मीडिया राजनीति सहिष्णुता का समीकरण December 7, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 1 Comment on सहिष्णुता का समीकरण डॉ. मधुसूदन (एक) कुछ प्रश्न: प्रश्न (१): सहिष्णुता शब्द किस भाषा का है? उत्तर(१): अंग्रेज़ी का तो लगता नहीं। फिर क्या अरबी का है, या फारसी का है? नहीं। तो लातिनी, ग्रीक इत्यादि में से किस भाषा का है? नहीं जी, यह शब्द तो हिन्दी का है। पर महाराज, हिन्दी में कहाँ से आया? अब […] Read more » Featured सहिष्णुता का समीकरण
मीडिया राजनीति सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप December 7, 2015 by मनोज कुमार | 1 Comment on सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप मनोज कुमार सहिष्णुता अथवा असहिष्णुता का यह मुद्दा उन लोगों का है जिनके पेट भरे हुए हैं। जो दिन-प्रतिदिन टेलीविजन के पर्दे पर या अखबार और पत्रिकाओं के पन्ने पर पक्ष लेते हैं दिखते हैं अथवा देश और सरकार को कोसते हैं। ये वही आमिर खान हैं जिन्होंने कभी भोपाल में कहा था कि उनकी […] Read more » Featured सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप
राजनीति मुलायम और राहुल: वाह! क्या जोड़ी है? December 6, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 2 Comments on मुलायम और राहुल: वाह! क्या जोड़ी है? उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्या जबर्दस्त गुब्बारा उछाला है। 2019 के आम चुनाव में वे अपने पिता मुलायमसिंह को प्रधानमंत्री और राहुल गांधी को उप-प्रधानमंत्री बना देखना चाहते हैं। कहावत है कि ‘खूब मिलाई जोड़ी।……….!! इस कहावत का दूसरा हिस्सा मैंने लिखा नहीं, क्योंकि उसके शब्द काफी जहरीले हैं और मुलायमजी पर वे […] Read more » Featured मुलायम और राहुल
विविधा निर्वाण और बुद्धत्व ने बाबा का मिशन भटकाया December 6, 2015 / December 7, 2015 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on निर्वाण और बुद्धत्व ने बाबा का मिशन भटकाया डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ 06 दिसम्बर, 1956 में भारत के संविधान के सम्पादक या कहो रचियता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेड़कर की मृत्यु हुई। जिसे उनके बौद्ध-धर्मानुयाई-निर्वाण प्राप्ति कहते हैं। सोशल मीडिया पर बाबा साहब के अनुयाइयों की ओर से यह भी लिखा जाता है कि बाबा साहब की मृत्यु, सामान्य मृत्यु नहीं थी, बल्कि […] Read more » Featured निर्वाण और बुद्धत्व ने बाबा का मिशन भटकाया
राजनीति अम्बेडकर पर संसद में चर्चा : विचार दरकिनार ,सिर्फ गुणगान ! December 6, 2015 / December 6, 2015 by भंवर मेघवंशी | Leave a Comment भारतीय संसद ने संविधान निर्माण में अम्बेडकर के योगदान पर दो दिन तक काफी सार्थक चर्चा करके एक कृतज्ञ राष्ट्र होने का दायित्व निभाया है .इस चर्चा ने कुछ प्रश्नों के जवाब दिये है तो कुछ नए प्रश्न खड़े भी किये है ,जिन पर आगे विमर्श जारी रहेगा .दो दिन तक सर्वोच्च सदन का चर्चा […] Read more » baba saheb ambedkar Featured अम्बेडकर विचार दरकिनार सिर्फ गुणगान
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द के चार विलुप्त ग्रन्थ December 6, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on स्वामी दयानन्द के चार विलुप्त ग्रन्थ स्वामी दयानन्द ने सन् 1863 में मथुरा में प्रज्ञाचक्षु दण्डी गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती से विद्यार्जन पूरा कर अज्ञान के नाश व विद्या की वृद्धि सहित असत्य व अज्ञान पर आधारित धार्मिक, सामाजिक व राजधर्म सम्बन्धी मान्यताओं का खण्डन और सत्य पर आधारित मान्यताओं व सिद्धान्तों का प्रचार व मण्डन किया था। वह उपदेश, प्रवचन […] Read more » Featured the extinct books of swami dayanand स्वामी दयानन्द के चार विलुप्त ग्रन्थ
पर्यावरण विविधा कब मिलेगा पीने को साफ पानी? December 6, 2015 by जगजीत शर्मा | Leave a Comment जगजीत शर्मा भारत में पेयजल की समस्या का काफी विकट है। गांवों की लगभग 80-85 फीसदी आबादी का गुजारा कुओं या हैंडपंप के पानी से होता है। शहरों में ज्यादातर लोग स्थानीय निकायों द्वारा की जा रही जलापूर्ति पर ही निर्भर रहते हैं। शहर और गांवों में अधिसंख्य आबादी को होने वाली जलापूर्ति प्रदूषित रहित […] Read more » Featured when we will get clean water to drink पीने को साफ पानी
पर्यावरण विविधा जलवायु परिवर्तन और हमारी भूमिका December 6, 2015 / December 6, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस प्रकार का मंथन किया जा रहा है, उसकी आवश्यकता बहुत पहले से महसूस की जा रही थी, लेकिन जब जागो तभी सवेरा की तर्ज पर अभी इसकी विकरालता को रोकने का उपक्रम किया जा रहा है, यही समय की मांग है। जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के […] Read more » Featured Global Warming जलवायु परिवर्तन
राजनीति पहले तोलें फिर बोलें ! December 6, 2015 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री वैसे तो विभिन्न धर्मों के तथाकथित धर्मगुरू जिन्हें प्राय: अपने धर्म तथा अपने ही धर्म से संबंधित धर्मग्रंथों की ही आधी-अधूरी जानकारी रहती है वे आए दिन कोई न कोई ऐसे विवादित तथा बेतुके बयान देते रहते हैं जिन्हें सुनकर समाज में बेचैनी फैल जाती है। परंतु ऐसे धर्मगुरु हैं कि अपनी कथित […] Read more » Featured पहले तोलें फिर बोलें !
राजनीति स्वार्थी राजनीति को साधने के लिए बहस December 5, 2015 / December 5, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on स्वार्थी राजनीति को साधने के लिए बहस म्ृात्युंजय दीक्षित स्ंासद में असहिष्णुता पर जोरदार बहस हुई। लेकिन यह बहस भी केवल खोदा पहाड़ और निकली चुहिया ही साबित हो रही है। बनावटी असहिष्णुता के नाम पर यह केवल भाजपा संघ और पीएम मोदी को झूठे और मनगढंत आरोपों के तहत घेरने और देश व जनता का कीमती समय बर्बाद करने की साजिश […] Read more » Featured स्वार्थी राजनीति स्वार्थी राजनीति को साधने के लिए बहस
पर्यावरण जलवायु परिवर्तन की चपेट में चेन्नई December 5, 2015 / December 5, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव 86 लाख की आबादी वाला शहर चेन्नई लगभग जलमग्न है। चेन्नई के अलावा नेल्लौर,चित्तूर,प्रकाशम्,कांचीपुरम,तिरूवल्लूर,विल्लूपुरम् और पुड्डुचेरी में भी प्रकृति का यही रौद्र रूप दखने में आ रहा है। इसके पहले हम जम्मू-कष्मीर,उत्तराखण्ड,लद्दाख और 2005 में मुंबई को भी इसी बेहाली की जटिल स्थिति से रूबरू होते देख चुके हैं। तय है,एक के बाद […] Read more » Featured चेन्नई जलवायु परिवर्तन जलवायु परिवर्तन की चपेट में चेन्नई
जन-जागरण हिंद स्वराज नेतृत्व, अनुशासन और संघशक्ति का प्रतीक ध्वज December 5, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” जाति और राष्ट्र को अतीत की स्मरण कराने वाले, उनकी रगों-नसों में प्राणों का संचार कराने वाले तथा उन्हें पूर्वजों की वीरता एवं गरिमा की ओर प्रेरित कर कर्तव्य पथ पर अग्रसर कराने वाले पताका, ध्वज अथवा झण्डे में नेतृत्व,अनुशासन और संघशक्ति तीनों एक ही साथ निहित समाहित हैं ।अतिप्राचीन काल से […] Read more » Featured अनुशासन नेतृत्व संघशक्ति का प्रतीक ध्वज