कृषि के लिए मानसूनी बारिश के शुभ संकेत
सुरेश हिन्दुस्थानी यह बात शत प्रतिशत सही है कि भारत कृषि आधारित देश है, कृषि
सुरेश हिन्दुस्थानी यह बात शत प्रतिशत सही है कि भारत कृषि आधारित देश है, कृषि
राकेश कुमार आर्य   भारत का ‘अन्नदाता’ इस समय आत्महत्या कर रहा है। जैसे-जैसे
मंदसौर में जो कुछ हुआ वह चिन्ता का विषय है। कांगे्रस की उसमें भूमिकी रही होगी, यह भी स्वाभाविक है। क्योंकि मध्यप्रदेश में कांगे्रस विपक्षी दल की भूमिका में है। विपक्षी दल होने के नाते उससे सरकार के समर्थन की अपेक्षा करना संभव ही नहीं है। सरकार की ओर से भी कहा गया है कि इस आंदोलन के पीछे कांगे्रस का हाथ है। यह सही भी हो सकता है, लेकिन संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि आंदोलन में असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए थे, ऐसे में सवाल आता है कि अगर असामाजिक तत्व शामिल थे तब सरकार का गुप्तचर विभाग क्या कर रहा था।
ललित गर्ग – बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में
तनवीर जाफ़री शाही ठाठ-बाठ और असाधारण जीवन शैली के लिए कारपोरेट जगत में अपनी विशेष
उत्तर प्रदेश के मथुरा में पिछले 17 साल से भटक रहे लगभग पच्चीस हजार
–अशोक “प्रवृद्ध”- गोंदल सिंह गाँव का एक लघु कृषक था और अपने गाँव में रहकर
-विशाल त्यागी- अन्नदाता : भारत देश में यह एक परिचित सा शब्द है, जो हर रोज
किसान दिन-रात मेहनत कर अपनी फसल को उगाता है। लेकिन जब उसपर कुदरत मेहरबान
-सिद्धार्थ शंकर गौतम- विडम्बना देखिए, हमारे कृषि प्रधान देश में अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर
-कुमार सुशांत- आम आदमी पार्टी द्बारा भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में बुधवार को नई
-नीतेश राय – एक समय था जब कांग्रेस अपने चुनावी सभाओं में मतदाताओं को दो बैलों