चिंतन “गोरक्षा व गोपालन मानवीय कार्य होने से वैदिक धर्म का अंग है” August 27, 2019 / August 27, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य का कर्तव्य ‘जियो और जीने दो’ सिद्धान्त का पालन करना है। कोई मनुष्य यह नहीं चाहता दूसरा कोई मनुष्य उसके प्रति हिंसा का व्यवहार करे। अतः उसका भी यह कर्तव्य बनता है कि वह भी किसी मनुष्य या इतर प्राणी के प्रति हिंसा का व्यवहार न करे। हिंसा से मनुष्य […] Read more » are part of Vedic religion Cow protection due to humanitarian work
चिंतन “ऋषि दयानन्द के समाज सुधार के कार्य” August 26, 2019 / August 26, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज के इतिहास में महात्मा नारायण स्वामी जी का गौरवपूर्ण स्थान है। आप आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान एवं ऋषिभक्त प्रभावशाली नेता थे। योग में आपकी गहरी रूचि थी और आपने ध्यान व समाधि का अभ्यास किया था। आपने योगदर्शन का भाष्य भी किया है। हमारे मित्र व गुरु प्रा0 अनूप सिंह […] Read more » ocial reform work of Rishi Dayanand
चिंतन “ईश्वर अनादि काल से हमारा साथी है और हमेशा रहेगा” August 26, 2019 / August 26, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। अथर्ववेद के एक मन्त्र ‘अन्ति सन्तं न जहात्यन्ति सन्तं न पश्यति। देवस्य पश्य काव्यं न ममार न जीर्यति।।’ में कहा गया है कि ईश्वर जीवात्मा के अति समीप है। वह जीवात्मा का त्याग नहीं करता। इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि ईश्वर हमारे अति समीप है, जीवात्मा उसका त्याग नहीं […] Read more » always will be God our companion time immemorial
चिंतन श्रीकृष्ण महान् क्रांतिकारी नायक August 22, 2019 / August 22, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व भारतीय इतिहास के लिये ही नहीं, विश्व इतिहास के लिये भी अलौकिक एवम् अद्भुत व्यक्तित्व है और सदा रहेगा। वे हमारी संस्कृति के एक विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से की जा सकती है और न संसार के किसी महापुरुष से। उनके […] Read more » great hero revolutniory hero Shri Krishna
चिंतन समग्रता का उपदेश देता गीता का दर्शन August 22, 2019 / August 22, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ‘क्रोध से सम्मोहन होता है, सम्मोहन से स्मृति लोप. स्मृति के लोप हो जाने से बुद्धि का नाश, और बुद्धि के नाश होने से व्यक्ति का नाश हो जाता है.’- [गीता:२-६६]. जीवन के नाश से बचने के लिए क्यों व्यक्ति को क्रोधादि अपने मानसिक आवेगों पर संयम रखना चाहिए उपरोक्त श्लोक इस बात का हमें […] Read more » gita preaches totality
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द संसार में सबसे महान एवं सर्वोत्तम मनुष्य थे” August 20, 2019 / August 20, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य वह होता है जो अपने सभी निर्णय व कार्य मनन करके करता हे। मनुष्य का शिशु के रूप में अपनी माता के गर्भ से जन्म होता है। समय के साथ शिशु शारीरिक वृद्धि को प्राप्त होते हुए बालक, किशोर व युवा बनता है। विद्या अर्जित करके उसका ज्ञान बढ़ता है। […] Read more » and was the greatest best man in the world Rishi Dayanand
चिंतन धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थप्रकाश सद्धर्म का प्रकाशक ग्रन्थ” August 17, 2019 / August 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन का स्वभाव गुण व कर्म की क्षमता से युक्त होना है। न केवल मनुष्य अपितु सभी चेतन प्राणी पशु व पक्षी आदि भी स्वभाविक ज्ञान से युक्त होकर जीवन भर कर्म करने में प्रवृत्त रहते हैं। जिन कर्मों से मनुष्य अन्य मनुष्यों व प्राणियों को […] Read more » satyarthprakash
चिंतन धर्म-अध्यात्म “गुरुकुल ब्रह्मचारियों को विद्या देने के साथ उन्हें तपस्वी बनाता हैः स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती” August 13, 2019 / August 13, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। दिनांक 11-8-2019 को देहरादून स्थित गुरुकुल पौंधा में 28 नये प्रविष्ट ब्रह्मचारियों के वेदारम्भ एवं उपनयन संस्कार सम्पन्न किये गये। प्रातः 7.00 बजे संस्कार विधि में दिये गये विधि विधान के अनुसार उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार अनेक आचार्यों, विद्वानों, गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के अभिभावकों एवं स्थानीय निवासियों की उपस्थिति में सोल्लास […] Read more » gurukul swami prwanand sarswati
चिंतन “प्रत्यक्षदर्शी स्वामी अच्युतानन्द और स्वामी आर्यमुनि August 12, 2019 / August 12, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment द्वारा ऋषि दयानन्द का वर्णन” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान और ऋषि दयानन्द के जीवन के मर्मज्ञ डा0 भवानीलाल भारतीय जी ने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है ‘‘मैंने ऋषि दयानन्द को देखा”। भारतीय जी ने इस पुस्तक की रचना दो खण्डों में की है। प्रथम खण्ड में 25 […] Read more » and Swami Aryamuni Eyewitness Swami Achuthanand
चिंतन “मनुष्य जीवन की उन्नति और उसके उपायों पर विचार” August 8, 2019 / August 8, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य जीवन हमें शरीर व आत्मा की उन्नति के लिये मिला है। इन दोनों की उन्नति होने पर ही हम अपनी सामाजिक एवं लौकिक उन्नति कर सकते हैं। शरीर की उन्नति का तात्पर्य यह है कि हमारा शरीर निरोग, पूर्ण स्वस्थ व बलवान हो। शरीर में यथोचित शक्ति सहित सभी प्रकार […] Read more » and its remedies man life
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के अनुसार कृष्ण लीला से कृष्णजी का अपमान होता है” August 7, 2019 / August 7, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द जी का जिन दिनों मेरठ में आगमन हुआ था, तब वहां ‘धर्मरक्षिणी सभा’ की ओर से तीन प्रश्न प्रश्न उपस्थित किये गये थे जिनका स्वामी जी ने अपने व्याख्यान में उत्तर दिया था। ऋषि के व्याख्यानों में उपस्थित एक ऋषि भक्त ने उनके दिये उत्तरों को नोट कर लिया […] Read more » krishn leela Krishna Rishi Dayanand
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ईश्वर सभी शुभ-अशुभ कर्मों का फलदाता होने से न्यायाधीश है” August 1, 2019 / August 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में तीन अनादि एवं नित्य सत्तायें हैं ईश्वर, जीव एवं प्रकृति। संसार की यह तीन सत्तायें सनातन एवं शाश्वत् हैं। यह सत्तायें कभी उत्पन्न नहीं हुई एवं इनका अस्तित्व स्वयंभू, स्वमेव व अपने आप है। यह तीनों सत्तायें एक दूसरे से पृथक एवं स्वतन्त्र अस्तित्व वाली हैं। इन सत्ताओं का […] Read more » fruitful God good and bad deeds