व्यंग्य भ्रष्टाचार मिटाना ही होगा

भ्रष्टाचार मिटाना ही होगा

पंडित सुरेश नीरव भ्रष्टाचार मिटाना ही होगा। देश को भ्रष्टाचार से जब तक मुक्त नहीं कराया जाएगा तब तक देश तरक्की नहीं कर पाएगा। भ्रष्टाचार…

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धर्म-अध्यात्म हिन्दू धर्म की चुनौतियां

हिन्दू धर्म की चुनौतियां

अशोक शास्त्री कुछ ऐसी तस्वीर साफ दिखाई देती है कि बादरायण (वेद व्यास) से शंकर तक, जो हिन्दुत्व की इबारत लिखी गई है, वो मोजूदा…

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राजनीति माया की साख पर आंच

माया की साख पर आंच

संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश में दस महीने के भीतर दो सीएमओ हत्याकांडो की गुत्थी सुलझाने में लगी पुलिस के लिए एक बार फिर मुश्किल खड़ी…

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राजनीति अब माओवादी भी लड़ेंगे भ्रष्टाचार से!

अब माओवादी भी लड़ेंगे भ्रष्टाचार से!

भटकाव भरे आंदोलन ऐसे भ्रम फैलाकर जनता की सहानुभूति चाहते हैं संजय द्विवेदी यह कहना कितना आसान है कि माओवादी भी अब भ्रष्टाचार के दानव…

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कविता ठंडी ठंडी फुहार बारिश की

ठंडी ठंडी फुहार बारिश की

शादाब जफर ‘शादाब’ “बारिश’’ ठंडी ठंडी फुहार बारिश की हाय कैसी बहार बारिश की किश्तियां खूब हम चलाते थे कापिया फाड कर बनाते थै याद…

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कविता परम्पराओं पर आघात मत सहो

परम्पराओं पर आघात मत सहो

कड़ी परीक्षा है संस्कृति की सत्य तो अब कहना होगा मेरी परम्पराएँ पावन दृढ इस पे रहना होगा काले अंग्रेजों सुन लो तुम वेदनेत्र यह…

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लेख कन्या भ्रूण हत्या

कन्या भ्रूण हत्या

यह पतन की पराकाष्ठा है। पश्चिमी सभ्यता भारतीय जीवन-मूल्यों को लीलने में जुटा हुआ है। भारतीय खान-पान, वेश-भूषा, भाषा, रहन-सहन, जीवन-दर्शन इन सब पर पाश्चात्य…

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व्यंग्य व्यंग्य/ इंडियन साहब इन यमलोक

व्यंग्य/ इंडियन साहब इन यमलोक

 अशोक गौतम यमलोक के परलोक निर्माण विभाग मंडल दो में कार्यरत इंजिनियर कौशल साहब रिटायर हुए तो वहां पर इंजिनियर का पद रिक्त हो गया।…

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विविधा आंख मूंदने से बात नहीं बनेगी

आंख मूंदने से बात नहीं बनेगी

विमल कुमार सिंह एक समय था जब ईसाइयत और इस्लाम ने प्रलय मचाती सेनाओं का सहारा लेते हुए दुनिया के एक बड़े हिस्से में अपने…

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राजनीति संविधान या अन्‍ना का विधान

संविधान या अन्‍ना का विधान

 डॉ. सी. पी. राय ना संसद ना संविधान से, अब देश चलेगा अन्ना के विधान से और देश में केवल नकारात्मक बात करने वाले और…

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राजनीति तथाकथित अपवित्र राजनीतिज्ञों के आगे अब क्यों गिड़गिड़ा रही है अन्ना एंड कंपनी…

तथाकथित अपवित्र राजनीतिज्ञों के आगे अब क्यों गिड़गिड़ा रही है अन्ना एंड कंपनी…

श्रीराम तिवारी भारत के मध्यम वित्त वर्ग में इन दिनों एक बृहद बैचेनी स्पष्ट परिलक्षित हो रही है.वर्तमान पूंजीवादी प्रजातंत्र ने देश के तीनों राजनैतिक…

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विधि-कानून अन्ना हजारे, सिविल सोसायटी व जनलोकपाल बिल पर एक नज़र

अन्ना हजारे, सिविल सोसायटी व जनलोकपाल बिल पर एक नज़र

नवनीत आज सम्पूर्ण भारत में एक बात राजनीति का का केन्द्र बिन्दु बना हुआ है लोकपाल बिल, अन्ना हजारे देश की हीरो बन चुके है।…

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