मीडिया सोशल मीडिया : जगत सा अराजक या अराजकता का जगत December 31, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment क्या सोशल मीडिया अत्यंत बुद्धिमत्तापूर्वक निर्मित किसी ऐसे मानव रचित चक्रवात या भूकम्प की तरह है जिसके केंद्र का पता लगाना संभव नहीं है? पता नहीं क्यों सोशल मीडिया को देखकर एडम स्मिथ के प्राकृतिक न्याय पर आदर्श बाजारवादी अर्थव्यवस्था के मॉडल की याद आती है जो आत्मनियंत्रण के द्वारा संचालित होने का दावा करता […] Read more » chaos in the world Featured Social Media The world of chaos पत्थरबाज सोशल मीडिया सोशल मीडिया को तुष्टीकरण का साधन
विविधा आखिरी दौर में हुर्रियत गैंग और पत्थरबाज August 2, 2017 by ललित कौशिक | Leave a Comment ललित कौशिक सांप मरने के काफी समय बाद फङफङाता रहता है, उसका फड़फड़ाना देखकर काफी समय तक लोग उसके नजदीक नही आते, नजदीक नही आने का मूल कारण सांप का फड़फड़ाना है, उसका फड़फड़ाना इस बात की ओर इंगित है, कि सांप अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है. वर्तमान समय में वहीं हाल इस समय […] Read more » Featured Hurriyat gang Stone pelters पत्थरबाज हुर्रियत हुर्रियत गैंग हुर्रियत गैंग पर एनआईए सख्त
विविधा “यह कैसा विधान…. पत्थरबाज भी नही आते बाज…”⁉ May 3, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment विश्व के सभी देश अपने अपने नागरिकों के महत्व को समझते है और उसकी रक्षा के साथ साथ उसके समस्त मौलिक अधिकारों को यथा संभव सुरक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पित है। परंतु हम सत्तर वर्ष के अपने स्वतंत्र राष्ट्र में इतने बौने हो गए है कि सैनिको का मान-मर्दन होता रहें और हम चिंता व निंदा करके केंडिल मॉर्च से अपने अपने दायित्व से मुक्त हों कर मीडिया में श्रद्धांजलियां देते हुए छपते रहना चाहते है । आज के सोशल मीडिया ने तो इस चलन की बाढ़ आती जा रही है ,यह कैसी राष्ट्रपरायणता है जो मानवीय संवेदनाओं से भी प्रचार की होड़ करवाती है । क्या पीड़ित हृदयो में आंसुओ का अकाल हो गया है या ह्र्दय ही इतना कठोर होता जा रहा है कि हमारी सुरक्षा में लगे इन सैनिकों को आक्रोशित हों कर भी आत्मग्लानि में जीने को विवश होना पड़ें ? Read more » Featured Kashmiri stone pelters stone pelters of Kashmir पत्थरबाज
विविधा देश निर्णय करे April 18, 2017 / April 18, 2017 by मृदुल श्रीवास्तव | Leave a Comment वर्तमान में सेकुलरिज्म की परिभाषा को कुछ विकृत मानसिकता के लोगों द्वारा विकृति कर दिया गया है, अब #सेकुलरिस्म शब्द दिखते ही जेएनयू से पूछने वाली भारत विरोधी नारे,एक आतंकी के जनाजे में शरीक 18000 लोग, भगवान श्री कृष्ण के प्रति कुंठा व्यक्त करते हुए विकृत लोग, एक आतंकवादी का पक्ष लिए सुप्रीम कोर्ट में फरियाद के लिए पहुंचे लोगों की ही छवि उभरकर सामने आती है यह वही लोग हैं जो होली और दीपावली को पर्यावरण के लिए दोषी मानते हैं और जीव हत्या इन्हें इको फ्रेंडली लगती है Read more » Featured कश्मीर में पत्थरबाज स्टोन पेल्टर कश्मीर