टॉप स्टोरी धर्म-अध्यात्म मनोरंजन विविधा साहित्य कनिष्क कश्यप:आईए देखें पहले अंडा या पहले मुर्गी ? September 22, 2009 / December 26, 2011 | 4 Comments on कनिष्क कश्यप:आईए देखें पहले अंडा या पहले मुर्गी ? यहीं गांठ हैं, यहीं उलझन हैं जो आपको सुलझानी हैं। देखो उस सवाल को……जिसने अपना होना कैसे बनाये रखा। एक ऐसा सवाल जो बार बार आपको एक अद्रिश्य सता को मानने को विवश करता है। एक ऐसा सवाल जो बड़े बड़े विद्वानों ने, मनुस्य की सोच और बुद्धि को सीमित करने का रूपक बनाया और आज भी बनाया जाता है। पहले अंडा आया या पहले मुर्गी? पहले पेड़ या पहले बीज़? जैसे हज़ारों सवाल आप बना सकतें हैं! Read more » Kanishka Kashyap शिक्षा
आलोचना कनिष्क : खाने को दाना नहीं शौचालय बनाना है। August 17, 2009 / December 27, 2011 | Leave a Comment अपने देश का दुर्भाग्य है,हम हर चीज पहले हीं देख लेते हैं और हजारों साल ढोने के बाद भी उसे पुरी तरह आत्मसात नहीं कर पाते। आप इस कथ्य का द्र्श्टांत देखें तो फेहरिस्त लम्बी बनेगी। हमने लोकतंत्र और गणराज्य हज़ारों वर्ष पहले देखा, जिया और लिखा। पर आजतक हम एक आदर्श स्वरूप नहीं दे […] Read more » Toilet शौचालय
प्रवक्ता न्यूज़ व्यंग्य समाज बुद्ध सेक्स के पहरेदार के रूप में August 17, 2009 / December 27, 2011 | 3 Comments on बुद्ध सेक्स के पहरेदार के रूप में मैं लाफिंग बुद्धा से वाकिफ़ नही था। दिल्ली में मुलाकात हुई, एक माल मे सजे हुए थे। मैने सोचा धर्म का बाज़ार बुद्ध से कैसे सुशोभित हो रहा है। वह तो आकांक्षाओं को लगाम देने पर जोड़ देते थे और बाज़ार आकांक्षाओं पर आश्रित व्यवस्था है। बाज़ार एक कदम आगे बढ़ कर फ्यूचर ट्रेडिंग की […] Read more » Laughing Buddha मीडिया मॉनिटर
प्रवक्ता न्यूज़ कनिष्क:आज भगत सिंह भारत आये थे। August 15, 2009 / December 27, 2011 | 3 Comments on कनिष्क:आज भगत सिंह भारत आये थे। स्वर्गलोक मे मिस्टर यमराज पधारते हैं। वह जेनेटिकलीमोडीफाइड भैंसें पर आसीन हैं। पहले का देशी भैंसा खानाजो ज्यादा खाता था। वैसे शादी की सालगिरह पर उन्हें मर्शडीज भी मिली थी, पर पेट्रोल की किमत को देखते हुएरायल भैंसा कहीं ज्यादा अच्छा लगा। वैसे बात परम्परा कीभी है, वह तो निभानी पड़ेगी। यमराज आज भगत सिंह […] Read more » Kanishka Kashyap भगत सिंह
प्रवक्ता न्यूज़ कनिष्क: वो दरिया था,आकर उन्हे बुझा जाता August 5, 2009 / December 27, 2011 | Leave a Comment मैं शौक से मनाता जश्न उनकी जीत का उस रौशनी में लेकिन कई घर जल रहे थे मलाल तो था जरूर उनके जलने का उनकी छावं मे हम कब से पल रहे थे वो दरिया था,आकर उन्हे बुझा जाता दूर कहीं शायद पत्थर पिघल रहे थे नही थी खबर ज़िन्दगी बसती हैं यहीं हम तो […] Read more » poem कनिष्क कश्यप कनिष्क की कविताएं कविता कविताएं ग़जल
प्रवक्ता न्यूज़ एक तोहफा हिन्दी ब्लाग जगत को “ब्लागप्रहरी” का हुआ आगमन August 3, 2009 / December 27, 2011 | Leave a Comment गांधी जयंती पर ब्लागर को नया तोहफ़ा: ” ब्लागप्रहरी” : एक विशेष ब्लाग एग्रीगेटर ब्लाग जगत मे जब प्रहार ज्यादा होने लगे और सृजन की प्रक्रिया धीमी हो जाने लगे, तब यह भान हो जाना चाहीये कि वक्त एक बड़े बदलाव का है। वर्तमान समय में ब्लागींग का गीरता स्तर, इसके शुभागमन के समय अनुमानित […] Read more » Blog कनिष्क ब्लागप्रहरी
प्रवक्ता न्यूज़ एक गुज़ारिश करुं खुदा से, तेरा नाम ना मैं भुला सकूँ ! July 14, 2009 / December 27, 2011 | 2 Comments on एक गुज़ारिश करुं खुदा से, तेरा नाम ना मैं भुला सकूँ ! काश ये दूरियाँ कम हो जाएं तुम्हारे पलकों पर मैं छा सकूं कोई जो मुझे अपना समझता है उसी का हूँ अहसास दिला सकूँ जो रिस्ते की मुकद्दर हमने लिखी वह कायम रहेगा विश्वास दिला सकूँ कर सकता अगर बयां, तुम्हारी कमीं लफ़्ज़ो से लफ़्जो के साये में बन्दिशें मैं जला सकूं फ़लक से जमीं […] Read more »
प्रवक्ता न्यूज़ मोहब्बत की करम से यूं ही सांस- सांस जीते हैं July 13, 2009 / December 27, 2011 | Leave a Comment हर खुशी में गम का पहलू तलाश जीते हैं हर नये गम से खुशी तलाश जीते हैं आहु को तुम्हारे नाम के आंसू अजीज़ थे मोहब्बत की करम से सांस-सांस जीते हैं हथेली पर विसाले यार के निशां खोजते हम इनायत की असर की बस थाम आस जीते हैं आहु को तुम्हारे नाम के आंसू […] Read more » Love मोहब्बत
कविता हम जान बुझ कर फिसल गये July 12, 2009 / December 27, 2011 | Leave a Comment सभी मिट्टी के घरौंदे टूट गये हाथों से हाथ जब छुट गये तैरने लगे सपने बिखर के नैनों से जो सावन फ़ूट गये तरस गये शब नींद को तश्न्गी से लब तरश गये नाखुदा ने पुकार भी की कई अब्र फ़िर भी बरस गये सरगोशी से कुछ बात चली हम गिरते-गिरते संभल गये मुझे था […] Read more » Kanishka Kashyap Love Love Songs Poems
राजनीति सांस्कृतिक आत्ममुग्धता से बाहर निकल शक्ति संचय को प्राथमिकता दे भारत July 10, 2009 / December 27, 2011 | 3 Comments on सांस्कृतिक आत्ममुग्धता से बाहर निकल शक्ति संचय को प्राथमिकता दे भारत चीन को आखिर क्यूं बर्दास्त करता है भारत? जब विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने राज्य सभा में सूचित किया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक सिंचाई परियोजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा मदद दिये जाने पर अपनी आपत्ति जताई है, तब शायद किसी के भी चेहेरे पर आश्चर्य या उतेजना के भाव नही […] Read more » India China Relations Indian Foreign Policy Kanishka Kashyap Samaj
प्रवक्ता न्यूज़ मेरे पहले प्यार की याद मे July 10, 2009 / December 27, 2011 | 1 Comment on मेरे पहले प्यार की याद मे तारीख़ों के पन्नों मे गुजरे वो ख्वाब आंखो की गहराई में महसूस करता हूँ दिन के उजलों मे अन्धेरों के बीच खुद को दफ़न सा मह्सूस करता हूँ माथे पर उभरती लकीरें शिकन की कुछ कुछ तुम सी लगतीं हैं पिघलती ये तहरीरें मन की कुछ कुछ तुम सि लगतीं हैं परत दर परत बिछी […] Read more » Kanishka Kashyap Love पहले प्यार
टॉप स्टोरी विविधा कंवल के मनिन्द खिला तेरा चेहरा देखा July 8, 2009 / December 27, 2011 | 2 Comments on कंवल के मनिन्द खिला तेरा चेहरा देखा गुबार भरे राहों में खुस्क फ़िज़ा की बाहों में कंवल के मनिन्द खिला तेरा चेहरा देखा गुनचों में उलझी लटें हवा के इशारे पर आंखो पे झुक पलकों मे उलझ चेहरे पर बिखर रहीं खाक की आंधी में इक महज़बी देखा बलिस्ते भर थी दूरियाँ धड़कने करीब थीं सांसो की महक होठों की चमक चांदनी […] Read more » Manind khila मनिन्द खिला