महिला-जगत बेटी कब से पराया धन हो गई October 5, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on बेटी कब से पराया धन हो गई 11 अक्टूबर-बालिका दिवस पर विशेष सरिता सामरथ दूसरी बार अंतरिक्ष में पहुंचने वाली भारतीय मूल की सुनिता विलियम्स पर पूरा देश गौरवान्वित हो रहा है। हर तरफ भारत की इस बेटी की ही चर्चा हो रही है। यह कोई पहला अवसर नहीं है जब किसी भारतीय महिला ने देश की शान बढ़ाई है। इससे पहले […] Read more » नारी महिला
महिला-जगत @अन्नपूर्णा मित्तल; नारी पूजनीय है, नारी को भी ये याद रखना होगा? December 11, 2011 / December 11, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 5 Comments on @अन्नपूर्णा मित्तल; नारी पूजनीय है, नारी को भी ये याद रखना होगा? शादाब जफर शादाब आखिर कब रूकेगी औरतों पर होती यातनाएं, लेख प्रवक्ता पर पढा। अन्नपूर्णा मित्तल जी, आप एक महिला है और महिला होने के नाते आप ने जो भी लिखा, जो भी सुना वो सच नहीं। मुझे ये तो ज्यादा पता नहीं कि दुनिया मैं महिलाओं को लोग किस नजरिये से देखते है पर […] Read more » Woman औरत नारी महिला
महिला-जगत वर्तमान स्त्री : पूज्या या भोग्या August 1, 2011 / December 7, 2011 by राजीव गुप्ता | 12 Comments on वर्तमान स्त्री : पूज्या या भोग्या राजीव गुप्ता अहं केतुरहं मूर्धाहमुग्रा विवाचानी । ममेदनु क्रतुपतिरू सेहनाया उपाचरेत !! ( ऋग्वेद ) ( ऋग्वेद की ऋषिका -शची पोलोमी कहती है “मैं ध्वजारूप (गृह स्वामिनी ),तीव्र बुद्धि वाली एवं प्रत्येक विषय पर परामर्श देने में समर्थ हूँ । मेरे कार्यों का मेरे पतिदेव सदा समर्थन करते हैं ! ” ) संक्रमण काल के […] Read more » Woman नारी स्त्री
महिला-जगत ईसाई धर्म और नारी मुक्ति / प्रो. कुसुमलता केडिया July 2, 2011 / June 6, 2012 by प्रो. कुसुमलता केडिया | 26 Comments on ईसाई धर्म और नारी मुक्ति / प्रो. कुसुमलता केडिया प्रो. कुसुमलता केडिया क्रिश्चिएनिटी की जिन मान्यताओं के विरोध में यूरोपीय नारी मुक्ति आंदोलन वीरतापूर्वक खड़ा हुआ, वे मान्यताएं हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म तथा विश्व के सभी धर्मों में कभी थी ही नहीं। यहां तक कि यहूदी धर्म और इस्लाम में भी ये मान्यताएं कभी भी नहीं थीं। भले ही स्त्रियों पर अनेक प्रतिबंध इस्लाम […] Read more » Christian क्रिश्चियन नारी महिला
महिला-जगत भारतीय चिंतन में नारी दृष्टि October 11, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on भारतीय चिंतन में नारी दृष्टि -हृदयनारायण दीक्षित मां सृष्टि की आदि अनादि अनन्य अनुभूति है। प्रत्येक जीव मां का विकास है। मां प्रथमा है। दिव्यतम् और श्रेष्ठतम् अनुभूति है मां। इसलिए सभ्यता विकास के प्रारंभिक चरण में ही मनुष्य को जहां-जहां अनन्य प्रीति मिली, वहां-वहां उसने मां की अनुभूति पाई। जल जीवन का प्राण है। जल नहीं तो जीवन नहीं। […] Read more » Woman नारी
प्रवक्ता न्यूज़ स्त्री संस्कृति का जादुई संसार October 6, 2010 / December 21, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 4 Comments on स्त्री संस्कृति का जादुई संसार -जगदीश्वर चतुर्वेदी हजारों सालों बाद आज भी औरत एक पहेली बनी हुई है। उसका शरीर, आचार, विचार, संभोग, जादू-टोना, प्रेम आदि सभी के बारे में पंडितों में भयानक भ्रम बना हुआ है। हमारे भक्ति आंदोलन के विचारकों में एक हैं पुरूषोत्तम अग्रवाल। उन्होंने अपनी किताब में कबीर के साहित्य में ‘शाश्वत स्त्रीत्व’ की खोज की […] Read more » Woman नारी
जरूर पढ़ें समाज पुरुष से ऊंचा स्थान है नारी का हिंदू परंपरा में August 13, 2010 / April 13, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 127 Comments on पुरुष से ऊंचा स्थान है नारी का हिंदू परंपरा में -राजीव त्रिपाठी भारतीय संस्कृति में नारी का उल्लेख जगत्-जननी आदि शक्ति-स्वरूपा के रूप में किया गया है। श्रुतियों, स्मृतियों और पुराणों में नारी को विशेष स्थान मिला है। मनु स्मृति में कहा गया है- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:। यत्रेतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तफला: क्रिया।। जहाँ नारी का समादर होता है वहाँ देवता प्रसन्न रहते […] Read more » Hindu Religion नारी हिंदू धर्म
महिला-जगत स्त्री विमर्श और डॉ. लोहिया August 7, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on स्त्री विमर्श और डॉ. लोहिया – डॉ. सुमन सिंह भारतीय सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में जन्में डॉ0 राममनोहर लोहिया अनिश्वरवादी थे। वह हिन्दू होते हुए भी हिन्दू धर्म की मूल-मान्यताओं के कट्टर विरोधी थे। व धर्म को ईश्वर से न जोड़कर, मानव प्राणियों की भलाई के एक साधन के रूप में मानते थे। वे वर्णाश्रम व्यवस्था को भारतीय समाज में कोढ़ मानते […] Read more » Woman नारी राममनोहर लोहिया
महिला-जगत वर्तमान युग की नारी July 21, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 14 Comments on वर्तमान युग की नारी – नीलम चौधरी ”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्त फलाः क्रिया”॥ अर्थात् जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं जहां ऐसा नहीं होता वहाँ समस्त यज्ञार्थ क्रियाएं व्यर्थ होती है। यह विचार भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ है। भारत में स्त्रियों को सदैव उच्च स्थान दिया गया […] Read more » Woman नारी
समाज नारी तुम केवल श्रद्घा थी…….! December 15, 2009 / December 25, 2011 by पंकज झा | 20 Comments on नारी तुम केवल श्रद्घा थी…….! नयनतारा सहगल की योरोप यात्रा के दौरान उनके पहनावे (साड़ी) को देखकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए एक अंग्रेज ने उनसे पूछा था, आपके इस ड्रेस में न कहीं बटन है, न आप बेल्ट से इसे बांधती हैं, क्या यह कभी खुल नहीं जाता? गिर नहीं जाता यह? सहगल का जवाब था…… यह पिछले हजारों-हजार साल […] Read more » Woman नारी