कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार भौतिकता एवं आध्यात्मिकता की अक्षय मुस्कान का पर्व April 28, 2025 / April 28, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, 2025 पर विशेष– ललित गर्ग-अक्षय तृतीया महापर्व का न केवल सनातन परम्परा में बल्कि जैन परम्परा में विशेष महत्व है। इसका लौकिक और लोकोत्तर-दोनों ही दृष्टियों में महत्व है। अक्षय शब्द का अर्थ है कभी न खत्म होने वाला। संस्कृत में, अक्षय शब्द का अर्थ है ‘समृद्धि, आशा, खुशी, सफलता’, जबकि […] Read more » अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया 30 अप्रैल
कला-संस्कृति यूनेस्को की सूची में भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र : सनातन की गौरवगाथा April 24, 2025 / April 25, 2025 by डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र | 1 Comment on यूनेस्को की सूची में भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र : सनातन की गौरवगाथा · डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र भारत सनातन संस्कृति का केंद्र है। इसकी गौरवशाली परम्परा तर्क, वैज्ञानिकता, विश्वास, आस्था, जीवन-शैली, आराधना, अर्चना तथा सांस्कृतिक विरासत को स्वयं में समेटे हुए है। वस्तुतः वैदिक वाङ्मय से लेकर जैन-बौद्ध ग्रंथों, महाकाव्यों, पुराणों और स्मृतियों तक फैली समृद्ध साहित्यिक परम्परा में इसका स्पष्ट दिग्दर्शन होता है। संयुक्त राष्ट्र के […] Read more » यूनेस्को की सूची में भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र सनातन की गौरवगाथा
कला-संस्कृति नयी विश्व संरचना में विरासत एवं विकास का समन्वय अपेक्षित April 17, 2025 / April 17, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व विरासत दिवस- 18 अप्रैल, 2025– ललित गर्ग – विश्व धरोहर दिवस अथवा विश्व विरासत दिवस मानव सभ्यता के इतिहास और विरासत को एक साथ सम्मान देने एवं ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षित करने के लिए हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक परिदृश्यों और संरचनाओं का जश्न मनाना और […] Read more » विश्व विरासत दिवस विश्व विरासत दिवस- 18 अप्रैल
कला-संस्कृति भारत की विरासत इतिहास है April 17, 2025 / April 17, 2025 by डॉ.बालमुकुंद पांडेय | Leave a Comment डॉ..बालमुकुंद पांडेय वैश्विक स्तर पर अक्षर ज्ञान के महान प्रणेता,महान अन्वेषक,महान दिव्यप्रकाश देवीत्यमान कर्मयोगी भगवान शिवजी हैं । तीनों लोकों में गीता – ज्ञान गुरु शिष्य परंपरा का स्रोत हैं और सांसारिक विषयों को जानने,समझने और उपर्युक्त परिस्थिति में क्रियान्वित करने का विधा है।गुरु शिष्य परंपरा नागरिक संस्कृति के लिए मानवीय समुदाय के लिए महती […] Read more » भारत की विरासत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म राम भक्त हनुमान सिखाते हैं जीवन जीने की कला April 11, 2025 / April 11, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment (हनुमान जयंती विशेष, 12 अप्रैल 2025) संदीप सृजन हनुमान जी भारतीय संस्कृति और धर्म में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। रामायण के इस महान पात्र को न केवल एक शक्तिशाली योद्धा और भक्त के रूप में जाना जाता है, बल्कि वे एक ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं जो हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। […] Read more » हनुमान हनुमान जयंती
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म आंजन धाम : हनुमान जी की जन्मस्थली April 11, 2025 / April 11, 2025 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment हनुमान जयंती विशेष, 12 अप्रैल 2025) कुमार कृष्णन हनुमान भारत वर्ष के लोकदेवता हैं। चंडी, गणपति और शिवलिंग की तरह वे भी उस भारतीयता के प्रसव क्षणों में उदित हुए हैं जो आर्य एवं आर्येतर अर्थात आदि निषाद किरात, द्रविड़ और आर्य के चतुरंग समन्वय से उत्पन्न हुई हैं। अपने विकसित रूप में यह भारतीय […] Read more » Anjan Dham: Birthplace of Hanuman हनुमान जयंती
कला-संस्कृति सदैव प्रासंगिक रहेगी भगवान महावीर की अमृतवाणी April 9, 2025 / April 9, 2025 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment महावीर जयंती (10 अप्रैल) पर विशेष– योगेश कुमार गोयल‘अहिंसा परमो धर्मः’ का उद्घोष करने वाले भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक और आवश्यक बन गया है। आधुनिक युग में जब मानव अपने स्वार्थ और लोभ के वशीभूत होकर किसी भी अनुचित कार्य को करने में संकोच नहीं करता, यहां तक […] Read more » Lord Mahavir's Amritvaani will always remain relevant भगवान महावीर की अमृतवाणी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्राकृतिक उपचार की विधि है यज्ञोपवीत संस्कार April 7, 2025 / April 7, 2025 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव यह प्रबंध सनातन संस्कृति में ही निहित है, जिसमें प्रत्येक संस्कार को शारीरिक उपचार के प्राकृतिक शोध से जोड़कर समाज के प्रचलन में लाया गया है। इन्हीं में ही एक है यज्ञोपवीत अर्थात उपनयन या जनेऊ संस्कार। वैदिक काल में स्थापित इस संस्कार से तात्पर्य वेदों के पठन, श्रवण तथा अध्ययन-मनन से है। इन लक्ष्यों […] Read more » यज्ञोपवीत संस्कार
कला-संस्कृति भारत में शक्ति उपासना की सर्वव्यापकता April 4, 2025 / April 7, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव सनातन धर्म की अनूठी परंपरा है जिसमे परमात्मा के दो रूप हैं-माता और पिता। सत्य, ज्ञान, प्रभुता, अनन्तता, न्याय, उत्कृष्टता, परात्परता और सर्वशक्तिमानता इत्यादि जैसे गुण ईश्वर के पिता स्वरूप से सम्बन्धित हैं। जबकि सुन्दरता, प्रेम, शक्ति, प्रखरता, करुणा, अनन्यता, शाश्वतता और कृपा जैसे गुण परमात्मा के माता से सम्बन्धित हैं। संसार में परमात्मा के इन दो पक्षों की पूजा किसी न […] Read more » The prevalence of Shakti worship in India भारत में शक्ति उपासना
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मन की शुद्धता से प्रसन्न होती हैं महागौरी April 4, 2025 / April 4, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment दुर्गा अष्टमी डॉ घनश्याम बादल व्रत, उपवास और पूजा-पाठ हिंदू धर्म की पहचान हैं । उसकी यह विशेषता उसे अन्य धर्मों से विशिष्ट बनाती है । वर्ष में एक से अधिक बार ऐसे अवसर आते हैं जब श्रद्धालु हिंदू एक या दो दिन नहीं बल्कि कई कई दिन व्रत एवं उपवास करके अपने इष्ट देव […] Read more » महागौरी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म राम से बड़ा राम का नाम April 3, 2025 / April 3, 2025 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment वो त्रेता युग का समय थाजब सूर्यवंशी महाराज दशरथ के घर कौशलनन्दन श्री राम का जन्म हुआ था। समय कहाँ रुकता है भला !तो वह अपनी गति से चलता रहा। आज हम द्वापर से होते हुए कलियुग में आ गए हैं। लेकिनइतने सहस्रों वर्षों के बाद भी, इतने युगों के पश्चात भीप्रभु श्री राम का चरित्र […] Read more » Ram's name is greater than Ram राम से बड़ा राम का नाम
कला-संस्कृति मात भारत को जल्दी से बलवान कर April 2, 2025 / April 2, 2025 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीवर नवरात्रि पर्व पर करोड़ों हाथ नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपो के समक्ष आकाश की ओर उठे हुये अपने मुखारबिन्द से प्रस्फुटित प्रार्थना में अपने मन को उनके चरणों में लगाए तीव्र ओज भरे समवेत स्वरों में सुनो माता हमारी पुकार पुकार का जयघोष करते हुये गाते है, तब प्रार्थना में शक्ति कि भक्ति रूप […] Read more » भारत को जल्दी से बलवान कर