जन-जागरण ज्योतिष धर्म-अध्यात्म गृह कलह रोकेंगे ये उपाय— February 16, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment सामजिक व्यवस्था में घर-परिवार का अपना महत्व है, जहां सभी सदस्य मिल-जुलकर रहते हैं तथा एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए भरण-पोषण की जिम्मेदारी निभाते हैं। परिवार में बने रिश्तों की डोर बड़ी नाजुनिवारण क होती है, एकता प्रेम और स्नेह भाव बनाए रखने के प्रयास के बावजूद कई बार छोटी-छोटी बातों को लेकर […] Read more » गृह कलह
जन-जागरण ज्योतिष धर्म-अध्यात्म ज्योतिष में पेड़-पौधों की उपयोगिता February 16, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on ज्योतिष में पेड़-पौधों की उपयोगिता पर्यावरण को हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाये रखने में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है। एक वृक्ष सौ पुत्रों से भी बढ़कर है क्योंकि वह जीवन भर अपने पालक को समान एवं निःस्वार्थ भाव से लाभ पहुंचाता रहता है। भविष्य पुराण के अनुसार संतानहीन मनुष्य द्वारा लगाया गया वृक्ष लौकिक और पारलौकिक कर्म करता है। लोमेश […] Read more » ज्योतिष ज्योतिष में पेड़-पौधों की उपयोगिता पेड़-पौधों की उपयोगिता
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार शिव का भौतिक एवं वैज्ञानिक महत्व February 14, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव संपूर्ण संस्कृत वांग्मय में शिव साधु रूप में हैं। माया मोह से लगभग निर्लिप्त हैं। शिव अपने शरीर पर जो वस्तुएं धारण किए हुए हैं,उनमें भी वैभव के प्रतीक नहीं झलकते। उनके शरीर पर राख मली हुई है। जटा-जूट धारी हैं। कई सर्प उनके गले और हाथों में गहनों की तरह शोभायमान हैं। […] Read more » Featured शिव शिव का भौतिक महत्व शिव का महत्व शिव का वैज्ञानिक महत्व
धर्म-अध्यात्म सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज February 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सन्त रविदास जी सन् 1377 में जन्में व सन् 1527 में मृत्यु को प्राप्त हुए। ईश्वर की कृपा से उन्हें काफी लम्बा जीवन मिला। यह उस काल में उत्पन्न हुए जब हमारे देश में अन्य कई सन्त, महात्मा, गुरू, समाज सुधारक पैदा हुए थे। गुरूनानक (जन्म 1497), तुलसीदास (जन्म 1497), स्वामी रामानन्द (जन्म 1400), सूरदास (जन्म 1478), कबीर (1440-1518), मीराबाई (जन्म 1478) आदि उनके समकालीन थे। गुरू रविदास जी के जीवन काल में देश में सन् 1395-1413 अवधि में मैहमूद नासिरउद्दीन, सन् 1414-1450 अवधि में मुहम्मद बिन सईद तथा सन् 1451 से 1526 तक लोधी वंश का शासन रहा। Read more » sant ravidas jayanti आर्य समाज रविदास सन्त गुरू रविदास
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन का अन्तिम व महानतम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति February 9, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में ईश्वर की बहुत चर्चा होती है। घोर अज्ञानी व्यक्ति भी ईश्वर को मानता है और परम्परा से प्राप्त ज्ञान के अनुसार ईश्वर की उपासना वा उसकी पूजा करता है, भले ही उसका वह कृत्य यथार्थ उपासना न होकर अन्धविश्वास व पाखण्डपूर्ण कृत्य ही क्यों न हो। महर्षि दयानन्द भी गुजरात […] Read more » मनुष्य जीवन का अन्तिम महानतम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म हिन्दू धर्म के आदि रक्षक संत रैदास February 9, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment 10 फर. माघ पूर्णिमा, संत रविदास जयंती पर विशेष – लगभग सवा छः सौ वर्ष पूर्व 1398 की माघ पूर्णिमा को काशी के मड़ुआडीह ग्राम में संतोख दास और कर्मा देवी के परिवार में जन्में संत रविदास यानि संत रैदास को निस्संदेह हम भारत में धर्मांतरण के विरोध में स्वर मुखर करनें वाली और स्वधर्म […] Read more » 10 feb 2017. माघ पूर्णिमा Featured संत रविदास जयंती संत रैदास हिन्दू धर्म के आदि रक्षक
धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि को ऋषि दयानन्द को हुए बोध से देश व विश्व का अपूर्व कल्याण हुआ February 8, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेदों के अपूर्व ऋषि और आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती को मंगलवार 12 फरवरी, सन् 1839 को शिवरात्रि के दिन बोध हुआ था। क्या बोध हुआ था, यह कि उनके पिता व परिवार जन जिस शिव मूर्ति के रूप में शिव लिंग की पूजा करते थे वह सच्चा व यथार्थ ईश्वर […] Read more » ऋषि दयानन्द शिवरात्रि
धर्म-अध्यात्म स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती और उनके आर्यसमाजी बनने की प्रेरणादायक घटना February 7, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती जी आर्यसमाज के विख्यात संन्यासी हुए हैं। आपने अलीगढ़ में एक गुरुकुल का सचालन भी किया जिसमें पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु जी संस्कृत व्याकरण आदि पढ़ाते थे। इसी गुरुकुल में हमारे दो प्रमुख विद्वान पं. युधिष्ठिर मीमांसक एवं आचार्य भद्रसेन जी भी पढ़े थे। आर्यसमाजी बनने से पहले स्वामी जी […] Read more » swami sarvanand saraswati स्वामी सर्वदानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म स्वामी सत्यपति जी को समाधि अवस्था में हुई कुछ अनुभूतियां’ February 7, 2017 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on स्वामी सत्यपति जी को समाधि अवस्था में हुई कुछ अनुभूतियां’ मनमोहन कुमार आर्य ऋषि भक्त स्वामी सत्यपति जी महाराज ऋषि दयानन्द जी की वैदिक विचारधारा और पातंजल योग दर्शन के सफल साधक हैं। आपने दर्शन योग महाविद्यालय और वानप्रस्थ साधक आश्रम की रोजड़, गुजरात में स्थापना की है और अपने अनेक शिष्यों को दर्शनों का आचार्य बनाया है। दर्शन के अध्ययन सहित आपने उन्हें योगाभ्यास […] Read more » swami satyapati ji स्वामी सत्यपति जी
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द सरस्वती : धर्मक्रांति के साथ राष्ट्रक्रांति के प्रेरक February 7, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment स्वामी दयानन्द सरस्वती जन्म जयन्ती – 12 फरवरी 2017 पर विशेष ललित गर्ग – महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन त्रैकालिक, सार्वभैमिक एवं सार्वदेशिक होता है और युग-युगों तक समाज का पथदर्शन करता है। स्वामी दयानंद सरस्वती हमारे ऐसे ही एक प्रकाश स्तंभ है। जिस युग में उन्होंने […] Read more » Featured दयानन्द सरस्वती धर्मक्रांति धर्मक्रांति के प्रेरक राष्ट्रक्रांति राष्ट्रक्रांति के प्रेरक स्वामी दयानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म जीवन व मृत्यु रहस्य विषयक वेदसम्मत ज्ञान February 6, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन उसके जन्म से आरम्भ होता है और मृत्यु पर समाप्त हुआ प्रतीत होता है जबकि यह समाप्ति न होकर एक विराम है जिसके बाद जीवात्मा का पुनर्जम्न होता है। जन्म से पूर्व मनुष्य की जीवात्मा विषयक कहीं से कोई पुष्ट व यथार्थ जानकारी नहीं मिलती कि इससे पूर्व वह जीवात्मा […] Read more » जीवन रहस्य मृत्यु रहस्य
धर्म-अध्यात्म वेद विदुषी गार्गी जी का ऋषि भक्त पं. लेखराम द्वारा चरित्र चित्रण February 6, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द के प्रमुख शिष्यों में एक शिष्य पं. लेखराम जी हैं। आपने अपने जीवन काल में अजमेर में महर्षि दयानन्द जी के दर्शन किये थे और उनसे शंका समाधान किया था। इसके बाद आपने अपना सारा जीवन ही ऋषि दयानन्द के मिशन के लिए समर्पित कर दिया। आपने […] Read more » वेद विदुषी गार्गी जी