
मजदूरों के लिए क्या आजादी और क्या गुलामी!
Updated: December 13, 2011
एक दिन बाद यानी 1 मई को देशभर में बड़ी-बड़ी सभाएं होगी, बड़े-बड़े सेमीनार आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मजदूरों के हितों की बड़ी-बड़ी योजनाएं भी…
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प्रिय अपनी बाहों में भर लो।
Updated: December 13, 2011
विप्रलम्ब तन शीतल मन शीतल कर दो, प्रिय अपनी बाहों में भर लो। ————————————— मंद हवाओं का ये झौंका, आंचल को सहलाता हैं। —————————————…
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पुलिस टेनिंग स्कूल में सेक्स ट्रेनिंग
Updated: December 13, 2011
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस टेनिंग स्कूल में महिला कांस्टेबल यौन शौषण। पुलिस टेनिंग स्कूल में महिला कांस्टेबल यौन उत्पीड़न की इस घटना ने देश…
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खतरों से खेलते बचपन पर अंकुश
Updated: December 13, 2011
खतरों से खेलते बचपन पर सर्वोच्च न्यायालय की अंकुश लगाने की पहल एक अच्छी शुरूआत है। क्योंकि करतब दिखाने वाले नाबालिग बच्चों को प्रदर्शन के…
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अकेला अन्ना बेचारा क्या कर सकेगा?
Updated: December 13, 2011
पवन कुमार अरविंद भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए अकेला बेचारा बूढ़ा अन्ना क्या कर सकेगा। क्योंकि यह भ्रष्टाचार अत्र, तत्र, अन्यत्र और सर्वत्र विराजमान है,…
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प्रकृति ईश्वर ही तो है…
Updated: December 13, 2011
दिवस दिनेश गौड़ मित्रों अभी कुछ दिन पहले किसी ने मुझसे कहा कि भाई आज से मैं मंदिरों में भगवान की पूजा नहीं करूँगा,…
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संतों से परहेज क्यों?
Updated: December 13, 2011
लोकेन्द्र सिंह राजपूत अक्सर कहा जाता है कि साधु-सन्यासियों को राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए। उनका काम धर्म-अध्यात्म के प्रचार तक ही सीमित रहे…
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भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी क्यों?
Updated: December 13, 2011
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता कि इन दिनों भारत में हर क्षेत्र में, भ्रष्टाचार चरम पर है|…
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अन्ना के माध्यम से जनता का संदेश
Updated: December 13, 2011
सुरेश बरनवाल यदि अन्ना कोई विदेशी सेलिब्रिटी होते और फेसबुक पर होते तो उन्हें क्लिक करने वालों की संख्या भी मीडिया के लिए एक समाचार…
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अब 26 लाख करोड़ का महाघोटाला
Updated: April 13, 2012
साप्ताहिक चौथी दुनिया ने अपने 25–—01 मई, 2011 के अपने अंक में ”26 लाख करोड् का महाघोटाला” शीर्षक से मुख्य पृष्ठ पर एक रिपोर्ट छापी…
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टेलीविजन और वामपंथी बचकानापन
Updated: December 13, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी टेलीविजन में बड़बोलापन महंगा पड़ता है। यहां जो ज्यादा बोलता है टीवी उसी को पीटता है। विधानसभा कवरेज पर आने वाली खबरों…
Read moreरामदेव Vs अण्णा = “भगवा” Vs “गाँधीटोपी सेकुलरिज़्म”?? (भाग-2)
Updated: December 13, 2011
(भाग-1 से जारी…https://www.pravakta.com/story/22198) पेश है दूसरा और अन्तिम भाग… सुरेश चिपलूनकर यह कहना मुश्किल है कि “झोलाछाप” सेकुलर NGO इंडस्ट्री के इस खेल में अण्णा हजारे खुद…
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