कला-संस्कृति लेख साहित्य संस्कृति पर हमला हो चुका है July 7, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य इस्लाम और ईसाइयत इन दोनों ने भारत में आकर इस देश की संस्कृति को मिटाने का हर संभव प्रयास किया। यदि यह क्रम बीते कल की बात हो गयी तो हम भी इसे ‘गड़े मुर्दे उखाडऩे’ की नीति मानकर छोड़ देते। किंतु दुर्भाग्य से यह क्रम आज भी थमा नही है। जो […] Read more » Featured इस्लाम और ईसाइयत राष्ट्रीय संस्कृति पर घातक प्रहार शिक्षा पर विदेशी प्रभाव संस्कृति पर हमला
कला-संस्कृति ज्योतिष धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार श्री श्रीजगन्नाथ रथयात्रा का भारतीय परम्परा में महत्व July 5, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 6 जुलाई पर विशेषः- मृत्युंजय दीक्षित आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया को ओडिशा व गुजरात सहित देश के अनेकानेक हिस्सों में निकाली जाने वाली रथ यात्रा का विशेष महत्व है। यह रथयात्रा मुख्यरूप से ओडिशा का सबसे बड़ा ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व का पर्व है। इस दिन ओडिशा की सड़को पर तिल रखने की भी जगह […] Read more » कोणार्क का सूर्य मंदिर जगन्नाथ मंदिर धार्मिक सहिष्णुता का मंदिर भारतीय परम्परा भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर श्री श्रीजगन्नाथ रथयात्रा
कला-संस्कृति जरूर पढ़ें शख्सियत समाज आजीवन हिन्दू रहे गौतम बुद्ध! June 11, 2016 by शंकर शरण | 7 Comments on आजीवन हिन्दू रहे गौतम बुद्ध! हमारे अनेक बुद्धिजीवी एक भ्रांति के शिकार हैं, जो समझते हैं कि गौतम बुद्ध के साथ भारत में कोई नया ‘धर्म’ आरंभ हुआ। तथा यह पूर्ववर्ती हिन्दू धर्म के विरुद्ध ‘विद्रोह’ था। यह पूरी तरह कपोल-कल्पना है कि बुद्ध ने जाति-भेदों को तोड़ डाला, और किसी समता-मूलक दर्शन या समाज की स्थापना की। कुछ वामपंथी […] Read more » Buddha remained hindu throughout his life Featured Gautam Buddh गौतम बुद्ध
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्राचीन कालीन शैव अर्थात पाशुपत सम्प्रदाय May 29, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment (जीव पशु एवं शिव हैं पति) -अशोक “प्रवृद्ध” प्राचीन काल में मूल शैव सम्प्रदाय पाशुपत सम्प्रदाय कहलाता था। वे शिव को ही कर्ता- धर्ता समझते थे। इस मत के मानने वाले शिव को पति मानते थे और जीव को पशु। शिवजी पशुओं के पति हैं ऐसा उनको विश्वास है। शिवजी ही उन्हें इस संसार के […] Read more » पाशुपत सम्प्रदाय शैव
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए पुष्यामृत योग, पुष्य नक्षत्र का महत्त्व, लाभ और प्रभाव :– May 27, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on जानिए पुष्यामृत योग, पुष्य नक्षत्र का महत्त्व, लाभ और प्रभाव :– भारतीय ज्योतिष और संस्कृति में संतुष्टि एवम् पुष्टिप्रदायक पुष्य नक्षत्र का वारों में श्रेष्ट बृहस्पतिवार (गुरुवार ) से योग होने पर यह अति दुर्लभ ” गुरुपुष्यामृत योग’ कहलाता है । ‘ सर्वसिद्धिकरः पुष्यः । ‘ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है ।। शुभ, मांगलिक कर्मों के संपादनार्थ गुरुपुष्यामृत योग वरदान सिद्ध होता है […] Read more » पुष्य नक्षत्र का महत्त्व पुष्यामृत योग
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म 20मई : नृसिंह जयंती May 18, 2016 / May 18, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा- राधेश्याम द्विवेदी नरसिंह कथा:- नृसिंह जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस जयंती का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। भगवान श्रीनृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने ‘नृसिंह अवतार’ लेकर दैत्यों […] Read more » नृसिंह जयंती
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विष्णु के चतुर्थ अवतार श्रीनृसिंह May 17, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” यद्यपि सनातन वैदिक मतानुसार परमात्मा का अवतार संभव नहीं, तथापि बहुत सारे हिन्दुओं की मान्यता है कि सृष्टि में सभी प्राणी पूर्वनिश्चित धर्मानुसार अपने-अपने कार्य करते रहते हैं और जब कभी धर्म की हानि की होती है तो सृष्टिकर्ता धर्म की पुनः स्थापना करने के लिये धरती पर अवतार लेते हैं। मान्यतानुसार सृष्टि […] Read more » Featured विष्णु के चतुर्थ अवतार श्रीनृसिंह
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार समाज जानकी नवमी May 12, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी सीताजी की जयंती वैशाख शुक्ल नवमी को मनायी जाती है, किंतु भारत के कुछ भाग में इसे फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को मनाते हैं। रामायण के अनुसार वह वैशाख में अवतरित हुईं थीं, किन्तु ‘निर्णयसिन्धु’ के ‘कल्पतरु’ ग्रंथानुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी को। अत: दोनों ही तिथियाँ उनकी जयंती हेतु मान्य हैं। […] Read more » birthday of sita mata Featured sita jayanti जानकी नवमी
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार विविधा गंगोत्पत्ति दिवस है गंगा सप्तमी May 12, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” मानव जीवन ही नहीं, वरन मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करने वाली भारतवर्ष की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी राष्ट्र-नदी गंगा निरन्तर गतिशीला और श्रम का प्रतीक है और अनवरत श्रमशीला बनी रहकर सभी को अथक, अविरल श्रम करने का संदेश देती है। इसीलिए गंगा को जीवन तत्त्व और जीवन प्रदायिनी कहा गया है तथा […] Read more » Featured ganga saptmi गंगा सप्तमी गंगोत्पत्ति दिवस
कला-संस्कृति अक्षय तृतीया पर्व का धार्मिक महत्व May 10, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 9 मई पर विशेष:- मृत्युंजय दीक्षित भारतीय संस्कृति एवं परम्परा मंे हर महीने व दिन कोई न कोइ्र्र महान पर्व अवश्य पड़ता है तथा उसक विशेष महत्व होता है। इसी कड़ी में वैशाख मास में शुक्लपक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है जिसका अपना विशेष महत्व हैं । अक्षय तृतीया […] Read more » akshay tritiya Featured अक्षय तृतीया
कला-संस्कृति शख्सियत समाज शस्त्र शास्त्र के पारंगत और कर्मवीर भगवान परशुराम May 7, 2016 / May 7, 2016 by हितेश शुक्ला | 2 Comments on शस्त्र शास्त्र के पारंगत और कर्मवीर भगवान परशुराम परशुराम जी ने कभी क्षत्रियों को संहार नहीं किया. उन्होंने हैहयवंशीय क्षत्रिय वंश में उग आई उस खर पतवार को साफ किया जिससे क्षत्रिय वंश की साख खत्म होती जा रही थी. जिस दिन भगवान परशुराम को योग्य क्षत्रियकुलभूषण प्राप्त हो गया उन्होंने स्वत दिव्य परशु सहित अस्त्र-शस्त्र राम के हाथ में सौंप दिए जन्म […] Read more » कर्मवीर भगवान परशुराम शस्त्र शास्त्र के पारंगत
कला-संस्कृति लेख साहित्य साहित्य और समाज May 7, 2016 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment डॊ. सौरभ मालवीय साहित्य समाज का दर्पण है, समाज का प्रतिबिम्ब है, समाज का मार्गदर्शक है तथा समाज का लेखा-जोखा है. किसी भी राष्ट्र या सभ्यता की जानकारी उसके साहित्य से प्राप्त होती है. साहित्य लोकजीवन का अभिन्न अंग है. किसी भी काल के साहित्य से उस समय की परिस्थितियों, जनमानस के रहन-सहन, खान-पान व […] Read more » Featured साहित्य और समाज