कविता बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।। April 2, 2019 / April 2, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।। बदले है भेष और करते हैं द्वेष, मगर आते ही चुनाव बढ़ जाता परफेक्शन है। आशीष जो देते नही छूने लगे हैं पैर, बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।। जनता की जेब खाली उनकी गाड़ी ए०सी० वाली, एकाउन्ट में इनके तो अरबों का कलेक्शन है। मरने के […] Read more » इलेक्शन
कविता चुनाव का बाजार लगा हुआ है | April 2, 2019 / April 2, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चुनाव का बाजार लगा हुआ है | देखो ! ये कितना सजा हुआ है || चारो तरफ पोस्टर लगे हुये है | बैनर और झंडे भी लगे हुये है || कोई नहीं यहाँ दुकान व सामान | बिक रहा है यहाँ धर्म व इमान || वोट व वोटर की कीमत यहाँ लगती | झूठे आश्वानो […] Read more » election market marketing in election चुनाव चुनाव का बाजार
कविता हर हर मोदी घर घर मोदी,मच रहा चारो तरफ शोर | April 1, 2019 / April 1, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment हर हर मोदी घर घर मोदी,मच रहा चारो तरफ शोर |राहुल भैया शोर मचा रहे ,देश का चोकीदार है चोर || कौन है चोर कौन है चोकीदार,ये तो समय ही बतायेगा |23 मई को जब रिजल्ट आयेगा,सबको पता चल जायेगा || जनता को मत बेवकूफ समझो,वह सब कुछ जानती है |बहुत दिनों तक बेवकूफ बनाया,वह […] Read more » मच रहा चारो तरफ शोर हर हर मोदी घर घर मोदी
कविता दादाजी अब हँस देते April 1, 2019 / April 1, 2019 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment खीर पुड़ी के गए जमाने, अब दिन पिज्जा बरगर के। लगे बताने दादाजी को, बच्चे सारे ही घर के। हम बच्चों की फरमाइश पर, दादाजी अब हँस देते। पिज्जा बर्गर चाऊमीन झट, ऑन लाइन बुक कर देते। Read more »
कविता बहत्तर हजार रुपए क्या,बहत्तर पैसे नहीं दे पायेगा | April 1, 2019 / April 1, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बहत्तर हजार रुपए क्या,बहत्तर पैसे नहीं दे पायेगा | अपने फैलाये मकड जाल में,वह स्वयं ही फस जायेगा || बहत्तर साल होने को आजादी,वह ऐसे ही बहकायेगा | पांच पुश्ते वादा कर चुकी है,वह कब गरीबी को हटायेगा || बहत्तर को आधा कर दो,छत्तीस का आकड़ा हो जायेगा | छत्तीस का आकड़ा कभी भी उसका […] Read more » बहत्तर हजार रुपए क्या
कविता तब हर पल होली हो जाता है… March 27, 2019 / March 27, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on तब हर पल होली हो जाता है… अरुण तिवारी जब घुप्प अमावस के द्वारे कुछ किरणें दस्तक देती हैं, सब संग मिल लोहा लेती हैं, कुछ शब्द, सूरज बन जाते हैं, तब नई सुबह हो जाती है, नन्ही कलियां मुसकाती हैं, हर पल नूतन हो जाता है, हर पल उत्कर्ष मनाता है, तब मेरे मन की कुंज गलिन में इक भौंरा रसिया […] Read more »
कविता होली है March 27, 2019 / March 27, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment मेरे दिल का कोई कमरा तेरे रहने की खोली है, कहीं रहता मेरा बचपन कहीं बच्चों की टोली है। मचलते हैं कहीं बूढ़े गुलाबी खुश्बुएं लेकर मचलता है मेरा मन और कहता आज होली है। सजे हैं गीत रंगो में सजी है धरती हरियाली, है लगता गुड़ से मीठा भी जो भाभी आज बोली है, […] Read more »
कविता साहित्य कौन मिलेगा खाक में,और कौन आबाद। March 27, 2019 / March 27, 2019 by पीयूष पंत | Leave a Comment कौन मिलेगा खाक में,और कौन आबाद। होगा इसका फैसला,थोड़े दिन के बाद।। किससे जनता खुश हुई,किससे है नाशाद। होगा इसका फैसला,थोड़े दिन के बाद॥ चमचों की चाँदी हुई,मिलती झूठी दाद। वोटर जाएगा ठगा,थोड़े दिन के बाद।। मुर्दे उखड़ेंगे गड़े,और जिन्न आजाद। होंगी बहस मसान पर,थोड़े दिन के बाद।। गीदड़ बनते शेर जब,शेर छोड़ते मांद। आने […] Read more » कौन मिलेगा खाक में
कविता होली में क्या क्या होना चाहिए March 26, 2019 / March 27, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment होली में जब तक हलवाई ना हो |देशी घी की मिठाई बनाई ना हो ||गर्म गर्म भांग के पकोड़े ना हो |उन पर चटनी की लाग लगाई ना हो ||तब तक होली क्या होली है ?वर्ना रंगों के साथ ठठोली है || होली में जब तक रंग गुलाल ना हो |खेलने वालो के दिल में […] Read more » Poem on Holi होली
कविता अब तो पुराने दिन याद कर लेते है | March 14, 2019 / March 14, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अब तो पुराने दिन याद कर लेते है |अपनी ख्वासियो के चराग बुझा देते है || कभी सोलह आने स्वपन सच होते थेअब तो एक आने भी सच नहो होते है || बस अब तो मन मसोस कर रह जाते है |फिर से पुरानी यादे ताजा कर लेते है || पहले समय में पुडिया में […] Read more » अब तो पुराने दिन याद कर लेते है |
कविता साहित्य इलेक्शन आ गया… !! March 13, 2019 / March 13, 2019 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment चुनावी चकल्लस पर पेश है खांटी खड़गपुरिया कविता… इलेक्शन आ गया… !! समझा मत मैं समझ गियाइलेक्शन आ गियादामी गाड़ी घूम रहाकैडर लोग झूम रहाअफिसर लोग सुंघ रहानेता लोग चूम रहागरीब लोग खट रहाकपड़ा – साड़ी बंट रहाफोकट का चा – सिंघाड़ालड़का लोग कूट रहासमझा मत मैं समझ गियाइलेक्शन आ गिया————————— Read more »