धर्म-अध्यात्म “धन और विद्या में विद्यार्जन अधिक महत्वपूर्ण है” June 21, 2018 / June 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य को अपने जीवन का निर्वाह करने के धन की आवश्यकता होती है। यदि किसी के पास धन नहीं है तो वह अपना भोजन, वस्त्र, निवास व घर तथा मान सम्मान को सुरक्षित रखते हुए इन सभी पदार्थों को प्राप्त नहीं कर सकता। इसके विपरीत यदि किसी के पास विद्या नहीं है […] Read more » “धन और विद्या में विद्यार्जन Featured अधिक महत्वपूर्ण है” निवास व घर भोजन वस्त्र
समाज योग से खत्म होती है मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता June 21, 2018 / June 24, 2018 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment दीपक राजपूत हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योगदिवस का एक अपना ही अलग महत्त्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से हीअहम स्थान है। पतंजली योग दर्शन में कहा गया है कि– योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तोह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यहएक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता है ही इसके साथ–साथ मनऔर दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नये–नये सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो कि मनुष्य को गलतप्रवृति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता को बाहर निकालकर फेंक देता है। साथ-साथ योग से मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता खत्म होती है। योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है। योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म औरजैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योग हमारी आत्मा को भी शुध्दकरता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाते तो योग जीवनजीने का माध्यम है। श्रीमद्भागवत गीता में कई प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। इस मे योग के तीन प्रमुखप्रकारों के बारे में बताया गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है। कर्म योग– कार्य करने का योग है।इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग– भक्ति का योग। भगवान् के प्रति भक्ति। इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है। और ज्ञान योग– ज्ञान का योग अर्थात ज्ञान अर्जित करने का योग। भगवत गीता के छठेअध्याय में बताये गए सभी योग जीवन का आधार हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवद्गीता में योग के बारे में बताया गया है कि– सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते। अर्थात् दुःख–सुख, लाभ–अलाभ, शत्रु–मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योगहै। दुसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख–दुःख, लाभ–अलाभ, शत्रु–मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितिओं में सामान आचरण की शक्ति प्रदानकरता है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योगकरता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है। और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है। 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की जोरदार पैरवी की थी। इसप्रस्ताव में उन्होंने 21 जून को ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’’ के रूप में मान्यता दिए जाने की बात कही थी। मोदी की इस पहल का 177 देशों ने समर्थनकिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में इस आशय के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। और 11 दिसम्बर 2014 को को संयुक्तराष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन केअंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून2015 को मनाया गया और पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में योग किया जो कि एक रिकॉर्ड था। योग दिवस में ‘सूर्य नमस्कार’ व ‘ओम’ उच्चारण का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध करते रहे हैं। असल में कहा जाए तो ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ाहुआ है। इसे विवाद में तब्दील करना दुर्भागयपूर्ण है। लेकिन इसे हर किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता। इसलिए योग करते समय लोगों को ‘ओम’ उच्चारण को अपनी धार्मिक मान्यता की आजादी के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी का धर्म ओम उच्चारण की आजादी नहीं देता तो उन्हें बिनाओम जाप के योग करना चाहिए। लेकिन योग को किसी एक धर्म से जोडकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। आज के समय में योग को भारत के जन–जनतक योग को पहुँचाने में योग गुरु बाबा रामदेव, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर सहित अनेकों ऐसे महापुरुषों का अहम् योगदान है। इनके योग के क्षेत्र मेंयोगदान की वजह से ही आज भारत के घर–घर में प्रतिदिन योग होता है। भगवद्गीता के अनुसार – तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम। अर्थात् कर्त्व्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकरकर्त्तव्य करने का कौशल योग है। योग को सभी लोगों को सकारात्मक भाव से लेना चाहिए। कोई भी धर्म–सम्प्रदाय योग की मनाही नहीं करता। इसलिएलोगों को योग को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। योग बुध्दि कुशग्र बनाता है और संयम बरतने Read more » Featured आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पतंजली योग बाबा रामदेव मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता मुस्लिम संगठन सूर्य नमस्कार
समाज बुज़ुर्गों की दयनीय स्थिति चिंताजनक June 20, 2018 / June 20, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | 1 Comment on बुज़ुर्गों की दयनीय स्थिति चिंताजनक देवेंद्रराज सुथार बुज़ुर्गों का उत्पीड़न घर से शुरू होता है और इसे अंजाम वे लोग देते हैं जिन पर वह सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। इस वर्ष, दुर्व्यवहार को अंजाम देने वाले लोगों में सबसे पहले बेटे हैं, उसके बाद बहुएं हैं। इस बात का खुलासा सामाजिक संस्था ‘हेल्पेज इंडिया’ ने किया है। हाल में […] Read more » Featured आवास उत्पीड़न कपड़ा कानून चिकित्सा और गुजारे बुज़ुर्गों की दयनीय स्थिति चिंताजनक भोजन
राजनीति कश्मीर की पंचामृत सरकार का विसर्जन June 20, 2018 / June 20, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी सीजफायर केवल सेना व आतंवादियों में नहीं था, भाजपा व पीडीपी में भी था. संघर्ष विराम पिछले रमजान माह मात्र में नहीं था बल्कि साढ़े तीन वर्षों से चल रहा था. सीजफायर छः वर्षों के लिए किया गया था जिसे साढ़े तीन वर्षों में अब योजना बद्ध नीति से तोड़ा गया है. विराम […] Read more » Featured कश्मीर की पंचामृत सरकार का विसर्जन जम्मू-कश्मीर मोदी रमजान माह राम माधव शाह
धर्म-अध्यात्म “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व संचालन सम्भव है?” June 20, 2018 / June 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम जिस सृष्टि में रहते हैं वह विशाल ब्रह्माण्ड का एक सौर्य-मण्डल है। इस सौर्यमण्डल में मुख्यतः एक सूर्य, हमारी पृथ्वी और ऐसे व इससे भी बड़े अनेक ग्रह तथा हमारी पृथ्वी का एक चन्द्र व अन्य ग्रहों के चन्द्र के समान अनेक छोटे व बड़े उपग्रह हैं। वैदिक गणना के अनुसार […] Read more » “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व Featured अनादि अनुत्पन्न ईश्वर धार्मिक नित्य व अविनाशी निराकार संचालन सम्भव है?” सच्चिदानन्दस्वरूप सत्य सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वान्तर्यामी
व्यंग्य इच्छा मृत्यु की ओर बढ़ती कांग्रेस June 20, 2018 / June 20, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार, कल शर्मा जी के घर गया, तो वे ‘इच्छा मृत्यु’ के बारे में एक लेख पढ़ रहे थे। पढ़ने के बाद उन्होंने वह अखबार मुझे पकड़ा दिया। उस लेख का सार इस प्रकार है।जीवन और मृत्यु के बारे में संतों, मनीषियों और विद्वानों ने बहुत कुछ कहा है। जीवन की तरह मृत्यु भी […] Read more » Featured अध्यक्ष राहुल गांधी इच्छा मृत्यु की ओर बढ़ती कांग्रेस नवीन पटनायक न्यायालय ममता बनर्जी
राजनीति कश्मीरः लात और बात, दोनों चलें June 19, 2018 / June 19, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक कश्मीर में शस्त्र-विराम को विराम देकर भारत सरकार ने बिल्कुल ठीक कदम उठाया है। एक महिने तक चले इस एकतरफा शस्त्र-विराम का नतीजा क्या निकला ? सरकार और फौज ने तो हथियार नहीं चलाए लेकिन आतंकवादियों ने बड़ी बेशर्मी से अपनी खूरेंजी जारी रखी। 41 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। […] Read more » Featured इस्लामी उग्रवादियों कश्मीरः लात और बात दोनों चलें फर्जीकल स्ट्राइक युद्ध-विराम श्रीलंका
समाज योग से खत्म होती है मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता June 19, 2018 / June 19, 2018 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment ब्रह्मानंद राजपूत, हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योग दिवस का एक अपना ही अलग महत्त्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति कीपरम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से ही अहम स्थान है। पतंजली योग दर्शन में कहा गया है कि– योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाएतो ह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि जीवात्मा कापरमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता है ही इसके साथ–साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नये–नये सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो किमनुष्य को गलत प्रवृति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता को बाहर निकालकर फेंक देता है। साथ-साथ योग से मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता खत्म होती है। योग व्यक्तिगत चेतना कोमजबूती प्रदान करता है। योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योगहमारी आत्मा को भी शुध्द करता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाते तो योग जीवन जीने का माध्यम है। श्रीमद्भागवत गीता में कई प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। इस मे योग के तीन प्रमुख प्रकारों के बारे में बताया गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्तियोग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है। कर्म योग– कार्य करने का योग है। इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग– भक्ति का योग। भगवान् केप्रति भक्ति । इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है। और ज्ञान योग– ज्ञान का योग अर्थात ज्ञान अर्जित करने का योग। भगवत गीता के छठे अध्याय में बताये गए सभी योग जीवन का आधार हैं। इनके बिनाजीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवद्गीता में योग के बारे में बताया गया है कि – सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते। अर्थात् दुःख–सुख, लाभ–अलाभ, शत्रु–मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्रसमभाव रखना योग है। दुसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख–दुःख, लाभ–अलाभ, शत्रु–मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितिओं में सामान आचरण की शक्ति प्रदान करता है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थलपर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योग करता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है। और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है। 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की जोरदार पैरवी की थी। इस प्रस्ताव में उन्होंने 21 जून को ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’’ के रूप में मान्यतादिए जाने की बात कही थी। मोदी की इस पहल का 177 देशों ने समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में इस आशय के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। और 11 दिसम्बर 2014 को को संयुक्तराष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसीदिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया और पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में योग किया जो कि एक रिकॉर्ड था। योग दिवस में ‘सूर्य नमस्कार’ व ‘ओम’ उच्चारण का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध करते रहे हैं। असल में कहा जाए तो ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। इसे विवाद में तब्दील करना दुर्भागयपूर्ण है। लेकिन इसे हर किसीपर थोपा भी नहीं जा सकता। इसलिए योग करते समय लोगों को ‘ओम’ उच्चारण को अपनी धार्मिक मान्यता की आजादी के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी का धर्म ओम उच्चारण की आजादी नहीं देता तो उन्हेंबिना ओम जाप के योग करना चाहिए। लेकिन योग को किसी एक धर्म से जोडकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। आज के समय में योग को भारत के जन–जन तक योग को पहुँचाने में योग गुरु बाबा रामदेव, आध्यात्मिक गुरुश्री श्री रविशंकर सहित अनेकों ऐसे महापुरुषों का अहम् योगदान है। इनके योग के क्षेत्र में योगदान की वजह से ही आज भारत के घर–घर में प्रतिदिन योग होता है। भगवद्गीता के अनुसार – तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम। अर्थात् कर्त्व्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है। योग को सभी लोगों को सकारात्मकभाव से लेना चाहिए। कोई भी धर्म–सम्प्रदाय योग की मनाही नहीं करता। इसलिए लोगों को योग को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। योग बुध्दि कुशग्र बनाता है और संयम बरतने की शक्ति देता है। योग की जितनी धार्मिकमान्यता है। उतना ही योग स्वस्थ्य शरीर के लिए जरूरी है। योग से शरीर तो स्वस्थ्य रहता है ही साथ ही साथ योग चिंता के भाव को कम करता है। और मनोबल भी मजबूत करता है। योग मानसिक शान्ति प्रदान करता है औरजीवन के प्रति उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। योग मनुष्य में सकारात्मकता तो बढाता है ही, साथ ही साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है। इसलिए लोगों को इस तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए योगकरना चाहिए। और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। Read more » Featured आध्यात्मिक गुरुश्री श्री रविशंकर बौध्द धर्म और जैन धर्म मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता योग गुरु बाबा रामदेव योग दिवस योग से खत्म होती है हिन्दू धर्म
राजनीति चुनावी खुशबू ‘आप’ को समझा गई चुप्पी हानिकारक है ? June 18, 2018 / June 18, 2018 by पारसमणि अग्रवाल | Leave a Comment पारसमणि अग्रवाल चुनावी दस्तक होते ही राजनैतिक दलों में हलचल मच जाती है। गोटें बिछने का दौर शुरू हो जाता है और सियाशी रोटियां सिकने लगती है। राजनैतिक पण्डितों की दुकानें खुल जाती हैं। छुटभैया नेता भी बरसाती मेंढ़क की तरह बाहर निकल आते है। हर सियाशी दलों के नेताओं का दिलों-दिमाग सिर्फ और सिर्फ […] Read more » Featured आमआदमी पार्टी चुनावी खुशबू ‘आप’ को समझा गई चुप्पी हानिकारक है ? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनैतिक दलों
राजनीति कश्मीर पर आई तथाकथित यूएन की रिपोर्ट एक साजिश है June 18, 2018 / June 18, 2018 by डॉ. मनीष कुमार | Leave a Comment डॉ मनीष कुमार कश्मीर पर UN की ‘रिपोर्ट’ आई तो वामपंथी गैंग के चेहरे पर मुस्कान आ गई क्योंकि इनकी हिंदुस्तान को बदनाम करने की साजिश सफल हो गई. लेकिन इनकी खुशियां ज्यादा दिन तक टिकने वाली नहीं है. इस रिपोर्ट की सच्चाई समझने से पहले मोदी सरकार और बीजेपी को ये बताना जरूरी है […] Read more » Featured OHCHR की रिपोर्ट आंतकवादियों कश्मीर पर आई तथाकथित यूएन कश्मीर में हिंदुओं की रिपोर्ट एक साजिश है. राहुल गांधी वामपंथी गैंग
राजनीति कश्मीरः सीज़फ़ायर बना ‘आतंकियों की ईद’? June 18, 2018 / June 18, 2018 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री पिछले महीने जम्मू-कश्मीर राज्य की पीडीपी-भाजपा संयुक्त सरकार की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती द्वारा माह-ए-रमज़ान शुरु होने से पहले राज्य में भारतीय सेना द्वारा एकतरफ़ा सीज़फ़ायर करने के अनुरोध किया गया था। भारत सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार तो ज़रूर कर लिया परंतु देश व कश्मीरवासियों को इस सीज़फ़ायर की भारी कीमत […] Read more » ‘आतंकियों की ईद’? Featured अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ गनी अफगानिस्तान अलगाववादी आंतकवादियों इराक कश्मीरः सीज़फ़ायर बना पत्रकार शुजात बुख़ारी सीरिया
समाज २७ बार रक्तदान कर आदर्श उपस्थित करने वाले आदर्श व्यक्ति-“आर्यसमाज धामावाला- डा. विनीत कुमार” June 18, 2018 / June 18, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला-देहरादून ऋषि दयानन्द के कर कमलों से स्थापित आर्यसमाज है। विश्व में किसी मुस्लिम बन्धु की उसके पूरे परिवार सहित पहली शुद्धि ऋषि दयानन्द जी ने इसी आर्यसमाज में की थी और उसका नाम अलखधारी रखा था। आर्यसमाज धामावाला से अतीत में अनेक प्रसिद्ध विद्वान व नेता जुड़े रहे हैं जिन्होंने […] Read more » २७ बार रक्तदान कर Featured आदर्श उपस्थित करने वाले आदर्श व्यक्ति आर्यनेता श्री ओम्प्रकाश त्यागी गुरुकुल डा. भवानीलाल भारतीय पं. प्रकाशवीर शास्त्री मेश्वरानन्द सरस्वती लाला राम गोपाल शालवाले शायद गुरुकुल वृन्दावन शास्त्रार्थ महारथी पं. ओम् प्रकाश शास्त्री - खतौली स्वामी अमर स्वामी सरस्वती स्वामी डा. सत्यप्रकाश जी स्वामी मुनीश्वरानन्द सरस्वती स्वामी सत्यपति जी