विविधा
भ्रष्टाचार एवं अत्याचार की खिलाफत क्यों जरूरी?
/ by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश‘ आज जबकि कदम-कदम पर लोगों के मान-सम्मान को बेरहमी से कुचला जा रहा है। अधिकतर लोगों के कानूनी, संवैधानिक, प्राकृतिक एवं मानव अधिकारों का खुलेआम हनन एवं अतिक्रमण हो रहा है। हर व्यक्ति को मनमानी, गैर-बराबरी, भेदभाव एवं भ्रष्टाचार का सामना करना पड रहा है। विकलांग, वृद्ध, निःशक्तजन, छोटे बधे, बीमारों […]
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