कविता
ऐ लड़की !
/ by डा.सतीश कुमार
सतीश कुमार ऐ लड़की ! तुम हो बड़ी ज़िद्दी , अपनी ही कहती रहती हो, सुनती नहीं कभी किसी की, हर बात में तर्क- वितर्क , हर बात में लॉजिक , हर बात में टांग अड़ाना, बड़ों की बातें काटना , अपने सुर को ऊंचा रखना, किसी की बात न मानना , अपनी ही बातें […]
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