कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शिव :पूर्वोत्तर भारत के सर्वमान्य ईश्वर April 15, 2017 by वीरेन्द्र परमार | Leave a Comment प्रकृतिपूजक समुदाय पर भी हिंदू धर्म और संस्कृति का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है I प्रकारांतर से भगवान शिव की सर्वोच्चता में पूर्वोत्तर के सभी समुदायों की आस्था है I असमिया साहित्यभ, संस्कृमति, समाज व आध्याआत्मि क जीवन में युगांतरकारी महापुरुष श्रीमंत शंकर देव का अवदान अविस्मोरणीय है । उन्होंभने पूर्वोत्तार क्षेत्र में एक मौन अहिंसक क्रांति का सूत्रपात किया । उनके महान कार्यों ने इस क्षेत्र में सामाजिक- सांस्कृंतिक एकता की भावना को सुदृढ़ किया । उन्हों ने रामायण और भगवद्गीता का असमिया भाषा में अनुवाद किया । Read more » पूर्वोत्तर भारत शिव शिव सर्वमान्य ईश्वर
धर्म-अध्यात्म पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-5 April 12, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य पूजनीय प्रभो! हमारे भाव उज्ज्वल कीजिए गतांक से आगे…. ऐसा साधक या भक्त कहीं जड़ को चेतन मान लेता है तो कहीं चेतन को जड़ मान लेने की भूल कर बैठता है। जड़मूर्ति में चेतन परमेश्वर की भावना करना ऐसी ही भावुकता का परिणाम होता है। यह भावना नही अभावना है। जो […] Read more » Featured पूजनीय प्रभो हमारे
ज्योतिष धर्म-अध्यात्म जानिए मोती का प्रभाव और मोती क्यों पहने ??? April 10, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | 7 Comments on जानिए मोती का प्रभाव और मोती क्यों पहने ??? पुरातन काल से ही रत्नों का प्रचलन रहा है | मानिक मोती मूंगा पुखराज पन्ना हीरा और नीलम ये सब मुख्य रत्न हैं | इनके अतिरिक्त और भी रत्न हैं जो भाग्यशाली रत्नों की तरह पहने जाते हैं | इनमे गोमेद, लहसुनिया, फिरोजा, लाजवर्त आदि का भी प्रचलन है | रत्नों में ७ रत्नों को […] Read more » असली मोती की पहचान जानिए मोती का प्रभाव मोती के दोष मोती क्यों पहने
धर्म-अध्यात्म पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-4 April 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कितना दयालु है मेरा दाता, कि अपने पास कुछ नही रखता। सवाया करके हमें ही लौटा देता है। इसीलिए वह यज्ञरूप है। जैसे यज्ञ में हम जो कुछ भी समर्पित करते हैं, उसे यज्ञ अपना बनाकर अपने पास नही रखता, अपितु उसे हमारी ओर से संसार के कल्याण हेतु सवाया ही नही हजारों गुना अधिक करके लोक-कल्याण के लिए लौटा देता है। Read more » पूजनीय प्रभो हमारे
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए क्यों हैं हनुमान मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता…?? April 9, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment तंत्र शास्त्र के आदि देवता और प्रवर्तक भगवान शिव हैं। इस प्रकार से हनुमानजी स्वयं भी तंत्र शास्त्र के महान पंडित हैं। समस्त देवताओं में वे शाश्वत देव हैं। परम विद्वान एवं अजर-अमर देवता हैं। वे अपने भक्तों का सदैव ध्यान रखते हैं। उनकी तंत्र-साधना, वीर-साधना है। वे रुद्रावतार और बल-वीरता एवं अखंड ब्रह्मचर्य के प्रतीक हैं। अतः उनकी उपासना के लिए साधक को सदाचारी होना अनिवार्य है। उसे मिताहारी, जितेन्द्रिय होना चाहिए। हनुमान साधना करने के लिए हर व्यक्ति उसका पालन नहीं कर सकता, इसलिए इस चेतावनी का सदैव ध्यान रखना चाहिए कि हनुमानजी को सिद्ध करने का प्रयास भौतिक सुखों की प्राप्ति या चमत्कार प्रदर्शन के लिए कभी नहीं करना चाहिए। Read more » hanuman jayanti हनुमान हनुमान जन्मोत्सव हनुमान मंगलकर्ता हनुमान विघ्नहर्ता
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता हैं हनुमान April 9, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment हनुमान जयन्ती- 11 अप्रैल 2017 पर विशेष – ललित गर्ग – भगवान हनुमानजी को हिन्दू देवताआंे में सबसे शक्तिशाली माना गया है, वे रामायण जैसे महाग्रंथ के सह पात्र थे। वे भगवान शिव के ग्यारवंे रूद्र अवतार थे जो श्रीराम की सेवा करने और उनका साथ देने त्रेता युग में अवतरित हुए थे। उनको बजरंग […] Read more » हनुमान जयन्ती
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मनोवांछित फल प्रदाता और समस्त कामना पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी April 8, 2017 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment मान्यतानुसार मनोवांछित फल प्रदाता और समस्त कामना पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन किया जाता है। पौराणिक कथानुसार धर्मावतार महाराज युधिष्ठिर के द्वारा पूछे जाने पर वसुदेव-देवकी नंदन भगवान श्री कृष्ण ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में स्थित कामदा एकादशी का विधान व माहात्म्य बतलाते हुए कहा कि एक समय यही प्रश्न राजा दिलीप ने अपने गुरुदेव वशिष्ठ जी से किया था। तब उन्होंने जो उत्तर दिया था वही मैं आपकी जिज्ञासा शांत करने हेतु श्रवण कराता हूं, आप एकाग्रचित्त से श्रवण करें। र Read more » कामदा एकादशी
धर्म-अध्यात्म पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-3 April 8, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment उपरोक्त प्रार्थना के शब्द जब किसी ईश्वरभक्त के हृदय से निकले होंगे तो निश्चय ही उस समय उस पर उस परमपिता परमेश्वर की कृपा की अमृतमयी वर्षा हो रही होगी। वह तृप्त हो गया होगा, उसकी वाणी मौन हो गयी होगी, उस समय केवल उसका हृदय ही परमपिता परमेश्वर से संवाद स्थापित कर रहा होगा। इसी को आनंद कहते हैं, और इसी को गूंगे व्यक्ति द्वारा गुड़ खाने की स्थिति कहा जाता है जिसके मिठास को केवल वह गूंगा व्यक्ति ही जानता है, अन्य कोई नही। Read more » पूजनीय प्रभो हमारे पूजनीय प्रभो! हमारे भाव उज्ज्वल कीजिए भाव उज्ज्वल
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म युवाओं के लिए प्रेरक भगवान श्रीराम April 5, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment समाजिक समरसता की स्थापना के लिए भगवान श्रीराम ने सदा न्याय का साथ दिया और अन्याय के विरूद्ध खड़े हुये। इसका संुदर उदारहण बालिवध का प्रसंग है। बालि ने जब धर्म की दुहाई देते हुए श्रीरामजी के कार्य को अन्याय बताया तो उन्होनें उसकी बात का खण्डन करते हुए कहा कि -”बालि तुम्हें तुम्हारे पाप का ही दण्ड मिला है। तुमने अपने छोटे भाई की स्त्री को जो तुम्हारी पुत्रवधू के समान है बलपर्वूक रख लिया है। अतः तुम्हें दण्ड देकर मैनें राजधर्म, मित्रधर्म एवं प्रतिज्ञा का पालन किया है।“ Read more » भगवान श्रीराम रामनवमी
धर्म-अध्यात्म मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जीवन एवं चरित्र April 5, 2017 / April 5, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment श्री रामचन्द्र जी का जीवन आदर्श जीवन था। आर्य विद्वान पं. भवानी प्रसाद जी ने उनके विषय में लिखा है कि ‘इस समय भारत के श्रृंखलाबद्ध इतिहास की अप्राप्यता में यदि भारतीय अपना मस्तक समुन्नत जातियों के समक्ष ऊंचा उठा कर चल सकते हैं, तो महात्मा राम के आदर्श चरित की विद्यमानता है। यदि प्राचीनतम ऐतिहासिक जाति होने का गौरव उनको प्राप्त है तो सूर्य कुल-कमल-दिवाकर राम की अनुकरणीय पावनी जीवनी की प्रस्तुति से। Read more » मर्यादा पुरुषोत्तम राम
धर्म-अध्यात्म ‘सच्चे देश भक्तों के आदर्श जीवित शहीद वीर विनायक दामोदर सावरकर’ April 5, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् मनमोहन कुमार आर्य भारत की गुलामी का कारण देश व मनुष्य समाज का वेदपथ से पददलित होना और अज्ञानता व अन्धविश्वासों के कूप में गिरना था। महाभारत के युद्ध के अनेक भयकर परिणामों में से एक दुष्परिणाम यह था कि देश वेद पथ व वैदिक धर्म से दूर हो गया जिसका परिणाम धार्मिक व […] Read more » आदर्श जीवित शहीद देशभक्त वीर सावरकर वीर विनायक दामोदर सावरकर’ सावरकर
धर्म-अध्यात्म राम नवमी उत्सव 2017 आगामी 5 अप्रैल को April 3, 2017 / April 3, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment रामनवमी का व्रत पापों का क्षय करने वाला और शुभ फल प्रदान करने वाला होता है. राम नवमी के उपलक्ष्य पर देश भर में पूजा पाठ और भजन किर्तनों का आयोजन होता है. देश के कोने कोने में रामनवमी पर्व की गूंज सुनाई पड़ती है. इस दिन लोग उपवास करके भजन कीर्तन से भगवान राम को याद करते है. राम जन्म भूमि अयोध्या में यह पर्व बडे हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है. वहां सरयु नदी में स्नान करके सभी भक्त भगवान श्री राम जी का आशिर्वाद प्राप्त करते हैं | Read more » 5 अप्रैल ramnavami भगवान राम का जन्मदिवस मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम राम जन्मोत्सव राम नवमी राम नवमी 2017 राम नवमी उत्सव