धर्म-अध्यात्म पापों से बचाव व मुक्ति के लिए अघमर्षण मन्त्रों का पाठ और तदनुसार आचरण आवश्यक May 9, 2015 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on पापों से बचाव व मुक्ति के लिए अघमर्षण मन्त्रों का पाठ और तदनुसार आचरण आवश्यक –मनमोहन कुमार आर्य- मनुष्य जीवन का उद्देश्य पूर्व जन्मों के कर्मों का भोग एवं शुभकर्मों को करके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति करना है। यह ज्ञान केवल वेदों वा महर्षि दयानन्द के वैदिक विचारों के अध्ययन से ही ज्ञात व प्राप्त होता है। अन्य मतों वा तथाकथित धर्मों में इस विषय का न […] Read more » Featured अघमर्षण मन्त्र पाप पाप से बचाव
परिचर्चा विविधा गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की ओर लौटते विश्वविद्यालय May 8, 2015 / May 8, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की ओर लौटते विश्वविद्यालय -डॉ. मयंक चतुर्वेदी- गुरुकुल का आशय है वह स्थान या क्षेत्र, जहां गुरु का कुल यानि परिवार निवास करता है। प्राचीन भारत में शिक्षक ही गुरु माना जाता था और उसका परिवार उसके यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों से ही पूर्ण माना जाता था। जब किसी बालक के पहले गुरु का प्रश्न आया तो […] Read more » Featured गुरुकुल शिक्षा गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की ओर लौटते विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय
विधि-कानून कानून की खामियों का नाजायज फायदा May 8, 2015 by निर्भय कर्ण | Leave a Comment -निर्भय कर्ण- -कानून दिवस के मौके पर- संविधान बनने की प्रक्रिया को लेकर अभी नेपाल लगातार संघर्षशील था ही कि इसी बीच महाभूकंप ने इसे बूरी तरीके से हिलाकर रख दिया। चूंकि संविधान बनने की संभावना क्षीण होती जा रही थी, फिर भी आम जनता को यह भरोसा था कि संविधान बन जाने से काफी […] Read more » Featured कानून कानून की खामियों का नाजायज फायदा कानून में खामी
आर्थिकी आंकड़ों और प्रयोगों ने किया भारतीय कृषि का सत्यानाश May 8, 2015 / May 8, 2015 by सत्यव्रत त्रिपाठी | Leave a Comment -सत्यव्रत त्रिपाठी- भारत मेंं ऋग्वैदिक काल से ही कृषि पारिवारिक उद्योग रहा है। लोगों को कृषि संबंधी जो अनुभव होते रहे हैं, उन्हें वे अपने बच्चों को बताते रहे हैं और उनके अनुभव पीढ़ी दर पीढ़ी प्रचलित होते रहे। उन अनुभवों ने कालांतर मेंं लोकोक्तियों और कहावतों का रूप धारण कर लिया जो विविध भाषा-भाषियों […] Read more » Featured आंकड़ों और प्रयोगों ने किया भारतीय कृषि का सत्यानाश कृषि भारतीय कृषि भूमि
जरूर पढ़ें भूमि अधिग्रहण विवाद, भाग १ – स्वतन्त्र चिन्तन की आवश्यकता May 8, 2015 by मानव गर्ग | 4 Comments on भूमि अधिग्रहण विवाद, भाग १ – स्वतन्त्र चिन्तन की आवश्यकता -मानव गर्ग- केन्द्रीय प्रशासन के द्रारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण विधेयक बहुकाल से देश में व्यापक विवाद का विषय बना हुआ है । जहाँ प्रशासन सतत इसे किसानों के हित में बताती आयी है, वहीं सम्पूर्ण विपक्ष एड़ी-चोटी का बल लगाकर इसे किसान विरोधी सिद्ध करने का प्रयास कर रही है । दोनों ही पक्षों के […] Read more » Featured जमीन अधिग्रहण भाग १ - स्वतन्त्र चिन्तन की आवश्यकता भूमि अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण विवाद
जरूर पढ़ें सरकारी भूमि की रजिस्ट्रियों का गोरखधंधा May 8, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका क्शेत्र में इन दिनों खाली पड़ी सरकारी भूमि की व्यक्तिगत रूप में रजिस्ट्रियां कराने का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। ज्यादातर रजिस्ट्रियां उषा राजे चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा तय किए गए मुख्त्यारआम करा रहे हैं। इन राजिस्ट्रियों को सत्र व उच्च न्यायालय गलत साबित कर चुकी हैं। धोखाधड़ी करके […] Read more » Featured रजिस्ट्री सरकारी भूमि सरकारी भूमि की रजिस्ट्रियों का गोरखधंधा
आर्थिकी कल्पनातीत आर्थिक असमानता May 8, 2015 / May 8, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment -शैलेन्द्र चौहान- विश्व बैंक की दक्षिण एशिया में असमानता से जुड़ी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में असामान्य रूप में अरबपतियों की तादाद तो ज्यादा है ही सामान्य नागरिक की तुलना में उनकी संपत्ति का आनुपातिक असंतुलन बहुत विकराल है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अमीरों की संपत्ति का […] Read more » Featured अर्थव्यवस्था कल्पनातीत आर्थिक असमानता विश्व बैंक
जरूर पढ़ें भूगर्भीय हलचल May 8, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment –शैलेन्द्र चौहान- भूकम्प पृथ्वी का उपपठारीय चट्टानों के टूटने या खिसकने से अचानक होने वाला तीव्र कंपन है। भूगर्भशास्ित्रयों का मानना है कि भारतीय टैक्टोनिक प्लेट के यूरेशियन टैक्टोनिक प्लेट (मध्य एशियाई) के नीचे दबते जाने के कारण हिमालय बना है। पृथ्वी की सतह की ये दो बड़ी प्लेटें करीब चार से पांच सेंटीमीटर प्रति वर्ष की […] Read more » Featured क्यों होता है भूकंप भूकंप भूकंप की वजह भूकंप के कारण भूगर्भीय हलचल
जन-जागरण भारत बन रहा है नेपाल का मजबूत सहारा May 7, 2015 / May 7, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment -सुरेश हिन्दुस्थानी- प्राय: कहा जाता है कि जिस देश की बुनियाद मजबूत होती है, उसे कोई भी हिला नहीं सकता। किसी भी उत्थान के लिए भूमि का मजबूत होना अत्यंत जरूरी माना जाता है। लेकिन अगर किसी देश की जमीन ही हिल जाए तो उसके तमाम विकसित अवधारणाएं धराशायी हो जाती हैं। वर्तमान में नेपाल […] Read more » Featured नेपाल नेपाल में भूकंप भारत भारत बन रहा है नेपाल का मजबूत सहारा
धर्म-अध्यात्म प्रभातवेला में ईश्वर से किस प्रकार व क्या प्रार्थना करें? May 7, 2015 / May 7, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on प्रभातवेला में ईश्वर से किस प्रकार व क्या प्रार्थना करें? –मनमोहन कुमार आर्य– -वैदिक जीवन का एक नित्य कर्तव्य- वेद ईश्वरीय ज्ञान है। सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्य वेदों के अनुसार ही जीवन व्यतीत करते आयें हैं। रात्रि को मनुष्यों को कब सोना चाहिये, प्रातः काल कब जागना चाहिये और प्रथम क्या कर्तव्य हैं, इसका उल्लेख वेदों के आधार पर महर्षि दयानन्द […] Read more » Featured ईश्वर दयानंद सरस्वती प्रभातवेला में ईश्वर से किस प्रकार व क्या प्रार्थना करें ? वेद
जन-जागरण रैंकिंग का बाजारवाद May 7, 2015 / May 7, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अरुण तिवारी- -संदर्भ: दावोस पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक- सांगठनिक स्तर पर देखें तो पर्यावरण की चिंता करना पर्यावरणीय संगठनों का काम है और शिक्षा की चिंता करना शैक्षिक संगठनों का। किंतु क्या आपको यह देखकर ताज्जुब नहींं होता कि भारत में शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग का काम राजनीतिक पत्रिकाओं ने संभाल लिया है। औद्योगिक रैंकिंग करते […] Read more » Featured रैंकिंग रैंकिंग का बाजारवाद
कविता “मां तू कितनी प्यारी है“ May 7, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on “मां तू कितनी प्यारी है“ -आलोक ‘असरदार’- बंद किये ख्वाबों के पलके, मैं तेरे जीवन में आया आँख खुली तो सबसे पहले माँ मैंने तुझको ही पाया तेरे गोद में मैंने अपना बचपन हँसकर खेला है मुझे लगाकर सीने से हर दुःख को तूने झेला है मेरे जीवन के बगिया की तू फुलवारी है, माँ तू कितनी प्यारी है माँ […] Read more » “मां तू कितनी प्यारी है“ Featured मां मां पर कविता