आर्थिकी खेत-खलिहान गौ आधारित ग्रामीण विकास – हेमंत दुबे March 12, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on गौ आधारित ग्रामीण विकास – हेमंत दुबे कृषि में रसायनों का अनियंत्रित उपयोग मानव जगत के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु हानिकारक है। अनुसंधानों के तथ्य यह बताते हैं कि रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अनियंत्रित उपयोग से मानव स्वास्थ्य पर त्वरित एवं दूरगामी परिणाम होते हैं। जो मनुष्य इन रसायनों के सीधे संपर्क में आते हैं, उनमें त्वरित परिणाम देखने को […] Read more » Cow गौ ग्रामीण विकास
समाज पृथ्वी का रक्षा कवच है गाय – मधुभाई कुलकर्णी January 4, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on पृथ्वी का रक्षा कवच है गाय – मधुभाई कुलकर्णी इंदौर, 03 जनवरी। आंइस्टीन ने पत्र में लिखा कि भारत मे ट्रेक्टर का उपयोग न करें। केमिकल फर्टीलाईजर के उपयोग से धरती की धारणा शक्ति कम होती है, इसलिए केमिकल उपयोग न करने की सलाह दी। लेकिन हमने उनकी सलाह नहीं मानी और आज उसका परिणाम भुगत रहे है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माजी ने सृष्टि […] Read more » Cow गो ग्राम यात्रा
प्रवक्ता न्यूज़ मनुष्य के अस्तित्व को बचाने का प्रयास है गो ग्राम यात्रा October 9, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on मनुष्य के अस्तित्व को बचाने का प्रयास है गो ग्राम यात्रा 08 अक्टूबर, शिमला। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के स्वागत के लिए शिमला में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए महंत सूर्यनाथ ने कहा है कि गो ग्राम यात्रा मानव अस्तित्व को बचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि भारतीय मान्यताओं के अनुसार मानव अस्तित्व का मूल आधार गोवां ही रहा है और गोवंश की […] Read more » Cow गो ग्राम यात्रा
प्रवक्ता न्यूज़ गाय में समाहित हैं सभी शास्त्र – स्वामी अखिलेश्वरानंद October 9, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पठानकोट, 7 अक्टूबर। गाय भारतीय समाज-जीवन के सभी पहलुओं को र्स्पा और प्रभावित करती है। गाय में अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, चिकित्साशास्त्र का समावेश है। यह कहना है स्वामी अखिलेश्वरानंद का। स्वामी जी विश्व मंगल गो-ग्राम यात्रा के स्वागत के लिए पठानकोट में आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। स्वामी जी ने कहा कि गाय […] Read more » Cow गाय
खेत-खलिहान विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा September 30, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment गाय बनेगी विश्व एकता का साझा सूत्र माँ की दया ६२ वर्ष पहले हमारा देश विदेशी शासन से स्वतंत्र हुआ। विडंबना देखिए, यद्यपि हम स्वयं अपने स्वामी बन गये पर पश्चिमी चकाचोंध के अवांछनीय प्रभावों के दास भी हो गये। तब से अपनी यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर हम अपनी मौलिकता और स्वाभिमान खोते गये। […] Read more » Cow गो ग्राम यात्रा
आर्थिकी कला-संस्कृति अब आओ ऊपर वाले तुम, गायों को अगर बचाना है… September 17, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 12 Comments on अब आओ ऊपर वाले तुम, गायों को अगर बचाना है… अब आओ ऊपर वाले तुम, गायों को अगर बचाना है, इंसान के बस की बात नहीं, वह स्वारथ में दीवाना है।। जिस माँ का दूध पिया सबने, उस माँ पर नित्य प्रहार किया। बदले में दूध-दही देकर, माता ने बस उपकार किया। जो है कपूत उन लोगो को, गायों का पाठ पढ़ना है।। ….. कहने […] Read more » Cow गाय
आर्थिकी खेत-खलिहान विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा September 4, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा भारत गांवों का देश है। गांव देश की आत्मा और कृषि उसकी योति है। इनका प्राण-तत्व गाय है। प्रकृति की यह अनमोल दैन (गो वंश) विलुप्त होने की कगार पर है। देश में गाय की सैकड़ों प्रजातियां (नस्लें) थीं। मोटे तौर पर आज इनमें से मात्र तैंतीस प्रजातियां बची हैं। ये भी उपेक्षा का शिकार […] Read more » Cow गो ग्राम यात्रा
आर्थिकी गौ कामधेनु है, गोसंरक्षण के लिए भारत में अवतार होता है August 30, 2009 / December 27, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on गौ कामधेनु है, गोसंरक्षण के लिए भारत में अवतार होता है गाय विश्व में कमोबेश सभी देशों में पाली जाती है। लेकिन भारत में गाय गौमाता है। यहां गौ संस्कृति है। पश्चिमी दुनिया में गाय सिर्फ दूध और मांसाहार का स्रोत है। भारत में गौ कामधेनु है। इसे सब सुख प्रदा माना जाता है। लेकिन पश्चिमी दुनिया में अब मेडकाऊ रोग व्याधि के लिए जानी जाती […] Read more » Cow गौ
प्रवक्ता न्यूज़ गाँव तथा गाय को आवश्यकता सुरक्षा की July 13, 2009 / December 27, 2011 by राघवेन्द्र सिंह | 1 Comment on गाँव तथा गाय को आवश्यकता सुरक्षा की प्राचीन काल से गाय तथा गाँव इन्हीं दो शब्दों के इर्द-गिर्द भारतीय दर्शन भ्रमण करता रहा है। जिसके बिना भारतीय सभ्यता की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती थी। जिनकी सुरक्षा करना प्रत्येक प्राणी का कर्तव्य होता था। गाँव तथा गाय में ईश्वर के दर्शन की व्यवस्था हमारे पूर्वजों ने इस लिए की थी कि […] Read more » Cow गाय गाँव