पर्यावरण अन्तरिक्ष की उड़ान ले रही जलवायु की जान

अन्तरिक्ष की उड़ान ले रही जलवायु की जान

मयूरी सोचिए — एक तरफ़ दुनिया भयंकर गर्मी, बाढ़ और खाने के संकट से जूझ रही है, और दूसरी तरफ़ चंद अमीर लोग कुछ मिनटों के लिए…

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राजनीति सिंधु संधि पर भारत का नया रुख: कूटनीति से जलनीति तक

सिंधु संधि पर भारत का नया रुख: कूटनीति से जलनीति तक

·       डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र 23 अप्रैल को पहलगांव में आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। भारत ने…

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कला-संस्कृति भौतिकता एवं आध्यात्मिकता की अक्षय मुस्कान का पर्व

भौतिकता एवं आध्यात्मिकता की अक्षय मुस्कान का पर्व

अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, 2025 पर विशेष– ललित गर्ग-अक्षय तृतीया महापर्व का न केवल सनातन परम्परा में बल्कि जैन परम्परा में विशेष महत्व है। इसका…

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राजनीति पाक के खिलाफ कूटनीतिक एवं रणनीतिक दबाव जरूरी

पाक के खिलाफ कूटनीतिक एवं रणनीतिक दबाव जरूरी

-ललित गर्ग- पाकिस्तान की पहचान एक ऐसे देश के रूप में है जो कमजोर है, असफल है, कर्ज में डूबा है, अपने नागरिकों के हितों…

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राजनीति बौखलाहट में खुद का नुकसान कर रहा पाकिस्तान

बौखलाहट में खुद का नुकसान कर रहा पाकिस्तान

राजेश जैन  पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित करने सहित पांच बड़े कदम उठाए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी बौखलाहट में कई तात्कालिक फैसले कर डाले। इनमें शिमला समझौते को रद्द करना, भारतीय उड़ानों के लिए अपने एयरस्पेस को बंद करना और वाघा सीमा चौकी को बंद करने जैसे कदम शामिल हैं लेकिन विशेषज्ञों की राय में पाकिस्तान के ये कदम उसे खुद ही अधिक नुकसान पहुंचाएंगे, जबकि भारत को इससे रणनीतिक और कूटनीतिक फायदे मिल सकते हैं। शिमला समझौते को स्थगित करना पाकिस्तान का एक बड़ा निर्णय रहा। 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस समझौते ने कश्मीर विवाद को द्विपक्षीय दायरे में सीमित रखा था लेकिन पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से इस समझौते का कई बार उल्लंघन किया है। अब जब पाकिस्तान खुद इसे रद्द कर रहा है तो भारत पर किसी समझौता-उल्लंघन का आरोप लगने की संभावना खत्म हो जाती है। भारत अब एलओसी पर अपनी रणनीति के तहत बदलाव कर सकता है और आतंकवाद से निपटने के लिए जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब वैश्विक शक्तियां, जो पहले ‘द्विपक्षीयता’ के कारण सीमित थीं, भारत के कदमों का खुलकर समर्थन कर सकती हैं।वहीं, पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करना एक और भावनात्मक प्रतिक्रिया रही। यह सही है कि इससे भारतीय एयरलाइनों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, रूट लंबा होगा और टिकटें महंगी हो सकती हैं लेकिन दीर्घकालिक नजरिए से देखें तो भारत अपनी एविएशन रणनीति को और मजबूत कर सकता है और वैकल्पिक मार्ग विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। पाकिस्तान को भी इस निर्णय का नुकसान झेलना होगा। पहले भी 2019 में एयरस्पेस बंदी के दौरान पाकिस्तान की एविएशन इंडस्ट्री को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था। पाकिस्तान द्वारा वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करने का फैसला और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) वीजा छूट रद्द करना भी उसी आत्मघाती प्रतिक्रिया का हिस्सा है। वाघा बॉर्डर से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक गतिविधियां  संचालित होती थीं, जिससे पाकिस्तान को भी फायदा होता था। इस मार्ग के बंद होने से पाकिस्तान की पहले से जर्जर अर्थव्यवस्था पर और भार पड़ेगा। खासकर अफगानिस्तान के लिए ट्रांजिट ट्रेड प्रभावित होगा, जिससे पाकिस्तान की भूराजनैतिक स्थिति और भी कमजोर हो सकती है। भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों से सैन्य सलाहकारों को हटाना तथा कर्मचारियों की संख्या घटाना भी दोनों देशों के बीच संवाद के न्यूनतम चैनल को खत्म करने जैसा है। इससे गलतफहमियां बढ़ने का खतरा है। हालांकि, भारत के लिए यह भी एक अवसर है कि वह पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क और गतिविधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए, बिना यह चिंता किए कि इसका कोई राजनयिक संवाद बाधित होगा। भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का असर पाकिस्तान पर सबसे गहरा होगा। पाकिस्तान का कृषि क्षेत्र काफी हद तक सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है। इस पानी की आपूर्ति में कमी आने से कृषि उत्पादन घटेगा, बिजली संकट बढ़ेगा और आर्थिक संकट गहरा सकता है। सिंधु जल समझौता पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा की तरह था, और इसका स्थगन पाकिस्तान की जनता पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालेगा। भारत ने यह कदम उठाकर एक स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद को प्रश्रय देने की कीमत चुकानी पड़ेगी। स्पष्ट है कि पाकिस्तान ने बौखलाहट में ऐसे फैसले लिए हैं जो तात्कालिक रूप से उसके लोगों के आक्रोश को संतुष्ट कर सकते हैं, लेकिन दीर्घकाल में उसके खुद के लिए विनाशकारी साबित होंगे। भारत ने अपने फैसलों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। पाकिस्तान का हर कदम उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर और अलग-थलग करेगा, जबकि भारत वैश्विक समर्थन के साथ अपने हितों की रक्षा करने की मजबूत स्थिति में आ जाएगा। इसलिए अब भारत को संयमित तरीके से आगे बढ़ते हुए इस परिस्थिति का लाभ उठाना चाहिए, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक मजबूत संदेश जाए कि आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।   राजेश जैन

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राजनीति भारत के लिये स्थाई सिरदर्द बन चुका आतंक पोषक पाकिस्तान

भारत के लिये स्थाई सिरदर्द बन चुका आतंक पोषक पाकिस्तान

  तनवीर जाफ़री  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए बर्बरतापूर्ण व अमानवीय आतंकी हमले को देश जल्दी भुला नहीं पायेगा। इसमें 27 बेगुनाहों…

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प्रवक्ता न्यूज़ भारत ने 17.1 मिलियन लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला

भारत ने 17.1 मिलियन लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला

(विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट) पहलगाम आतंकी हमले की बहुत ही दुखद खबर के बाद हाल ही में विश्व बैंक से एक अच्छी खबर आई…

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समाज हरियाणा के एक गांव ने बेटियों-बहुओं को घूंघट से दी आज़ादी

हरियाणा के एक गांव ने बेटियों-बहुओं को घूंघट से दी आज़ादी

ढाणी बीरन की चौपाल से उठी नई सुबह: “परंपरा तब तक सुंदर है, जब तक वह पंख न काटे। घूंघट हटा, तो सपनों ने उड़ान…

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कहानी मेहमान

मेहमान

पाँच की मैगी साठ में खरीदी,सौदा भी कोई सौदा था?खच्चर की पीठ पे दो हज़ार फेंके,इंसानियत भी कोई इरादा था? बीस के पराठे पर दो…

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लेख पशु सेवा, जनसेवा से कम नहीं

पशु सेवा, जनसेवा से कम नहीं

“विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर एक विमर्श” विश्व पशु चिकित्सा दिवस हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पशु चिकित्सकों…

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समाज ‘अक्षय’ संकल्प लें बाल विवाह के खिलाफ

‘अक्षय’ संकल्प लें बाल विवाह के खिलाफ

मनोज कुमारसमय बदल रहा है लेकिन हमारी सोच आज भी वही पुरातन है. आधुनिक बनने का भले ही ढोंग करें लेकिन भीतर से हम रूढि़वादी…

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कविता जातिवाद और साम्प्रदायिकता का जहर इस कदर फैला

जातिवाद और साम्प्रदायिकता का जहर इस कदर फैला

—विनय कुमार विनायकजातिवाद और साम्प्रदायिकता का जहर इस कदर फैलाकि भारत माता का आंचल हो गया दागदार व मटमैलाआज आरक्षण व अन्य सुविधाएँ इसी आधार…

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