राजनीति आप सरकार की कसौटी है जनता के द्वार योजना September 12, 2018 by ललित गर्ग | 1 Comment on आप सरकार की कसौटी है जनता के द्वार योजना ललित गर्ग: दिल्ली की ‘आप’ सरकार अब अपनी छवि को उजालने के प्रयास करती हुई दिखाई दे रही है। अपनी क्षमता एवं दक्षता का उपयोग वह जनता के हित में करने का यदि सोच रही है तो इसे हम राजनीति का एक उजला पृष्ठ कहेंगे। क्योंकि राजनीति वास्तविक अर्थों में जनसेवा ही है। आवश्यकता इसी […] Read more » आप सरकार जनता मोहल्ला क्लीनिक योजना
कविता माया अखिलेश का सत्ता के लिए मिलन April 5, 2018 by आर के रस्तोगी | 3 Comments on माया अखिलेश का सत्ता के लिए मिलन आर के रस्तोगी जो कभी दुश्मन थे,आज सत्ता के लिए मिलन हो रहा आज अखिलेश माया का चुनाव के लिए मिलन हो रहा क्या ये दोनों का मिलन भविष्य में,क्या कोई गुल खिलायेगा ? सन २०१९ का आने वाला चुनाव क्या इनको सत्ता दिलायेगा ? जो कभी परछाई के दुश्मन थे,आज एक दूजे के गले […] Read more » Featured अखिलेश यादव जनता दलित दुश्मनी भारत बंद मामता मायावती सुप्रीम कोर्ट सोनिया
राजनीति जनता को भरोसे में लेने की चुनौती June 13, 2015 / June 13, 2015 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment लालू प्रसाद यादव ने नीतीश के नेतृत्व में साथ मिलकर चुनाव लड़ने की हामी भर दी है। यह दीगर है कि उन्होंने यह निर्णय मन से लिया है या मजबूरी में या इसके पीछे उनकी कोई सुनियोजित रणनीति है। पर कुटनीतिक बिसात पर नीतीश ने उन्हें पहली ही चाल में पटकनी दे दी है। पछाड़ […] Read more » Featured जनता नीतीश नेतृत्व लालू प्रसाद यादव
समाज पुलिस बनाम जनता April 16, 2012 / April 16, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ यह सबसे बुरी और गलत बात है कि अधिक मुकदमे दर्ज होने का कारण आला पुलिस अधिकारियों द्वारा थानाधिकारी से पूछा जाता है। जबकि इसके विपरीत होना तो यह चाहिये कि जिस थाने में अधिक मुकदमे दर्ज हुए हों, उस थाने को जनता के प्रति अधिक संवेदनशीलता का प्रमाण-पत्र दिया जाना […] Read more » Police जनता पुलिस
राजनीति जनता के दबाव में बदल रहा है बीजेपी का एजेंडा ? September 24, 2011 / December 6, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 3 Comments on जनता के दबाव में बदल रहा है बीजेपी का एजेंडा ? हमारे देश में लोकतंत्र होने का फायदा हमें देर से ही सही मिलता नज़र आने लगा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी जी की भ्रष्टाचार के खिलाफ रथयात्राा और गुजरात के सीएम मोदी का सदभावना उपवास और सबके विकास का नारा बीजेपी के बदले एजेंडे का ही संकेत देता नज़र आ रहा है। भ्रष्टाचार के […] Read more » Agenda of PJP bjp Changing Agenda of BJP इक़बाल हिंदुस्तानी जनता बदल रहा है बीजेपी का एजेंडा बीजेपी बीजेपी का एजेंडा
लेख एक अनशन जनता के लिए June 5, 2011 / December 11, 2011 by श्याम नारायण रंगा | 1 Comment on एक अनशन जनता के लिए अभी हाल ही में कुछ दिन पहले अन्ना हजारे ने अनशन किया और मान गए और अब बाबा रामदेव अनशन कर रहे हैं। ये सब अनशन और आंदोलन और धरना प्रदशर्न जो हमारे देश में होते हैं वे सिस्टम के खिलाफ होते हैं और सब लोग मिलकर सारा दोा सरकार व सरकार चलाने वाले नेताओं […] Read more » Public अनशन जनता
विविधा जनता जब भीड़ में तब्दील हो जाती है April 2, 2011 / December 14, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो तो भीड़ का न्याय अकल्पनीय होता है| डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ सुधी पाठक इस आगे पढने से पूर्व केवल इतना सा जान लें कि प्रत्येक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भारत के संविधान के अनुसार पब्लिक सर्वेण्ट हैं, जिसका स्पष्ट अर्थ है कि प्रत्येक सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी न तो भारत सरकार का नौकर है और […] Read more » Public जनता न्याय भीड़
राजनीति जनता से दूर जनता का राज November 3, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -श्याम नारायण रंगा भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विश्व के सबसे बड़े इस लोकतंत्र मे तंत्र का निर्माण लोक द्वारा किया जाता है और जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए शासन का निर्माण होता है। परन्तु वर्तमान में जो तस्वीर नजर आती है उससे ये लगता है कि लोक अपने तंत्र का निर्माण […] Read more » Public जनता
राजनीति तीन महीने में पैसा डबल! काले धन में जनता की हिस्सेदारी! September 5, 2010 / December 22, 2011 by मन ओज सोमक्रिया | 6 Comments on तीन महीने में पैसा डबल! काले धन में जनता की हिस्सेदारी! Double Your Money in 3 Months! Public Sharing the Black Money! 20वीं सदी तक हमारे भ्रष्ट अधिकारीगण, नेता और उधोगपति टैक्स की चोरी कर के और अन्य परियोजनाओं से चुराए गए धन को स्विस एवं अन्य विदेशी ऍकाउंटों में जमा करते थे। एक समय पर तो भारत की समानान्तर अर्थव्यवस्था (Parallel Economy of India) द्वारा […] Read more » Public जनता
विविधा कब तक कराहती रहेगी देश की निरीह जनता December 30, 2009 / December 25, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on कब तक कराहती रहेगी देश की निरीह जनता देश को आजाद हुए छ: दशक से अधिक का समय बीत चुका है। आम आदमी को मिलने वाली सुविधाएं आज भी नगण्य ही हैं। महंगाई ने देश के आखिरी आदमी की कमर तोड रखी है, वहीं दूसरी ओर धनपति और अधिक संपत्ति के मालिक बनते जा रहे हैं। बाहुबली, अपराधी और धनाढ्य वर्ग शासक की […] Read more » Police जनता पुलिस