राजनीति मायावती के कमजोर होने से दूसरी पार्टियों को इसलिए परेशान होना चाहिए June 16, 2017 / June 16, 2017 by डॉ. स्वदेश सिंह | Leave a Comment उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम इतने अप्रत्याशित होंगे, किसी ने सोचा नहीं था. हालांकि, ज्यादातर लोगों को ये समझ आ रहा था कि इस चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) बहुमत की सरकार बनाने नहीं जा रही है. साथ ही, अब ये भी साफ होता नजर आ रहा है कि बसपा एक हाशिए […] Read more » Featured अंबेडकर स्टूडेंट्स असोसिएशन अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल कांशीराम दलित पैंथर बसपा बापसा मायावती की बहुजन समाज पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
राजनीति एक ‘छुपा रूस्तम’ दल बसपा February 1, 2017 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) को उत्तर प्रदेश की सियासत का ‘छुपा रूस्तम’ कहा जाता है। चुनावी मौसम में अन्य दलांे की अपेक्षा बीएसपी के बारे में यह आंकलन करना मुश्किल होता है कि वह क्या गुल खिलायेगी। शहरी एंव गाॅव-देहात के दबे-कुचलों की पार्टी समझी जाने वाली बीएसपी के समर्थकों की पहचान यही है […] Read more » ‘छुपा रूस्तम’ दल Featured उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कांशीराम बसपा मायावती
राजनीति शख्सियत दलितों में आज भी है मायावती की लोकप्रियता January 14, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (मायावती के 61वें जन्मदिवस 15 जनवरी 2017 पर विशेष) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में एक दलित परिवार में हुआ था। मायावती के पिता का नाम प्रभुदयाल और माता का नाम रामरती था। मायावती के छः भाई और दो बहनें हैं। इनका पैतृक गाँव बादलपुर है जो […] Read more » कांशीराम पहली दलित मुख्यमंत्री बसपा बसपा के संस्थापक कांशीराम मायावती
शख्सियत समाज समानता के पैरोकार कांशीराम March 15, 2016 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक सैकड़ों साल बाद भारतीय समाज का स्वरुप, चरित्र एवं चिंतन की व्याख्या का दायरा और उसके मूल्यों को मापने व परखने का मापदण्ड क्या होगा उसकी भविष्यवाणी आज संभव नहीं है। लेकिन जब भी असमानता और अन्याय पर आधारित समाज के खिलाफ तनकर खड़े होने वाले शिल्पकारों का इतिहासपरक मूल्यांकन करेगा उस कसौटी […] Read more » kanshiram social eqality by kanshiram कांशीराम समानता के पैरोकार कांशीराम
राजनीति मिशनरी विद्वानों के परकोटे में कैद अंबेडकर का राष्ट्रीय दर्शन April 13, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment क्या डॉ. बी.आर. अंबेडकर सिर्फ दलित नेता थे ? और थोड़ा सुने तो भारत के संविधान के निर्माता। सरकारी इश्तहारों और तथाकथित दलित विमर्श की प्रतिध्वनि इस शख्स को एक लौह आवरण में कैद करती जान पड़ती है. इस आवरण के अंदर बोलने और सुनने का अधिकार भी सबको नहीं है. ठीक वैसे ही जैसे […] Read more » Featured अंबेडकर कांशीराम गांधी डॉ अजय खेमरिया डॉ. बी.आर. अंबेडकर दलित नेता दीनदयाल बीआर अंबेडकर भारत का विभाजन लोहिया सांप्रदायिक आक्रमण हिंदू धर्म की आलोचना