कला-संस्कृति भारतीय संस्कृति और भोगवाद April 27, 2010 / December 24, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 22 Comments on भारतीय संस्कृति और भोगवाद क्या भोगवाद उन्नति का नाप है और क्या भारतीय संस्कृति आउट आफ़ डेट है? (मानव व्यवहार इतना जटिल है कि उसके विषय में कोई भी कथन यदि 60 प्रतिशत भी सही हो तो उसे सही माना जाना चाहिये।) मुझे लगता है कि भोगवाद का विषय आज तर्क के तथा समझने समझाने के परे हो गया […] Read more » Indian Culture भारतीय संस्कृति भोगवाद
कला-संस्कृति संस्कृति में रीतिवाद के खतरे April 5, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जैसे विज्ञापन में रीतिवाद का महत्व होता है, प्रचार मूल्य होता है। विनिमय मूल्य होता है। उसी तरह लेखक संगठनों के द्वारा आयोजित कार्यक्रम भी होते हैं। उनका विज्ञापनमूल्य से अधिक मूल्य आंकना बेवकूफी है। जिस तरह मध्यकाल में आए बदलावों से संस्कृत के लेखक अनभिज्ञ थे उसी तरह आधुनिकाल में आए बदलावों को लेकर […] Read more » culture संस्कृति
कला-संस्कृति विश्व मंच पर पहचान बना रही हैं भारतीय ललित कलाएं April 1, 2010 / December 24, 2011 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment देर से ही सही भारतीय ललित कलाएं विश्व की कला दुनिया में अपनी जगह बना रही हैं। शास्त्रीय संगीत और नृत्य से शुरुआत तो हुई पर अब चित्रकला की दुनिया में भी भारत की पहल को स्वागतभाव से देखा जा रहा है। सतत जिद और जिजीविषा के चलते भारतीय कलाकारों की यह सफलता हमारे गर्व […] Read more » Lalit Kala ललित कला
कला-संस्कृति दफन हो जाये ऐसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता March 12, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on दफन हो जाये ऐसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मकबूल फिदा हुसैन को लेकर फिर चर्चा है। कतर की नागरिकता लेने के बाद उनके पक्ष में तकरीरें की जा रही है। प्रगतिशील और भारतीय आस्थाओं के विरोधी एक बार फिर लामबंद, सक्रिय और आक्रामक हैं। हुसैन की करतूतों के कारण भारत में उनका काफी विरोध हुआ। भारत में कानून की हालत यह है कि […] Read more » Fida Hussain अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मकबूल फिदा हुसैन
कला-संस्कृति हुसैन की बिल्ली थैले से बाहर निकली March 9, 2010 / December 24, 2011 by अम्बा चरण वशिष्ठ | 6 Comments on हुसैन की बिल्ली थैले से बाहर निकली बिल्ली तो अब थैले से बाहर आ ही गई। यह कहावत विख्यात चित्रकार मुहम्मद फिदा हुसैन पर पूरी तरह चरितार्थ होती है। साथ ही उनकी पोल भी खुल गई है। भारत की नागरिकता त्याग कर खाडी देश कतर की नागरिकता ग्रहण कर अपने आप को सम्मानित महसूस कर उन्होंने भी सैकुलरवाद, उदारवाद तथा जनतन्त्र के […] Read more » MF Hussain एफ एम हुसैन मकबूल फिदा हुसैन
कला-संस्कृति कला के जरिए कंडोम के प्रयोग पर जोर March 9, 2010 / December 24, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment हमारे समाज में सेक्स को वर्जित माना जाता है और शारारिक जरुरतों की अवहेलना की जाती है। दरअसल जीवन को संपूर्णता में जीने की कोशिश कोई नहीं करना चाहता। यौन कार्यकलापों को अश्लीलता की श्रेणी में रखा जाता है। इसका मूल कारण है हमारी सभ्यता और संस्कृति, जो हमें उन्मुक्त एवं स्वछंद होने से रोकती […] Read more » Condom कंडोम कला
कला-संस्कृति मकबूल फिदा हुसैन के पलायन को लेकर उठे प्रश्न March 8, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 10 Comments on मकबूल फिदा हुसैन के पलायन को लेकर उठे प्रश्न मकबूल फिदा हुसैन ने 95 साल की उम्र में भारत की नागरिकता छोडकर कतर देश की नागरिकता स्वीकार कर ली है। वे जाने माने चित्रकार हैं और उनके चित्र लाखों में बिकते हैं। जो चीज लाखों में बिकती है वो सैकडों में ही चर्चित होती है। आम आदमी से उसका कोई ताल्लुक नहीं होता। लेकिन […] Read more » MF Hussain मकबूल फिदा हुसैन
कला-संस्कृति लोकतंत्र में निर्जन एकांत नहीं होता मकबूल फिदा हुसैन March 4, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on लोकतंत्र में निर्जन एकांत नहीं होता मकबूल फिदा हुसैन एफ एम हुसैन साहब बहुत बड़े चित्रकार हैं,भारतीय चित्रकला परंपरा में उनका गौरवपूर्ण स्थान है। भारतीय कला के उन्होंने अनेक नए मानक बनाए और तोड़े है। उनकी कला में भारत की आत्मा निवास करती है। कलाकार के रंगों के साथ उसके देश का अभिन्न संबंध होता है। उनकी कला का धर्मनिरपेक्ष आयाम भारतीय कलाकारों, बुद्धिजीवियों […] Read more » MF Hussain एफ एम हुसैन फिदा हुसैन भारतीय चित्रकला
कला-संस्कृति सभ्य मन की अनग अभिव्यक्ति है होली – जयप्रकाश सिंह February 28, 2010 / December 24, 2011 by जयप्रकाश सिंह | 7 Comments on सभ्य मन की अनग अभिव्यक्ति है होली – जयप्रकाश सिंह भारतीय मनीषीयों ने ईवर की अनुभूति ‘रसो वै सः’ के रुप में की है । चरम अनुभति को रसमय माना है । यही मनीषी ईवर को सिच्चदानंद भी कहता है । यानी भारतीय मानस के लिए ईवर और आनंद की अनुभूतियां अलग अलग नहीं हैं । होली भारतीय चित द्वारा इसी रस की स्वीकृति और अभिव्यक्ति है । […] Read more » Holi जयप्रकाश सिंह होली
कला-संस्कृति प्रदर्शनी में दिखी लोकतंत्र की झलक February 4, 2010 / December 25, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment लोस अध्यक्ष मीरा कुमार ने किया उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बुधवार को भोपाल में देश के संसदीय इतिहास पर आधारित प्रदर्शनी का उद्धाटन किया। इस मौके पर राज्यसभा के उपाध्यक्ष के. रहमान, विधानसभा के अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी, उपाघ्यक्ष हरवंश सिंह सहित विभिन्न राज्यों से आए पीठासीन अधिकारी उपस्थित थे। भारत की विधानसभाओं के […] Read more » Meera Kumar प्रदर्शनी मीरा कुमार
कला-संस्कृति ऊर्जावान, विवेकवान युवा भारत के लिए आओ करें सूर्य नमस्कार January 11, 2010 / December 25, 2011 by पंकज व्यास | 1 Comment on ऊर्जावान, विवेकवान युवा भारत के लिए आओ करें सूर्य नमस्कार 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता? उनके बारे में, उनके व्यक्ति के बारे में हर भारतीय भलीभांति परिचित होगा। सब जानते हैं कि किस तरह स्वामी विवेकानंद ने अपने विवेक से, अपनी मेधा से पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम फहराया। भारत से लेकर शिकांगो सम्मेलन […] Read more » Swamy Vivekanand स्वामी विवेकानंद
कला-संस्कृति अपसंस्कृति और उपभोक्तावाद के प्रवक्ता January 8, 2010 / January 8, 2010 by संजय द्विवेदी | 2 Comments on अपसंस्कृति और उपभोक्तावाद के प्रवक्ता “और आज छीनने आए हैं वे हमसे हमारी भाषा यानी हमसे हमारा रूप जिसे हमारी भाषा ने गढ़ा है और जो इस जंगल में इतना विकृत हो चुका है कि जल्दी पहचान में नहीं आता” हिंदी के प्रख्यात कवि स्व. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की ये पंक्तियां किन्हीं दूसरे संदर्भों पर लिखी गई हैं, लेकिन वह […] Read more » अपसंस्कृति उपभोक्तावाद