कविता आज गोरक्षा सिर्फ संघ परिवार नहीं गांधीवादी व अहिन्दुओं के लिए भी है July 22, 2021 / July 22, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसृष्टि के आरंभ में अभाव था कृषि अन्न का,तभी जीव ही जीव का भोजन था,सृष्टि के आरंभ में परिवार बहुत ही कम थारिश्ते में बहन और भाई में विवाह का प्रचलन था! पर आज ऐसी परम्परा हिन्दुओं में नाजायज है एकदम हीं,आज पवित्र है मां, मातृसम नारियां बहन बेटी और गाय भी! आरंभ […] Read more » गोरक्षा
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का उद्देश्य सद्ज्ञान देकर आत्माओं को परमात्मा से मिलाना था” June 16, 2018 / June 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महाभारत के बाद ऋषि दयानन्द ने भारत ही नहीं अपितु विश्व के इतिहास में वह कार्य किया है जो संसार में अन्य किसी महापुरुष ने नहीं किया। अन्य महापुरुषों ने कौन सा कार्य नहीं किया जो ऋषि ने किया? इसका उत्तर है कि ऋषि दयानन्द ने अपने कठोर तप व पुरुषार्थ से […] Read more » “ऋषि दयानन्द का उद्देश्य सद्ज्ञान देकर आत्माओं को Featured अधर्म अन्धविश्वास ईश्वर ऋषि दयानन्द गोरक्षा परमात्मा से मिलाना था” मनुष्य अज्ञान हिन्दुओं
विविधा गोरक्षा व गोसंवर्धन का महत्व October 21, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य गो की महिमा वेदों सहित पुराण आदि समस्त ग्रन्थों में गायी गई है। आधुनिक युग के निर्माता महर्षि दयानन्द जी ने भी गोकरूणाविधि पुस्तक लिख कर गो की ओर देश व विश्व के शासकों एवं मनीषियों का ध्यान आकर्षित किया है। गो पालन को जीवन में सद्कर्म के रूप में मान्यता प्राप्त […] Read more » Featured गोरक्षा गोरक्षा का महत्व गोसंवर्धन गोसंवर्धन का महत्व
विविधा गोरक्षा या गोरखधंधा August 9, 2016 by विजय कुमार | Leave a Comment गत छह अगस्त को नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘टाउनहाल भाषण’ नामक कार्यक्रम में गोरक्षकों के संदर्भ में ‘गोरखधंधा’ और ‘गोरक्षा की दुकानें’ जैसी गंभीर टिप्पणियां की हैं। वे मानते हैं कि कुछ लोग रात में किये जाने वाले काले धंधे छिपाने के लिए दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से […] Read more » Featured गोरक्षा गोरखधंधा
समाज भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन एवं गोरक्षा November 7, 2015 / November 7, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन एवं गोरक्षा पर महर्षि दयानन्द के वेदसम्मत, देशहितकारी एवं मनुष्योचित विचार मनुष्य मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, ज्ञानी व अज्ञानी। रोग के अनेक कारणों में से मुख्य कारण भोजन भी होता है। रोगी व्यक्ति डाक्टर के पास पहुंचता है तो कुशल चिकित्सक जहां रोगी को रोग निवारण करने वाली ओषधियों […] Read more » Featured गोरक्षा भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन एवं गोरक्षा
कला-संस्कृति जन-जागरण क्यूँ करें गोरक्षा ? January 6, 2015 / January 6, 2015 by मानव गर्ग | 7 Comments on क्यूँ करें गोरक्षा ? हृदय में प्रभु की भक्ति की जल रही ज्योति से प्राप्त हुई प्रेरणा से गत वर्षों में गोरक्षा के विषय में मेरे मन में जो विचार उत्पन्न हुए हैं, उन्हें इस लेख के द्वारा मैं सङ्ग्रहीत कर रह हूँ । मेरा मानना है कि ये विचार ज्ञानी पुरुषों व इस विषय में अनुभवी व कार्यरत […] Read more » cow conservation गोरक्षा
जन-जागरण गोरक्षा युक्ति प्रमाण सिद्ध मनुष्य धर्म है December 19, 2014 / December 19, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् मनुष्य का धर्म क्या है व अधर्म किसे कहते हैं? आज का शिक्षित मनुष्य स्वयं को सभ्य कहता है परन्तु उसे यह पता ही नहीं की धर्म क्या है और अधर्म क्या है? हमें लगता है कि आजकल अनेक मतों में जिन बातों को धर्म माना जाता है उनमें से कुछ बातें धर्म न […] Read more » गोरक्षा गोहत्या राष्ट्र हत्या
जरूर पढ़ें ‘गोरक्षा राष्ट्र-रक्षा व गोहत्या राष्ट्र-हत्या है’ August 4, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- संसार में तीन पदार्थ अनादि हैं, ईश्वर, जीव व सृष्टि। जीवात्मा का स्वरूप सत्य, चेतन, अल्पज्ञ, एकदेशी, सूक्ष्म, आकार रहित, जन्म-मरण धर्म, शरीर को धारण करना, अपने ज्ञान व अज्ञान के अनुसार अच्छे व बुरे कर्म करना, ईश्वर उपासना, अग्निहोत्र करना, माता-पिता-आचार्यों व अतिथियों की सेवा, सत्कार, आज्ञा पालन आदि का करना […] Read more » गोरक्षा गोरक्षा राष्ट्र-रक्षा व गोहत्या राष्ट्र-हत्या है गोहत्या