंधु जल समझौते को लेकर सुर्खियां बनी हुई हैं। हालांकि भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं लेकिन सिंधु जल समझौता…
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पाकिस्तान के नापाक इतिहास से सबक लेने का समय!
Updated: May 22, 2025
डॉ. बालमुकुंद पांडेय मूल प्रश्न यह है कि पाकिस्तान आखिर क्यों गलत नीतियों का चयन करता है? पाकिस्तान क्यों सभ्य राष्ट्र – राज्यों के मौलिक…
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क्या कांग्रेस श्री राम के अस्तित्व को स्वीकार करने में हिचकिचाती है?
Updated: May 22, 2025
गजेंद्र सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस श्री राम के ऐतिहासिक अस्तित्व को स्वीकार करती है या नहीं, यह प्रश्न हाल ही में सार्वजनिक बहस में फिर…
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संकटकाल में घिनौनी राजनीति
Updated: May 22, 2025
राजेश कुमार पासी राजनीति में टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है, कब क्या करना है, ये बात अगर आपको पता है तो आप राजनीति में सफल…
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‘बिग बॉस 18’ फेम एक्ट्रेस चुम दरंग
Updated: May 22, 2025
सुभाष शिरढोनकर 16 अक्टूबर 1991 को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट के एक जनजाति परिवार में पैदा हुई मॉडल, एक्ट्रेस, सामाजिक कार्यकर्ता और उद्यमी, चुम दरंग अपनी असाधारण खूबसूरती, बहुमुखी प्रतिभा और मजबूत…
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राहु-केतु बदलेंगे राशि , सभी राशियाँ होगी प्रभावित।
Updated: May 21, 2025
ज्योतिर्विद मनीष भाटिया वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मायावी ग्रह राहु और केतु ने लगभग 18 महीने के बाद,18 मई 2025 से अपना स्थान परिवर्तन किया है । राहु ग्रह मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे और केतु ग्रह कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। राहु केतु की इस उल्टी चाल से लगभग सभी राशियां प्रभावित होंगीं। राहु केतु का यह राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए तो बहुत ही शुभ रहेगा, औऱ कुछ राशि वालों के लिए बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। अलग-अलग राशियों पर राहु केतु के इस राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा।मेष राशि :- मेष राशि वाले जातकों के लिए राहु का राशि परिवर्तन लाभ स्थान से होगा । राहु का लाभ स्थान में गोचर बहुत ही शुभ माना जाता है। राहु के इस अच्छी परिवर्तन से मेष राशि वाले जातकों को कई स्रोतों से धन लाभ होने का योग बनेगा। वही केतु का गोचर मेष राशि वालों के पंचम भाव से होगा जो पेट संबंधित समस्याएं दे सकता है तथा विद्या अध्ययन में बाधा उत्पन्न करेगा। मेष राशि वालों के लिए शनि की साडेसाती भी चल रही है और धन का काफी व्यय और नुकसान होने के योग बन रहे हैं। राहु के गोचर से लाभ और शनि के गोचर से नुकसान, व्यय का योग बन रहा है। क्योंकि मेष राशि वालों की धनी की साडेसाती भी लगी हुई है अतः इनका बहुत ही सावधानी से चलना चाहिए। नौकरी और पारिवारिक जीवन में भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मेष राशि वालों को हनुमान चालीसा पढ़ते रहने से तथा हनुमान मंदिर में जाकर दर्शन करने से काफी राहत महसूस होगी।वृष राशि :- वृषभ राशि वालों के लिए राहु का गोचर दसवें भाव से होगा तथा केतु का गोचर चौथे भाव से होगा।नौकरी में लाभ, स्थान परिवर्तन के योग तथा घरेलू सुख में बाधा उत्पन्न होने के योग हैं।माता की सेहत भी प्रभावित हो सकती है तथा माता के सुख में कुछ कमी आ सकती। वाहन सुख में भी कमी आएगी। वृषभ राशि वालों को अभी कोई भी जमीन ज्यादाद से संबंधित निवेश नहीं करना चाहिए। मां दुर्गा की पूजा करते रहने से लाभ के रास्ते खुलेंगे।मिथुन राशि :- मिथुन राशि वालों के लिए राहु का गोचर भाग्य भाव से होगा तथा केतु का गोचर तीसरे भाव से होगा।भाग्य में वृद्धि किंतु भाई बहनों से तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। मिथुन राशि वालों को जो घरेलू परेशानियों चल रही थी उनसे काफी रात महसूस होगी। नई जमीन ज्यादाद एवं वाहन खरीदने के योग बनेंगे। मिथुन राशि वालों को गणेश भगवान जी की पूजा करते रहना चाहिए ।कर्क राशि :- राहु का गोचर अष्टम भाव तथा केतु का गोचर द्वितीय भाव में होगा। कर्क राशि वालों को आपकी चाहत का बहुत ध्यान रखना चाहिए तथा चोट चपेट से बचें, वाहन सावधानी से चलाएं। वाणी पर नियंत्रण रखें तथा पारिवारिक विवादों से बचें । कर्क राशि वालों को ससुराल पक्ष से तनाव होने के योग बनेंगे। विवादों से बचने का प्रयास करें। भगवान कृष्ण की शरण में रहे।सिंह राशि :- सिंह राशि वालों के लग्न में केतु और सप्तम भाव में राहु का गोचर होगा। बहुत ज्यादा गुस्सा आएगा। छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत तनाव हो जाएगा और गुस्सा आ जाएगा। जीवनसाथी से भी तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। अपने गुस्से पर काबू करें । जीवनसाथी की सेहत भी प्रभावित होगी। अभी पार्टनरशिप के किसी भी कार्य में हाथ ना डालें। आपका शनि का अष्टम भाव भी चल रहा है। वर्तमान समय में सूर्य का गोचर दसवां भाग से चल रहा है। सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से आपकी नौकरी में पिछले कई महीनो से जो समस्याएं चली आ रही थी वह पिछले एक महीने से काफी कम हो गई है और आप काफी राहत महसूस कर रहा है। किंतु 14 अगस्त के बाद जब सूर्य का गोचर आपके 12 वें भाव से होगा तो नौकरी में फिर से समस्याएं उठने लगेंगी । आपके लिए राहु, केतु, मंगल और शनि का गोचर अभी शुभ नहीं चल रहा और कर्क राशि के मंगल भी बारहवे भाव में चल रहा है। नौकरी में स्थानांतरण के योग बन रहे हैं। मंगल के गोचर से आपको नौकरी में कोई बड़ी समस्या आने के योग हैं किंतु सूर्य के गोचर राहत मिल रही है। रविवार का व्रत रखें एवं सूर्य भगवान को रोज जल देते रहे।मंगलवार को लाल मसूर की दाल का दान करें।कन्या राशि :- राहु केतु के एक गोचर से कन्या राशि वालों को काफी राहत महसूस होगी क्योंकि केतु आप ही की राशि में चल रहे थे और अब आपकी राशि से निकलकर सिंह राशि में चले जाएंगे। राहु का गोचर आपकी छठे भाव में होगा। राहु केतु का या गोचर कन्या राशि वालों के लिए काफी शुभ साबित होगा। पिछले कई वर्षों से चली आ रही मानसिक समस्याएं खत्म होगी। आपके विरोधी परास्त होंगे। नौकरी व्यवसाय में लाभ की स्थिति बनेगी।धार्मिक यात्राओं के योग बनेंगे। देवी माता की पूजा करना आपके लिए बहुत शुभ रहेगा।तुला राशि :- तुला राशि वालों के लिए राहु केतु का यह गोचर सामान्य रहेगा। पेट संबंधित कुछ परेशानियां बनी रहेगी। आय वृद्धि के योग बनेंगे।वृश्चिक राशि :- वृश्चिक राशि वालों के लिए राहु केतु का गोचर, घरेलू सुख में कमी करेगा। नौकरी व्यवसाय में बहुत ही संभल कर चलने की आवश्यकता है, स्थानांतरण के योग बनेंगे। माता के सुख में कमी महसूस होगी एवं माता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। हनुमान जी की पूजा करना आपके लिए बहुत ही शुभ रहेगा।धनु राशि :- धनु राशि वाले जातकों के लिए राहु केतु का यह गोचर शुभ रहेगा। अभी तक आपके चौथे भाव में राहु और शनि का पिशाच योग बना हुआ था, अब राहु के वहां से निकल जाने से पिशाच योग भंग होगा। मानसिक तनाव में कमी आएगी परंतु मानसिक तनाव बना रहेगा क्योंकि आपका शनि का ढैया चल रहा है। घरेलू परेशानियों भी कुछ कम होगी। क्योंकि गुरु की दृष्टि आपकी लगन पर पड़ रही है इसलिए आपको मान सम्मान यश में वृद्धि होगी और गुरु के गोचर के प्रभाव से आपको काफी राहत मिलेगी।पीले चंदन का तिलक हर रोज अपने माथे पर लगाएं।मकर राशि :- राहु का गोचर आपके परिवार भाव में होगा और केतु का गोचर आपकी अष्टम भाव में होगा। अपनी सेहत का ध्यान रखें।अगर रीड की हड्डी से संबंधित कोई परेशानी है तो लापरवाही ना करें। पारिवारिक विवादों से बचने का प्रयास करें। अचानक से धन लाभ के योग भी बनेंगे। बिना कमाया हुआ धन मिलने का योग है। क्योंकि आपकी शनि की साडेसाती खत्म हो गई है और शनि का गोचर आपकी तृतीय भाव में है इसलिए शनि का लाभ आपको मिलता रहेगा। हनुमान जी की पूजा करते रहे एवं हनुमान चालीसा का जाप रोज करें।कुंभ राशि :- राहु का गोचर आप ही की राशि में होने जा रहा है। मानसिक तनाव से बचना होगा। छोटी-छोटी बातों को दिल से ना लगाएं। जीवनसाथी से विवाद बिल्कुल भी ना करें एवं उनकी चाहत का ध्यान रखें। अपने माथे पर रोज पीले चंदन का तिलक लगाए एवं भगवान विष्णु अथवा उनके किसी भी अवतार की पूजा करते रहें।मीन राशि :- मीन राशि वालों का शनि की साडेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। अभी वर्तमान समय में शनि और राहु का पिशाच योग आप ही की राशि में बना हुआ था। राहु के इस राशि परिवर्तन से शनि राहु का पिशाच योग खत्म हो जाएगा, जिससे आपकी मानसिक तनाव में काफी कमी आएगी परंतु राहु का गोचर आपका व्यय भाव में होने से आपके खर्चों में निरंतर वृद्धि होगी। अभी 14 जून तक सूर्य भगवान का गोचर आपकी तृतीय भाव में रहेगा जिससे आपका धन भाव और परिवार पाप कर्तवी योग में रहेगा। राहु की पांचवी दृष्टि आपके घरेलू सुख पर पड़ेगी। अभी 15 जून तक कहीं भी किसी भी प्रकार का निवेश करने से बचे हैं क्योंकि आपका धन भाव पाप कर्तवी योग में चल रहा है। मीन राशि वाले जातकों की परेशानियां कुछ कम तो होगी लेकिन अभी खत्म नहीं होंगीं । हां गुरु बृहस्पति का गोचर आपके लिए शुभ रहेगा।अपने माथे पर रोज हल्दी का या पीले चंदन का तिलक लगाए।। ज्योतिर्विद मनीष भाटिया
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भजन: ब्रज धाम की होली
Updated: May 21, 2025
तर्ज: ब्रज रसिया मु: रंग्यौ ब्रज धाम होली के रंग में।होली के रंग में, होली के रंग में। -२रंग्यौ ब्रज धाम होली के रंग में।…
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असीम मुनीर के फील्ड मार्शल बनने के निहित अर्थ
Updated: May 21, 2025
भारत के द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध किए गए ‘ ऑपरेशन सिंदूर’ का सबसे अधिक लाभ यदि किसी को मिला है तो वह पाकिस्तान के आर्मी…
Read moreबिकती वफ़ादारी, लहूलुहान वतन
Updated: May 20, 2025
किसने बेची थी, ये हवाओं की खुशबू,किसने कांपती जड़ों में, जहर घोला था,किसने गिरवी रखी थी, मिट्टी की सुगंध,किसने अपने ही आंगन को, लहूलुहान बोला…
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