लेख साहित्य एकात्म मानववाद का संदेशवाहक है योग June 20, 2025 / June 23, 2025 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह मानव का प्रकृति से अटूट सम्बन्ध होता है। समाज प्रकृति की व्यवस्था पर टिका हुआ है। प्रकृति व मानव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के बिना मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति दो शब्दों से मिलकर बनी है – प्र और कृति। प्र अर्थात प्रकृष्टि (श्रेष्ठ) और कृति […] Read more » एकात्म मानववाद योग
कविता आओ हम मिलकर योग करें। June 20, 2024 / June 20, 2024 by अजय एहसास | Leave a Comment तुम योग करो वो योग करे,हम योग करे सब योग करेंकरें स्वस्थ कामना रहने की,आओ हम मिलकर योग करें। खाने को घर में रहे नहीं,फिर भी मुंह से कुछ कहें नहीसब पूजा, दुआ कराते हैं ।,पर फिर भी कुछ तो लहे नहींसरकार हमारी कहती है ,कि आओ नया प्रयोग करेंकरें स्वस्थ कामना रहने की,आओ हम […] Read more » योग
लेख योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है June 24, 2021 / June 24, 2021 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ 21 जून 2021 पर विशेष) हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में सप्तम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योग दिवस का एक अपना ही अलग महत्त्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में […] Read more » Yoga incorporates the traditions of ancient Indian culture अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग
लेख योग से आरोग्य और प्रतिभा का विकास दोनों ही संभव है June 20, 2021 / June 24, 2021 by इ. राजेश पाठक | Leave a Comment “ ऐलोपेथी से डायग्नोसिस; आयुर्वेद के अनुसार खान-पान; और फिर योग का अभ्यास”- एनडीटीवी पर अपने इंटरव्यू में बिहार स्कूल ऑफ़ योग, मुंगेर के श्री निरंजनानंद सरस्वती नें विभिन्न चिकित्सा-पद्धति में समन्वय स्थापित कर किस प्रकार योगिक जीवन शैली अपनाते हुए रोग-मुक्त सुखी जीवन प्राप्त किया जा सकता है इसका मन्त्र देते हुए उक्त बात कही. […] Read more » Yoga योग
लेख सदगुणों के विकास का वाहक है योग June 19, 2021 / June 20, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया हैं। योग शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में बांधती है। योग जीवन जीने की कला है। योग दर्शन है। योग स्व के साथ अनुभूति है। योग से स्वाभिमान और स्वतंत्रता का बोध होता है। योग मनुष्य व प्रकृति के बीच सेतु का कार्य करती है। […] Read more » International Yoga Diwas Yoga is the carrier of development of virtues योग
लेख योग, संयोग और सहयोग June 20, 2020 / June 20, 2020 by डॉ. राकेश राणा | Leave a Comment डॉ0 राकेश राणा21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत के लिए गौरव का दिन है। यह तारीख़ विश्व-गुरु भूमिका में भारत का प्रस्थान बिन्दू है। जहां से दुनियां को सुख, समृद्धि और निरोग जीवन के सूत्र प्रदान करने वाली योग पद्धति का औपचारिक प्रथम परिचय सत्र प्रारम्भ हुआ। भारत विश्व कल्याण के लिए संयुक्त राष्ट् संघ […] Read more » योग
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने सभी मिथ्या आध्यात्मिक मान्यताओं एवं सभी सामाजिक बुराईयों का निवारण किया” November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द सर्वांगीण व्यक्तित्व के धनी थे। आध्यात्मिक दृष्टि से उन्हें देखें तो वह आध्यात्म व योग के ऋषि कोटि के विद्वान थे। उनके सामाजिक योगदान पर दृष्टि डालते हैं तो वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक या दो सामाजिक दोषों पर ध्यान नहीं दिया अपितु सभी सामाजिक बुराईयों का उन्मूलन […] Read more » अध्यात्म आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द जीवात्मा ज्ञान पंचमहायज्ञविधि प्रकृति योग सत्यार्थप्रकाश
समाज योग: कर्मसु कौशलम् June 25, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक इकाई का वृहद ढांचा इस राष्ट्र के संस्कार और सचेतक समाज से हैं | विस्तृत धर्म ग्रन्थ और उपनिषद जो जीवन जीने की कलाओं के साथ संस्कारों के संरक्षण की गाथा कहते है। योग,जीवन जीने की इन्ही कलाओं में एक है। योग भारत में […] Read more » Featured चीन जापान जैन धर्म और हिंदू धर्म तिब्बत दक्षिण पूर्व एशिया और श्रीलंका प्रक्रिया और धारणा बौद्ध धर्म योग योग: कर्मसु कौशलम् शब्द श्रीकृष्ण स्वामी रामदेव
विविधा प्रकृति और प्रकत्र्ता दोनों से मिलाता है योग June 23, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment शब्द प्रकृति दो शब्दों से बनता है-प्र+कृति। ‘प्र’ का अर्थ है-उत्तमता से, पूर्ण विवेक से और ‘कृति’ का अर्थ है-रचना। इस प्रकार प्रकृति का अर्थ है एक ऐसी रचना जिसे उत्तमता से, नियमों के अंतर्गत रहते हुए और विवेकपूर्वक बनाया गया है, रचा गया है। प्रकृति अपने नियमों से बंधी है, और वह उनके बाहर […] Read more » Featured योग
विविधा स्वास्थ्य-योग किन-किन बीमारियों में योग कारगर? June 21, 2017 / June 21, 2017 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment अगर आप योग दिवस के अवसर पर भी सिर्फ इसलिए योग नहीं कर रहे कि पता नहीं इससे कोई फायदा होगा या नहीं तो अब आपकी शंका का समाधान हो चुका है। इस बात के क्लिनिकल प्रमाण मिल गए हैं कि कई तरह के योगासन और क्रियाएं बीमारियों का निदान कर सकती हैं। मंगलवार को […] Read more » Featured yoga for curing dieseases बीमारियों में योग बीमारियों में योग कारगर योग
विविधा कमाई का योग June 20, 2017 by सिद्धार्थ झा | Leave a Comment दिल्ली का राजपथ गवाह है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 21 जून, 2015 को विश्व के 192 देश योगपथ पर भारत के साथ चले तो पूरे विश्व में योग का डंका बजने लगा। कुछ समय पहले तक जिस योग को ऋषि मुनियों की साधना और स्वस्थ जीवन के आधार समझा जाता था आज […] Read more » earning from yoga Featured अमेरिका में योग बाजार मोरारजी देसाई नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ योग योग योग दिवस योग साधना
विविधा योग से जुड़ रही है दुनिया June 20, 2017 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी भारतीय ज्ञान परंपरा में योग एक अद्भुत अनुभव है। योग भारतीय ज्ञान का एक ऐसा वरदान है, जिससे मनुष्य की चेतना को वैश्विक चेतना से जुड़ने का अवसर मिलता है। वह स्वयं को जानता है और अपने परिवेश के साथ एकाकार होता है। विश्व योग दिवस, 21 जून के बहाने भारत को विश्व […] Read more » Featured Yoga yoga connecting worldwide yoga spreading world across योग