कविता अपने प्यार का कुछ भरम तो रहने दो July 1, 2019 / July 1, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अपने प्यार का, कुछ भरम तो रहने दो |अपने अहसानों का कुछ बोझ तो रहने दो || भले ही प्यार न करो,सितम्ब तो रहने दो |अभी तो शुरुआत थी,अब उसको रहने दो || छीनो न सभी चीजे,कुछ मेरे पास रहने दो |उन्हें मेरे मरने जीने का सहारा रहने दो || नफरत करने की भी […] Read more » Love poetry
कविता बिछुड़न May 20, 2019 / May 20, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment अजय एहसास पास आ करके हमें दूर न होना आया, दूर हो करके तुमसे बस हमें रोना आया । तुम्हारी याद में पलकें हैं बन्द होके खुली, इन आँखों में नहीं नींद न सोना आया, दूर हो करके तुमसे बस हमें रोना आया । न जाने कौन सी घड़ी थी शक किया तुमनें, अपना कहने […] Read more » Love poem poetry sad poem separation split sweet poem
लेख प्रेम न हाट बिकाय February 11, 2012 / February 11, 2012 by मदन मोहन शर्मा ‘अरविन्द’ | 1 Comment on प्रेम न हाट बिकाय मदन मोहन शर्मा ‘अरविन्द’ १४ फरवरी (वेलेंटाइन डे) पर विशेष ‘ढाई आखर प्रेम का पढ़ै सो पण्डित होय’, कबीर के इस कथन में केवल उनका व्यक्तिगत दृष्टिकोण, आधी-अधूरी जानकारी या छोटा-मोटा सन्देश नहीं, एक भारी-भरकम चुनौती है। किसी किताब से कोई प्रेम का मर्म खोज कर तो लाये, कबीर उसे पण्डित मानने को तैयार हैं, […] Read more » Love Valentine Day
विविधा नेताजी से की मोहब्बत, गई जान… February 17, 2011 / December 15, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 3 Comments on नेताजी से की मोहब्बत, गई जान… – चण्डीदत्त शुक्ल रामजी की अयोध्या के एकदम बगल बसे फैजाबाद को लोग बहुतेरी वज़हों से जानते-पहचानते हैं, लेकिन यहीं के साकेत पीजी कॉलेज का ज़िक्र एकेडेमिक एक्सिलेंस और स्टूडेंट इलेक्शंस को लेकर होता है। साकेत ने देश को कई नामी-बदनाम-छोटे-बड़े नेता दिए हैं। यहीं पर लॉ की स्टूडेंट थी शशि। कमसिन, कमउम्र, खूबसूरत शशि […] Read more » Love प्रेम मोहब्बत
कविता अरुणा की चार प्रेम कविताएं July 15, 2010 / December 23, 2011 by अरुणा राय | 4 Comments on अरुणा की चार प्रेम कविताएं (1) हर मुलाकात के बाद जो चीज हममें कामन थी वो था हमारा भोलापन और बढता गया वह हर मुलाकात के बाद पर दुनिया हमेशा की तरह केवल सख्तजां लोगों के लिए सहज थी सो हमारा सांस लेना भी कठिन होता गया और अब हम हैं मिलते हैं तो गले लग रोते हैं अपना आपा […] Read more » Love प्रेम
कविता राकेश उपाध्याय की दो कविताएं February 25, 2010 / December 24, 2011 by राकेश उपाध्याय | 3 Comments on राकेश उपाध्याय की दो कविताएं 1.ईश्वरत्व के नाते मैंने नाता तुमसे जोड़ा… कल मैंने देखा था तुम्हारी आंखों में प्यार का लहराता समंदर उफ् कि मैं इन लहरों को छू नहीं सकता, पास जा नहीं सकता।। कभी-कभी लगता हैं कि इंसान कितना बेबस और लाचार है सोचता है मन कि आखिर क्यों बढ़ना है आगे, लेकिन कुछ तो है, जो […] Read more » Love प्रेम
विविधा देने के भाव से बढ़ता है प्रेम February 16, 2010 / December 25, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment प्रेम से लड़ने के लिए अलगाव से लड़ना बेहद जरूरी है। हमें इस प्रेम से उबरने का प्रयास करना चाहिए। एरिक ने लिखा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पूर्ण असफलता को पागलपन कहा जाता है क्योंकि इसमें पूर्ण अलगाव के कारण भय बना रहता है। इससे बचने का एक ही रास्ता है विश्व के […] Read more » Love प्रेम
विविधा प्रेम का तर्क बदलें February 14, 2010 / December 25, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on प्रेम का तर्क बदलें प्रेम आज भी सबसे बड़ा जनप्रिय विषय है, इसकी रेटिंग आज भी अन्य विषयों से ज्यादा है। तमाम तबाही के बावजूद प्रेम महान है तो कोई न कोई कारण जरूर रहा होगा। प्रेम खास लोगों के साथ खास संबंध का नाम नहीं है। यह एटीट्यूट है। व्यक्ति के चरित्र की प्रकृति निर्धारित करती है कि […] Read more » Love प्रेम
समाज साठ में से चार पोस्ट सेक्स पर क्या लिखा हो गया बबाल September 28, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on साठ में से चार पोस्ट सेक्स पर क्या लिखा हो गया बबाल अरे , भाई यह क्या गजब हो गया .मैंने तो सेक्स / काम - चर्चा की कड़ियाँ लिखनी शुरू कर दी .अब लोगों को कैसे साबित करूँगा कि मैं ब्लॉग हित ,देश हित ,जन हित .... में लिखता हूँ ! . सेक्स /काम का जन से क्या सरोकार ! कुछ अन्य ब्लॉगर को देखो धर्म -चर्चा में विलीन हैं, अपने -अपने ब्लॉग पर अवतारों की चर्चा करते हैं , और मैं मूढ़ सेक्स की बात करता हूँ ! छि छि छि ..... Read more » Love Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स चर्चा
कविता मेरा पहला प्यार………… August 23, 2009 / December 27, 2011 by सुरभी | 4 Comments on मेरा पहला प्यार………… मेरा पहला प्यार………… एक दिन यूं ही ख्याल आया अलग तरिके से देखूं ये संसार क्या सबकी सोच एक जैसी है? क्या सबके लिये खास होता है, उनका पहला प्यार? चलते – चलते, रोते बिलखते, एक बच्ची को देखा! पुछा तुम्हारा पहला प्यार क्या है छोटी? बडी मासुमीयत से बोली बच्ची ने, दीदी! मेरा […] Read more » Love प्यार
प्रवक्ता न्यूज़ मोहब्बत की करम से यूं ही सांस- सांस जीते हैं July 13, 2009 / December 27, 2011 by कनिष्क कश्यप | Leave a Comment हर खुशी में गम का पहलू तलाश जीते हैं हर नये गम से खुशी तलाश जीते हैं आहु को तुम्हारे नाम के आंसू अजीज़ थे मोहब्बत की करम से सांस-सांस जीते हैं हथेली पर विसाले यार के निशां खोजते हम इनायत की असर की बस थाम आस जीते हैं आहु को तुम्हारे नाम के आंसू […] Read more » Love मोहब्बत
कविता हम जान बुझ कर फिसल गये July 12, 2009 / December 27, 2011 by कनिष्क कश्यप | Leave a Comment सभी मिट्टी के घरौंदे टूट गये हाथों से हाथ जब छुट गये तैरने लगे सपने बिखर के नैनों से जो सावन फ़ूट गये तरस गये शब नींद को तश्न्गी से लब तरश गये नाखुदा ने पुकार भी की कई अब्र फ़िर भी बरस गये सरगोशी से कुछ बात चली हम गिरते-गिरते संभल गये मुझे था […] Read more » Kanishka Kashyap Love Love Songs Poems