धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार श्री महालक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त November 2, 2023 / November 2, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment संवत् 2080 कार्तिक कृष्ण 14 रविवार दि. 12 नवम्बर 2023 आयुष्मान योग एवं स्वाति नक्षत्र से समन्वित दीपोत्सव के पावन अवसर पर सर्वे भवन्तु सुखिनः….. की अग्रिम शुभकामनाये प्रेषित करते कर्मकाण्डीय विप्र परिषद नीमच की ओर से अध्यक्ष पं. राधेश्याम उपाध्याय, प्रतिष्ठाचार्य व आद्य पुजारी स्वयंसिद्ध विनायक गणेश मंदिर नीमच केन्ट ने बताया कि इस […] Read more » Shri Mahalakshmi Puja auspicious time
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख सुहागिनों का सबसे बड़ा त्यौहार है करवा चौथ November 1, 2023 / November 1, 2023 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment करवा चौथ (1 नवम्बर) पर विशेष– योगेश कुमार गोयलकरवा चौथ पर्व का हमारे देश में विशेष महत्व है क्योंकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं। भारतीय समाज में वैसे तो महिलाएं विभिन्न अवसरों […] Read more » करवा चौथ
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार कन्या-पूजन नहीं बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत October 26, 2023 / October 26, 2023 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment नवरात्रि का पर्व नारी के सम्मान का प्रतीक है। नौ दिनों तक नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना होती है। कहते हैं कि जिस घर में माता की पूजा होता है, वह सुख-समृद्धि बनी रहती है। देवी पूजा महज माता की प्रतिमा की पूजा मात्र नहीं है, बल्कि यह पर्व मां, बहन, बेटी और समाज […] Read more » not girl-worship. There is a need to change the attitude towards daughters कन्या-पूजन
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार राजनीति लेख भारतीय सनातन संस्कृति का विस्तार भारतीय समाज ही कर सकता है October 23, 2023 / October 23, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment प्राचीनकाल में भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस खंडकाल में समस्त प्रकार की गतिविधियां चाहे वह सामाजिक क्षेत्र में हों, सांस्कृतिक क्षेत्र में हों, आर्थिक क्षेत्र में हों अथवा किसी भी अन्य क्षेत्र में हों वह भारतीय सनातन संस्कृति का पालन करते हुए ही सम्पन्न की जाती थीं। समाज में किसी भी प्रकार के कर्म को धर्म से जोड़कर ही किया जाता था एवं अर्थ को भी धर्म से जोड़ दिया गया था। कर्म, अर्थ एवं धर्म मिलकर मानव को मोक्ष प्राप्त करने की ओर प्रेरित करते थे। सामान्यतः राष्ट्र के नागरिकों में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं के बराबर ही रहती थी और समस्त नागरिक आपस में मिलकर हंसी खुशी अपना जीवन यापन करते थे। भारत के वेद एवं पुराणों में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के उपाय बताए गए हैं। विभिन्न युगों में अलग अलग शक्तियों को प्रधानता दी गई है, इन शक्तियों के माध्यम से ही विभिन्न समस्याओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। “त्रेतायां मंत्र-शक्तिश्च, ज्ञान शक्ति: कृत्ते-युगे। द्वापरे युद्ध शक्तिश्च, संघेशक्ति कलौयुगे।। सतयुग में ज्ञान शक्ति, त्रेता युग में मंत्र शक्ति, द्वापर युग में युद्ध शक्ति एवं कलयुग में संगठन शक्ति को प्रधानता दी गई है। परंतु, त्रेता युग में भी भगवान राम ने वानर सेना सहित समाज को संगठित करते हुए असुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त करने में सफलता हासिल की थी एवं रावण का संहार किया था। द्वापर युग में भी महाभारत का युद्ध पांडवों ने संगठन भाव के कारण एक उद्देश्य को सामने रखकर जीता था। जबकि, कौरवों की सेना के महारथी अपने व्यक्तिगत संकल्पों, प्रतिज्ञा एवं प्रतिशोधों के लिए लड़े और युद्ध हारे थे। इसी प्रकार कलयुग में कालांतर में जब छोटे छोटे राज्य स्थापित होने लगे तब इन राज्यों के बीच आपस में संगठन का स्पष्ट तौर पर अभाव दृष्टिगोचर होने लगा और वे आपस में ही लड़ने लगे थे। संगठन का अभाव एवं सनातन संस्कृति के छूटने के कारण ही आक्रांता के रूप में मुगलों एवं अंग्रेजों को भारत के छोटे छोटे राज्यों पर अपना आधिपत्य स्थापित करने में कोई बहुत अधिक कठिनाई नहीं हुई थी। कलियुग में हिंदू समाज में संगठन शक्ति के जागरण के उद्देश्य से वर्ष 1925 में विजय दशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार ने की थी। जो आज अपने 98 वर्ष पूर्ण कर एक विशाल वट वृक्ष के रूप में हमारे सामने खड़ा है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज पूरे विश्व में सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन माना जाता है। संघ का मुख्य कार्य स्वयंसेवकों में राष्ट्र भाव जागृत करना एवं समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करना है। संघ द्वारा शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों का शारीरिक, बौद्धिक एवं व्यक्तित्व विकास किया जाता है। इन शाखाओं में स्वयंसेवक तैयार किए जाते हैं जो समाज में जाकर सामाजिक समरसता का भाव विकसित करने का प्रयास करते हैं एवं देश के नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करते हैं। इस प्रकार भारतीय समाज को संगठित करने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शाखाओं एवं स्वयंसेवकों के माध्यम से किया जा रहा है। भारतीय समाज की एकजुटता के कारण ही आज भारत में रामसेतु का विध्वंस रुक सका है, जम्मू एवं कश्मीर में लागू धारा 370 एवं धारा 35ए हटाई जा सकी है, 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में निर्मित हो रहा है, जिसका उद्घाटन जनवरी 2024 में पूज्य संत महात्माओं के साथ भारत के प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेंद मोदी जी के कर कमलों द्वारा सम्पन्न होना प्रस्तावित है। जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता आज भारत के पास है और भारत इस समूह के समस्त देशों को एकजुट बनाए रखने में सफल रहा है। भारत ने चन्द्रयान को चन्द्रमा के दक्षिणी भाग पर सफलता पूर्वक उतारने में सफलता हासिल की है एवं चन्द्रमा की सतह पर “शिवशक्ति” को अंकित करने में भी सफलता पाई है। भारत आज अपनी सीमाओं की मजबूती के साथ सुरक्षा करने में सफल हो रहा है। खेलों के क्षेत्र में भी नित नए झंडे गाड़े जा रहे हैं, हाल ही में चीन में सम्पन्न हुई एशियाई खेल प्रतियोगिताओं में भारत ने 106 पदकों को हासिल कर एक रिकार्ड बनाया है। इस प्रकार वर्तमान में वैश्विक स्तर पर भारत एक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। विभिन्न क्षेत्रों में भारत आज पूरे विश्व को राह दिखा रहा है। एक ओर तो रूस-यूक्रेन युद्ध एवं इजराईल-हमास युद्ध अपने चरम पर है एवं विश्व के विकसित देश कई प्रकार की सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं एवं इन देशों में सामाजिक तानाबाना छिन्न भिन्न हो चुका है वहीं दूसरी ओर भारत आर्थिक क्षेत्र में चंहुमुखी प्रगति कर रहा है एवं आज भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गई है। भारत की यह प्रगति कई देशों को नहीं सुहा रही हैं एवं कुछ देश भारत के नागरिकों में आपसी फूट पैदा करने एवं भारत की कुटुंब व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि न केवल भारत की आर्थिक प्रगति विपरीत रूप से प्रभावित हो सके बल्कि भारत का सामाजिक ताना बाना भी छिन्न भिन्न किया जा सके। यह देश भारतीय सनातन संस्कृति, हिंदुत्व, भारत एवं संघ पर प्रहार कर रहे हैं। इन विपरीत परिस्थितियों के बीच भारतीय नागरिकों पर आज महत्ती जिम्मेदारी आ जाती है कि कुछ देशों के भारतीय समाज को बांटने के कुत्सित प्रयासों को विफल करें। भारतीय समाज आपस में सामाजिक समरसता का भाव विकसित करें एवं कोई भी कार्य करने के पहिले राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखें। आज की विपरीत परिस्थितियों के बीच भारतीय समाज को आपस में एकता बनाए रखना भी अति आवश्यक है। सामाजिक बराईयों को दूर करने के प्रयास भी आज हम सभी को मिलकर करने चाहिए। भारतीय समाज को आज की विपरीत परिस्थितियों के बीच जागृत होना ही होगा। लगभग 10 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा था कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नए मतदाताओं का शत प्रतिशत पंजीयन होना चाहिए, शत प्रतिशत मतदान होना चाहिए एवं समाज द्वारा राष्ट्रहित के मुद्दों पर मतदान करना चाहिए। आज इन समस्त बातों का ध्यान भारतीय समाज को रखना होगा। श्री यदुनाथ सरकार ने अपनी पुस्तक “शिवाजी एंड हिज टाइम” में उल्लेख किया है कि प्रयाग में मुगलों ने एक अक्षय वट वृक्ष को काट कर उस पर एक बड़ा तवा इस उद्देश्य से रख दिया था कि अब वृक्ष चूंकि कट चुका है अतः स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। किंतु, कुछ समय पश्चात उस अक्षय वट वृक्ष में फिर से कपोलें फूट आईं, उसी प्रकार से भारतीय समाज की सनातन शक्ति को रोकने का सामर्थ्य दुनिया में किसी का नहीं है। Read more » Only Indian society can expand Indian Sanatan culture.
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शौर्य एवं शक्ति जागरण का पर्व है दशहरा October 21, 2023 / October 27, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीयता को नवऊर्जा देने का भी पर्व है। आज भी अंधेरों से संघर्ष […] Read more » दशहरा
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार शांति के लिए शक्ति के उपासक बनें October 18, 2023 / October 18, 2023 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment भारत भूमि के महान सपूत महर्षि अरविन्द ने वर्षों पूर्व जब हम अंग्रेजों के अधीन थे, अपनी एक छोटी रचना ‘भवानी मंदिर’ की भूमिका में लिखा था कि “हमने शक्ति को छोड़ दिया है, इसलिए शक्ति ने भी हमें छोड़ दिया”। अतः पराधीनता में रहना हमारी दुर्बलता का ही परिणाम था। अनेक मनीषियों ने लिखा व […] Read more »
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार देवी साधना में त्रुटियॉ होती है अमंगलकारी October 18, 2023 / October 18, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नवरात्रि में नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को 9 दिनों के लिए हरेक नगर, गाँव, मोहल्ले, कसवे आदि हजारो स्थानों पर प्राणप्रतिष्ठित करने का उत्साह दिखाई देता है, उसे हम सृष्टि का संचालन करने वाली जगन्माता के प्रति अपनी भक्ति का स्वरूप ओर माता के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शन के साथ अभिवांछित […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार नवरात्रि : नौ शक्तियों का मिलन पर्व October 16, 2023 / October 16, 2023 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment – योगेश कुमार गोयलनौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व की शुरूआत हो चुकी है। आदि शक्ति दुर्गा की पूजा के इस पावन पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। नवरात्रि के ये नौ दिन देवी दुर्गा के विभिन्न नौ स्वरूपों की उपासना के लिए निर्धारित हैं और इसीलिए नवरात्रि को नौ शक्तियों के मिलन […] Read more » नवरात्रि : नौ शक्तियों का मिलन पर्व
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा और विसर्जन का उत्साह October 16, 2023 / October 16, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment नवरात्रि पर विशेष ‘ आत्माराम यादव पीव आज के युग में पूजा की प्राणवस्तु अर्थात आध्यात्म साधना तिरोहित होने लगी है और जिन देवी-देवताओं की सत्यप्रतिष्ठा, प्राणप्रतिष्ठा एवं आनन्दप्रतिष्ठा होना चाहिये हम सत्य और आनन्द की प्रतिष्ठा किये बिना सिर्फ मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा कर साधना करते है वह बाहरी […] Read more » durga pooja
धर्म-अध्यात्म लेख सांस्कृतिक जगत की महान उपलब्धि है एकात्मधाम September 21, 2023 / September 21, 2023 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment प्रायः समझा जाता है कि साधु-संन्यासियों का काम निर्जन वनों और पर्वत कन्दराओं में एकान्त साधना करना है किन्तु आदिशंकराचार्य ने संन्यास की जिस नयी चेतना से समाज का दिशा-दर्शन किया वह सामाजिक जीवन के सांस्कृतिक प्रवाह को अमर और अक्षय बनाने का नया विधान रचती है। भारतवर्ष के जिस सुविशाल भू-भाग को उसकी विविधताओं […] Read more »
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार समाज गणेश हैं विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और उन्नत राष्ट्र-निर्माता September 18, 2023 / September 18, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणेश चतुर्थी- 19 सितम्बर 2023 पर विशेष -ललित गर्ग-गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वे विघ्नहर्ता एवं मंगलकर्ता सात्विक देवता हैं और उन्नत राष्ट्र-निर्माता हैं। वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली के कण-कण में व्याप्त है बल्कि विदेशों में भी घर-कारों-कार्यालयों एवं उत्पाद केन्द्रों में विद्यमान हैं। हर तरफ गणेश ही गणेश छाए […] Read more » Ganesha is the remover of obstacles the auspicious giver and the progressive nation-builder.
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख आत्मशुद्धि एवं जीवन-उत्थान का पर्व है पर्युषण September 12, 2023 / September 12, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment पर्युषण महापर्व- 12-19 सितम्बर, 2023-ललित गर्ग-जीवन सभी जीते हैं, लेकिन उसे खुली आंखों से देखते नहीं, जागते मन से जीते नहीं। इसीलिये जैन परम्परा में आध्यात्मिक पर्व पयुर्षण को मनाया जाता है, इस वर्ष अन्तःकरण की शुद्धि का यह महापर्व 12 से 19 सितम्बर, 2023 को मनाया जा रहा है, इन आठ दिनों में तन […] Read more » Paryushan is the festival of self-purification and upliftment of life. पर्युषण महापर्व