विविधा कश्मीर में पैलेट गन क्यों नही… April 12, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment जबकि यह सर्वविदित ही है कि वर्षो से कश्मीर घाटी में अलगाववादियों व आतंकवादियों द्वारा प्रति लड़के/युवक को 500 से 1500 रुपये तक देकर सुरक्षाबलों पर हमले करवायें जाते आ रहे है। परिणामस्वरूप अनेक सुरक्षाकर्मी मारे भी गये और साथ ही सरकारी संपत्तियों की भी भारी क्षति हुई है। पिछले कुछ वर्षों के अतिरिक्त भी जुलाई 2016 में आतंकी बुरहानवानी के मारे जाने के बाद इन पत्थरबाजों की टोलियों ने कई माह तक विशेषतौर पर दक्षिण कश्मीर में सामान्य जनजीवन को ही बंधक बना दिया था। Read more » Featured आतंकी बुरहानवानी कश्मीर कश्मीर में पैलेट गन पैलेट गन
धर्म-अध्यात्म पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-5 April 12, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य पूजनीय प्रभो! हमारे भाव उज्ज्वल कीजिए गतांक से आगे…. ऐसा साधक या भक्त कहीं जड़ को चेतन मान लेता है तो कहीं चेतन को जड़ मान लेने की भूल कर बैठता है। जड़मूर्ति में चेतन परमेश्वर की भावना करना ऐसी ही भावुकता का परिणाम होता है। यह भावना नही अभावना है। जो […] Read more » Featured पूजनीय प्रभो हमारे
विविधा आगरा में पहली बार यमुना चुनरी मनोरथ महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित April 12, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment गुरु वशिष्ठ मानव सर्वांगीण विकास सेवा समिति ने यमुना किनारा के लक्ष्मी नारायण मन्दिर राम घाट पर विधि-विधान से दूध, फूल, मिष्ठान से यमुना जी की पूजा अर्चना की। भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी यमुना महारानी का प्राकट्योत्सव मंगलवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य यमुना महारानी का दुग्धाभिषेक किया गया और चुनरी ओढ़ाई गई। Read more » Featured यमुना चुनरी मनोरथ महोत्सव यमुना शुद्धीकरण संचेतना महाभियान
विविधा सच्चाई को समझें भारतीय मुसलमान April 11, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सबसे बड़ा सत्य तो यह है कि भारत और पाकिस्तान में निवास करने वाले मुसलमान के पूर्वज पहले हिन्दू ही थे। अगर वे इतिहास उठाकर देखेंगे, तो उन्हें इस सच्चाई का पता चल जाएगा। वैसे भारत के कई मुसलमान आज भी इस सत्य को बेहिचक स्वीकार करने का साहस दिखाते हैं। यह भी सच है कि दुनियाभर में जितने भी मुसलमान निवास करते हैं, उनमें सबसे ज्यादा सुरक्षित भारत में ही हैं। आज कुछ मुसलमान संदेह की दृष्टि से देखे जा रहे हैं, उसके पीछे भी सबसे बड़ा कारण स्वयं मुसलमान ही हैं। Read more » Featured indian muslims must understand the truth आतंकवादिता कट्टरवादिता मुस्लिम धर्म
विविधा गौरक्षा एवं भक्ति हिंसक क्यों? April 11, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment देश में समय-समय पर गौहत्या के विरोध में आन्दोलन हुए हैं। 1967 में गौ-हत्या को लेकर उग्र आन्दोलन हुआ, संसद भवन को साधु-सन्तों ने घेरा था तो पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था और लाठी-गोलियां भी चलाई थीं। तत्कालीन गृहमन्त्री स्व. गुलजारी लाल नन्दा को इस्तीफा देना पड़ा था। तत्कालीन इन्दिरा सरकार ने भारत की सांस्कृतिक एवं धार्मिक आस्था से जुड़े इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। क्योंकि गाय भारत की आत्मा है, जन-जन की आस्था का केन्द्र है। Read more » cow slaughter Featured गौरक्षा गौहत्या के विरोध में आन्दोलन राजस्थान राजस्थान में गौरक्षा राजस्थान मेंगौसंरक्षण
विविधा गौ-रक्षा का बदनाम होता उद्देश्य April 10, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment गौ-हत्या पर रोक का कानून बनता है तो दुध का उत्पादन तो बढ़ेगा ही, जैविक खाद से खेती भी होने लग जाएगी। फिलहाल देश में दुग्ध उत्पादन में कमी अनुभव की जाने लगी है। जिसकी भरपाई नकली दूध से की जा रही है। जो नई-नई बीमारियां परोसने का काम कर रहा है। दूध की दुनिया में सबसे ज्यादा खपत भारत में है। देश के प्रत्येक नागरिक को औसतन 290 गा्रम दूध रोजाना मिलता है। इस हिसाब से कुल खपत प्रतिदिन 45 करोड़ लीटर दूध की हो रही है। जबकि शुद्ध दूध का उत्पादन करीब 15 करोड़ लीटर ही है। मसलन दूध की कमी की पूर्ति सिंथेटिक दूध बनाकर, यूरिया और पानी मिलाकर की जा रही है। दूध की लगातार बढ़ रही मांग के करण मिलावटी इस दूध का कारोबार गांव-गांव फैलता जा रहा है। Read more » Featured अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्यवाही गोरक्षक धंधेबाज हैं गौ-हत्या अपराध पहलू खान हत्याकांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
राजनीति भारतीय परिप्रेक्ष में राष्ट्रीय राजनीति का उदय April 10, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment निसंदेह एक साधारण से दिखने वाले युवक ने अपना जीवन धर्म की सेवा व साधना के लिये समर्पित करते हुए भगवा धारण किया। 'भगवा' मात्र रंग ही नही हमारी महान संस्कृति का सूचक और वाहक है। जिसका संदेश है..."असतो मा सदगमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय , मृत्योर्मामृतं गमय" अर्थात "हे भगवान मुझको असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर एवं मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो"। जिसको अपनाते हुए युवा अजय सिंह अपनी वर्षों की अथक तपस्या से योगी आदित्यनाथ बन गये। Read more » Featured तुष्टिकरण की नीतियां भारतीय परिप्रेक्ष मज़हबी आतंकवाद राष्ट्रीय राजनीति का उदय
व्यंग्य जनकल्याणकारी क्रोध से रचनात्मक हवाई चिंतन पर बैन April 10, 2017 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment बैन के दौरान, सांसद महोदय को जो मानसिक संताप झेलना पड़ा और कष्टपूर्ण रेल यात्रा करनी पड़ी उसकी ज़िम्मेदारी लोकतंत्र का कौनसा खंभा उठाएगा ? इस बैन की वजह से सांसद जी के रचनात्मक हवाई चिंतन में जो व्यवधान आया इसके लिए संसद के कौन से सदन में शून्यकाल के दौरान निंदा प्रस्ताव लाया जाएगा? क्या सबसे बड़े लोकतंत्र के जनप्रतिनिधि अब इतने निःसहाय कर दिए जाएंगे की उन्हें मूड फ्रेश करने के लिए की गई मारपीट और हाथापाई के बाद कानूनी कार्यवाही और प्रतिबंध झेलना पड़ेगा? Read more » Featured हवाई चिंतन पर बैन
समाज वेल्थ के हवाले हेल्थ April 10, 2017 by जावेद अनीस | Leave a Comment भारत के नीति निर्माताओं ने स्वास्थ्य सेवाओं को मुनाफा पसंदों के हवाले कर दिया है. आज भारत उन अग्रणी मुल्कों में शामिल है जहाँ सार्वजनिक स्वास्थ्य का तेजी से निजीकरण हुआ है. आजादी के बाद के हमारे देश में निजी अस्पतालों की संख्या 8% से बढक़र 93 % हो हो गयी है. आज देश में स्वास्थ्य सेवाओं के कुल निवेश में निजी क्षेत्र का निवेश 75 प्रतिशत तक पहुँच गया है. निजी क्षेत्र का प्रमुख लक्ष्य मुनाफा बटोरना है जिसमें दावा कम्पनियां भी शामिल हैं, जिनके लालच और दबाव में डॉक्टरों द्वारा महंगी और गैरजरूरी दवाइयां और जांच लिखना बहुत आम हो गया है. Read more » Featured जीवन की रक्षा का अधिकार जीवन स्तर पोषाहार स्तर भारत में स्वास्थ्य सेवायें
राजनीति वंदे मातरम्-विवाद नहीं, विकास का माध्यम बने April 10, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment मुसलमानों को ‘वन्दे मातरम्’ गाने पर आपत्ति इसलिये भी बतायी जा रही है, क्योंकि इस गीत में देवी दुर्गा को राष्ट्र के रूप में देखा गया है। जबकि यह गान किसी देवी नहीं, बल्कि धरती माता की पूजा की बात कहता है। माता भी कौन-सी? पृथ्वी। जो जड़ है। इसमें भारत को माता कहा गया है। वंदे-मातरम् में भारत के जलवायु, फल-फूल, नदी-पहाड़, सुबह-शाम और शोभा-आभा की प्रशंसा की गई है। किसी खास देवी की पूजा नहीं की गई है। वह कोई हाड़-मासवाली देवी नहीं है। वह एक प्रतीक है। विभिन्न मुस्लिम देशों में भी वहां राष्ट्रीय गीतों में मातृ-भूमि का यशोगान गाया गया है। Read more » Featured Vande Mataram उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वंदे मातरम् वन्दे मातरम्-राष्ट्रगीत
विविधा वंदे मातरम इस्लाम-विरोधी नहीं April 10, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment वंदे मातरम को लेकर फिर बहस छिड़ गई है। मेरठ, इलाहाबाद और वाराणसी की नगर निगमों के कुछ पार्षदों ने इस राष्ट्रगान को गाने पर एतराज किया है। इसे वे इस्लाम-विरोधी मानते हैं। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सोच चिंता का विषय है। मुझे पता नहीं कि योगीजी को वंदे मातरम […] Read more » Featured vande mataram is not anti muslim vandemataram इस्लाम-विरोधी नहीं वंदे मातरम
विविधा जीवन के अलौकिक संकेत प्रतीक व बिम्ब April 10, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment पूरी तरह से खिले हुए फूल को प्रस्फुटित फूल कहा जाता है। देखने में बहुत प्यारा तथा मन को आनन्दित करता हैं परन्तु उसका दर्द दूसरा कोई नहीं समझता है। किसी को उसकी वेदना का आभास भी शायद ना होता हो। माली पुजारी नारी या युवा ? यहां तक कि उसे माध्यम बनाकर पे्रम का इजहार करने वाले अपने लक्ष्य को साध लेते हैं पर वे प्रस्फुटित फूल कीवेदना को शायद ही समझ पाते हों या समझना चाहते हों। Read more » Featured life Old young जीवन जीवन में मुस्कुराहट जीवन में मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए ढलती दोपहर में यौवन प्रौढ़ता मुस्कुराहट के फूल