
हिंदी-संस्कृत-अंग्रेज़ी स्रोत
Updated: December 18, 2011
डॉ. मधुसूदन वैसे क-ग उच्चारण और ड द त का भी ऐसे ही बदला जाता है। (७)MEDIUM: चौथा लेते है माध्यम जैसे प्रचार माध्यम –यही…
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चीन की चालाकियों से कैसे निबटा जाए…
Updated: December 18, 2011
श्रीराम तिवारी मुझे मालूम है कि मेरे इन विचारों को शेख चिल्ली के सपनों की तरह ख़ारिज कर दिया जायेगा. वाम बुद्धिजीवी तो संज्ञान ही…
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कविता / ‘जब से शहर आया हूं…’
Updated: December 18, 2011
जब से शहर आया हूं हरी साड़ी में नहीं देखा धरती को सीमेंट-कांक्रीट में लिपटी है जींस-पेंट में इठलाती नवयौवन हो जैसे धानी चूनर में…
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फैट से भरपूर खुराक से कैंसर की संभावना
Updated: December 18, 2011
सरफ़राज़ ख़ान ऐसी खुराक जो वसा से भरपूर हो उससे प्रोस्टेट का खतरा बढ़ सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के…
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जम्मू और कश्मीर के गुज्जर और बकरवाल
Updated: December 18, 2011
एम एल धर जम्मू और कश्मीर में करीब दो लाख खानाबदोश गुज्जर और बकरवाल परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत लाया जा रहा…
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कानकुन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के निहितार्थ
Updated: December 18, 2011
सुरेश प्रकाश अवस्थी मेक्सिको के कानकुन शहर में दो सप्ताह तक चले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में तीखे मतभेदों के बावजूद अंतत: एक सर्वमान्य समझौता हो…
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संगीतकारों की स्मृति में डाक टिकट
Updated: December 18, 2011
डॉ. के परमेश्वरम तमिलनाडु में मरगज़ी का महीना (दिसम्बर-जनबरी) एक ऐसा समय होता है जब जलवायु अपेक्षाकृत काफी ठंडी और आरामदेह होती है। तमिल भाषा…
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शिक्षा के अधिकार की अहमियत को समझे …
Updated: December 18, 2011
ललित कुमार कुचालिया हमारे भारत को गावों का देश के नाम से जाना जाता है. और जिस देश की सत्तर फीसदी जनता ग्रामीण क्षेत्रों में…
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मीडिया महारथियों की लडख़ड़ाती उर्दू
Updated: December 18, 2011
मो. इफ्तेख़ार अहमद, गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक उर्दू ज़ुबान में जितनी अदब और लिहाज़ है, उतनी ही ये बोलने और समझने में भी आसान है। भारतीय…
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विकीलीक के राजनीतिक निहितार्थ
Updated: December 18, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी विकीलीक ने इंटरनेट पर सूचनाओं का विस्फोट किया है। सारी दुनिया के राजनेता, मीडिया विशेषज्ञ परेशान हैं कि आखिरकार नेट से आने वाले…
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उजली चादर का मौन
Updated: December 18, 2011
डॉ. वेदप्रताप वैदिक संसद का यह सत्र जितना निष्फल रहा, पहले कोई सत्र नहीं रहा। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को लेकर पहले भी हंगामे हुए,…
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नक्सलवाद : कल से आज तक
Updated: December 18, 2011
सोनू कुमार जन आंदोलन से शुरू हुआ नक्सलवाद अब लेवी के रूप में 1500 करोड़ रुपए का संगठित रंगदारी व्यवसाय बन गया है। पुलिस और…
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