विधि-कानून समाज समलैंगिकता : सुप्रीम कोर्ट, सरकार और मीडिया February 14, 2016 by डॉ. मनीष कुमार | Leave a Comment समलैंगिक सेक्स अपराध है या नहीं इस पर मंगलवार यानि 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. ऐसा लगता है कि मीडिया समलैंगिकता को वैधता दिलाने के पक्ष में है, लेकिन फैसला तो सुप्रीम कोर्ट को करना है. कोर्ट को यह तय करना है कि दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला सही है या गलत. 2009 […] Read more » Featured Homosexuality supreme court on homosexuality समलैंगिकता सरकार और मीडिया सुप्रीम कोर्ट
समाज सोनिया कांग्रेस के लिये देश में प्रमुख मुद्दा समलैंगिकता है December 15, 2013 / December 15, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री सोनिया कांग्रेस की हाल ही में , पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिये चुनावों में जबरदस्त हार हुई है । केवल हार ही नहीं , दिल्ली राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो उसका सूपडा ही साफ हो गया है । थोडी बहुत लाज मिजोरम में चर्च ने बचा दी , अन्यथा […] Read more » Homosexuality मुद्दा समलैंगिकता समलैंगिकता
समाज समलैंगिक संबंध-मर्यादा व नैतिकता के आईने में December 12, 2013 by निर्मल रानी | 2 Comments on समलैंगिक संबंध-मर्यादा व नैतिकता के आईने में निर्मल रानी दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2009 में जिस समय समलैंगिक संबंधों को वैध कऱार देने संबंधी एक याचिका पर निर्णय सुनाते हुए इसे वैध ठहराया था उस समय भी देश में यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना था। गौरतलब है कि 2001 में समलैंगिक संबंधों को वैध ठहराने हेतु ऐसे संबंधों की […] Read more » समलैंगिकता
राजनीति समलैंगिकता प्रकृति के नियमों के विरूद्घ August 10, 2012 / August 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on समलैंगिकता प्रकृति के नियमों के विरूद्घ राकेश कुमार आर्य प्राचीनता और नवीनता दो विरोधी धारायें नहीं हैं। समाज की उन्नति के लिए इन दोनों को समन्वय बड़ा आवश्यक है। विज्ञान के नवीन आविष्कारों का और अनुसंधानों का लाभ लेने के लिए हमें सदा नवीनता का समर्थक रहना चाहिए। इसी से सभ्यता का विकास होता है। इसीलिए कालिदास जैसे महाकवि ने अपनी […] Read more » gay lesbiens समलैंगिकता
प्रवक्ता न्यूज़ समलैंगिकता : समाजशास्त्रीय विवेचन March 20, 2011 / December 14, 2011 by नन्द किशोर कुमावत | 1 Comment on समलैंगिकता : समाजशास्त्रीय विवेचन समलैंगिकता के संबंध में भी वैसी ही वर्जनाएँ तथा अनुमतियां होती हैं, जैसी कि अन्य प्रकार की यौन गतिविधियों में। हिमालय के लैपचा लोगों में यदि कोई पुरूष आंडू सूअर का मांस खा लेता है तो उसे समलैंगिक माना जाता है। लैपचा का कहना है कि उनके यहाँ समलैंगिकता अनजानी है और उसकी चर्चा भी […] Read more » Homosexuality समलैंगिकता
समाज समलैंगिकता मानसिक रोग ही नहीं, समाज व प्रकृति के विरूद्ध अपराध भी July 11, 2009 / December 27, 2011 by अम्बा चरण वशिष्ठ | 6 Comments on समलैंगिकता मानसिक रोग ही नहीं, समाज व प्रकृति के विरूद्ध अपराध भी देखा जाये तो हमारी वर्तमान सोच में बड़ी विसंगतियां हैं, बड़ी विकृतियां हैं, बड़ा विरोधाभास भी है। एक ओर तो हम अपनी संस्कृति, अपनी भारतीयता तथा अपने आदर्शों पर बड़ा गर्व करते हैं तो दूसरी ओर हम उदारवादी भी बनना चाहते हैं। Read more » Homosexuality समलैंगिकता