Tag: मांसाहार

समाज

“हमारे निमित्त से होने वाला वायु प्रदुषण हमारे परजन्म के सुखों में बाधक होंगे”

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मनमोहन कुमार आर्य,  मनुष्य जीवन में यदि किसी भौतिक वस्तु का सबसे अधिक महत्व है तो वह वायु है। वायु हमारे जीवन का प्रमुख आधार है। हम श्वास-प्रश्वास में वायु का ही सेवन करते हैं। हमें श्वास लेने में शुद्ध वायु की आवश्यकता होती है और जब हम श्वास छोड़ते हैं तो अशुद्ध वायु या […]

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धर्म-अध्यात्म

“यदि स्वामी दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द न होते तो स्वामी रामदेव भी न होते : स्वामी रामदेव”

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  मनमोहन कुमार आर्य,  तीन दिवसीय गुरुकुल सम्मेलन, गुरुकुल कांगड़ी परिसर में 6 जुलाई, 2018 को आरम्भ हुआ। अपरान्ह 4 बजे से सम्मेलन का उद्घाटन समारोह हुआ जिसे पतंजलि योगपीठ के विश्व विख्यात योगाचार्य स्वामी रामदेव जी, मेघालय के राज्यपाल ऋषिभक्त श्री गंगा प्रसाद जी एवं कई आर्य संन्यासी एवं नेताओं ने सम्बोधित किया। स्वामी […]

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समाज

निरीह जीवों की निर्मम हत्या से बना भोजन क्यों?

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निया के किसी भी धर्म में मांसाहार का उपदेश नहीं दिया गया है। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने कहा है कि मांसाहार से मनुष्य का स्वभाव हिंसक हो जाता है, जो लोग मांस भक्षण या मदिरापान करते हैं, उनके शरीर तथा वीर्यादि धातु भी दूषित हो जाते हैं। बौद्ध धर्म में पंचशील अर्थात सदाचार के पाँच नियमों में प्रथम और प्रमुख नियम किसी प्राणी को दुःख न देना है। बौद्ध धर्म के मतानुसार बुद्धिमान व्यक्ति को आपातकाल में भी मांस खाना उचित नहीं है।

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