
इंडिया यंग, लीडरशिप ओल्ड!
Updated: December 7, 2011
कांग्रेस में ‘प्रजातांत्रिक राजशाही‘ लिमटी खरे कांग्रेस में भविष्यदृष्टा रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इक्कीसवीं सदी को युवाओं की सदी घोषित किया था। उनका…
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वादे हैं वादों का क्या ?
Updated: December 8, 2011
अमरेंद्र किशोर डेनमार्क के पत्रकार टॉम हैनमान की एक फिल्म कॉट इन माइक्रो-डेट चर्चाओं में है। बीते 30 नवम्बर को नार्वे टेलीविजन में इस फिल्म…
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कारपोरेट मीडिया का अन्ना ऑब्सेशन
Updated: December 8, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी अन्ना हजारे ने अपने अनशन की घोषणा कर दी है। वे 16 अगस्त से अनशन पर बैठेंगे। असल में इस अनशन का कोई…
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आधुनिक जयचंदों को पहचानें!
Updated: December 8, 2011
शंकर शरण गुलाम नबी फई के भारतीय हमप्याले, हमनिवाले हैरत जता रहे हैं। इस अंदाज में, कि अरे! हम तो जानते ही नहीं थे कि…
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कहो कौन्तेय-५
Updated: December 8, 2011
विपिन किशोर सिन्हा कर्ण का व्यक्तित्व अत्यन्त प्रभावशाली था। लंबी समानुपातिक देहयष्टि, चमकता हुआ हिरण्यवर्ण, कानों में लटकते हुए स्वर्णिम आभा के दो मांसल कुंडल,…
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बाबा रामदेव और अन्ना हजारे अलग-अलग क्यों?
Updated: December 8, 2011
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बाबा रामेदव लम्बे समय से अपने योग शिविरों में जनान्दोलन चलाते आ रहे हैं| उन्होंने कुछ बड़ी…
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‘खाप’ बनाम ‘खाप’ के निहितार्थ चन्द यक्ष प्रश्न
Updated: December 8, 2011
राजेश कश्यप उत्तरी भारत की खाप-प्रथा के खिलाफ ओमपुरी द्वारा अभिनीत फिल्म ‘खाप’ आगामी २९ जुलाई को रीलिज होने जा रही है। क्योंकि फिल्म अत्यन्त…
Read more![[पुस्तक समीक्षा:’हेलो बस्तर’] आदिवासियों का सवाल तो रह गया](https://i0.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2011/07/hello-bastar4.jpg?fit=242%2C372&ssl=1)
[पुस्तक समीक्षा:’हेलो बस्तर’] आदिवासियों का सवाल तो रह गया
Updated: December 8, 2011
सुदीप ठाकुर बस्तर और माओवादी आंदोलन पर केन्द्रित राहुल पंडिता की पुस्तक ‘हेलो बस्तर’ की समीक्षा लिखकर राजीव रंजन प्रसाद ने इसे हकीकत से दूर बताया। इस…
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व्यक्तिगत एवं राष्ट्रीय चरित्र
Updated: December 8, 2011
विजय कुमार पिछले दिनों अमरीका में ‘कश्मीर अमेरिकन सेंटर’ चलाने वाले डा0 गुलाम नबी फई तथा उसका एक साथी पकड़े गये हैं, जो कुख्यात पाकिस्तानी…
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बेशर्मी की पराकाष्ठा !
Updated: December 8, 2011
डॉ. प्रवीण तोगडि़या मुंबई में पुन: जेहादी हमले हुए। बीस से अधिक भारतीयों ने अपनी जान गंवा दी। 20 से 50 उम्र के ये…
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स्वतंत्रता संग्राम और संघ
Updated: December 8, 2011
डॉ. मनोज चतुर्वेदी स्वतंत्रता किसे नहीं अच्छी लगती चाहे वह पिजड़े में बंद पशु हो या पक्षी! सभी परतंत्रता रूपि बेड़ियों को तोडकर उन्मुक्त गगन…
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वीडियो : विशेष रिपोर्ट – कैश फॉर वोट | Special Report on Cash For Vote
Updated: December 8, 2011
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