लेख संसदीय समिति ने आधार (यूआईडी) योजना को किया खारिज December 10, 2011 / December 10, 2011 by प्रमोद भार्गव | 5 Comments on संसदीय समिति ने आधार (यूआईडी) योजना को किया खारिज प्रमोद भार्गव देश की आजादी के बाद से ही कई उपाय ऐसे होते चले आ रहे हैं, जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय नागरिकता की पहचान दिलाई जा सके। मूल निवासी प्रमाण-पत्र, राशनकार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अब आधार योजना के अंतर्गत एक बहुउद्देश्य विशिष्ट पहचान पत्र हरेक नागरिक को देने की कवायद देशव्यापी […] Read more » Adhar card uid card यूआईडी
लेख देसी मंडी में विदेशी खपत, जेब पर करारी चपत December 9, 2011 / December 9, 2011 by क्षेत्रपाल शर्मा | 3 Comments on देसी मंडी में विदेशी खपत, जेब पर करारी चपत क्षेत्रपाल शर्मा आज एफ़ डी आई को लेकर कितनी गरमा गरम बहस है कि एक दूसरे के फ़ैसलों के आधार पर आरोप प्रत्यारोप मढे जा रहे हैं .लेकिन एक बुनियादी बात पर हम गोर कर लें कि क्या यह हमारे हित में हैं .जवाब मिलता है कि नहीं ,इससे पूर्ववर्ती महानुभावों ने तब क्या सोचा […] Read more » FDI Retail Sector जेब पर करारी चपत देसी मंडी विदेशी खपत
लेख सिब्ब्ल जी अपने गिरेबान में भी झांकिये December 9, 2011 / December 10, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 4 Comments on सिब्ब्ल जी अपने गिरेबान में भी झांकिये शादाब जफर‘शादाब’ श्री इकबाल हिंदुस्तानी जी का लेख ‘यदि अन्ना कुवांरे होते तो सरकार उन्हे झुका लेती’ पढा ।लेखक ने अपने विचारो को आम आदमी के मन की अभिव्यक्ति दी। पर कहना चॉहूगा कि यदि अन्ना शादी शुदा होते तो सरकार के झुकाने की नौबत ही नही आती बल्कि अन्ना खुद ही झुक जाते। क्या […] Read more » corruption.inflation Kapil Sibbal सिब्ब्ल जी सिब्ब्ल जी अपने गिरेबान मैं भी झांकिये
प्रवक्ता न्यूज़ लेख साख खराब हो जायेगी December 9, 2011 / December 9, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on साख खराब हो जायेगी घनश्याम चंदर्वंशी रिटेल में एफ. डी. आई. के मुद्दे पर लगातार घमासान मचा हुआ है। मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति का संसद सहित पूरे देश में विरोध हो रहा है। विपक्षीय दलों के साथ ही यू.पी.ए. के घटक दलों द्रमुक एवं तृणमूल कांग्रेस ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया […] Read more » FDI Manmohan Singh Sonia Gandhi रिटेल में एफ. डी. आई
लेख मुसलमानों की हालत के लिये उनकी मज़हबी सोच भी ज़िम्मेदार? December 9, 2011 / December 10, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 7 Comments on मुसलमानों की हालत के लिये उनकी मज़हबी सोच भी ज़िम्मेदार? इक़बाल हिंदुस्तानी उनको आरक्षण देने से बिना उच्च शिक्षा के सुधार नहीं होगा! मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा को लेकर अकसर यह बहस होती रही है कि वे दीनी तालीम को ही असली शिक्षा क्यों समझते हैं? आजकल मुसलमानों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की ज़ोरशोर से वकालत की जा रही है। हम यहां इस […] Read more » muslim reservation.poor condition of muslims मुसलमानो की हालत के लिये उनकी मज़हबी सोच भी ज़िम्मेदार
लेख काबुल में करबला December 9, 2011 / December 9, 2011 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गाँधी सिंह साहेब के शांति पुरुष की काबिना के अंदरूनी रक्षा मंत्री रहमान मलिक ने ‘तालिबान’ का शुक्रिया अदा किया .. क्योंकि उनकी अपील पर इस बार तालिबान ने ‘मुहर्रम’ के मौके पर कोई ‘काण्ड’ नहीं किया और शांति बनाए रक्खी . पाक की वीणा मलिक तो जिसम से ही बेनकाब हुई थी, मगर मलिक […] Read more » afganistan kabul काबुल में करबला
लेख पानी की कमी के चलते उजड़ते पक्षी अभ्यारण्य December 9, 2011 / December 9, 2011 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भारत में पर्यावरण के साथ खिलवाड़ की चेतावनी परिंदे दे रहे हैं। पानी की जो कमी अब तक मानव आबादियां किया करती थीं,उसे अब देशी-विदेशी पक्षियों की प्रजातियां भी करने लगी हैं। इस पारिस्थितिकी तंत्र के बिगड़ने के कारण पक्षियों के जीवन चक्र पर विपरीत असर पड़ रहा है। यही कारण है कि […] Read more » bird sanctuary उजड़ते पक्षी अभ्यारण्य पक्षी अभ्यारण्य
लेख विदेशी निवेश पर भारी पड़ा गठबंधन December 8, 2011 / December 8, 2011 by प्रमोद भार्गव | 4 Comments on विदेशी निवेश पर भारी पड़ा गठबंधन प्रमोद भार्गव अपने सहयोगी दलों को दरकिनार कर कांग्रेस द्वारा खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश का निर्णय भारी पड़ा। यूपीए-2 गठबंधन की वैशाखियों पर टिकी न होती तो देश एक अबूझ संकट से जुझने को मजबूर हो गया होता ?इस मसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में सहयोगी […] Read more » Manmohan Singh Retail Sector खुदरा कारोबार यूपीए - 2 विदेशी निवेश
लेख लोकतंत्र का स्वरूप बदलने की जरूरत तो है पर अवसर नहीं December 8, 2011 / December 8, 2011 by वीरेन्द्र जैन | 3 Comments on लोकतंत्र का स्वरूप बदलने की जरूरत तो है पर अवसर नहीं वीरेन्द्र जैन केन्द्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला का कहना है कि अब देश में नियंत्रित लोकतंत्र अपनाने का समय आ गया है। उनका कहना एक ओर तो समस्याओं की ओर उनकी चिंताओं को दर्शाता है किंतु दूसरी ओर ऐसा हल प्रस्तुत करता है जिसकी स्वीकार्यता बनाने के लिए एक तानाशाही शासन स्थापित करना होगा। स्मरणीय है […] Read more » Democracy केन्द्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला लोकतंत्र का स्वरूप बदलने की जरूरत
लेख सोशल नेटवर्किंग पर अभिव्यक्ति की आजादी के मायने December 8, 2011 / December 9, 2011 by संजय कुमार | 2 Comments on सोशल नेटवर्किंग पर अभिव्यक्ति की आजादी के मायने संजय कुमार सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर लगाम कसने की खबर से कोहराम मचा हुआ है। राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर बहस जारी है। केन्द्रीय दूर संचार और सूचना टेक्नोलॉजी मंत्री कपिल सिब्बल ने जब यह कहा कि उनका मंत्रालय इंटरनेट में लोगों की छवि खराब करने वाली सामग्री पर रोक लगाने की व्यवस्था विकसित कर रहा […] Read more » Facebook orcut social networking twitter सूचना टेक्नोलॉजी मंत्री कपिल सिब्बल सोशल नेटवर्किंग सोशल नेटवर्किंग पर अभिव्यक्ति की आजादी
लेख हिंदुत्व के खिलाफ हो रहे हैं षड्यंत्र December 8, 2011 / December 8, 2011 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 8 Comments on हिंदुत्व के खिलाफ हो रहे हैं षड्यंत्र सिद्धार्थ शंकर गौतम दुनिया के सबसे पुराने धर्मो में से एक है। वर्तमान का हिंदू धर्म ही सनातन धर्म है। इस धर्म का दर्शन बहुत विशाल है और इसकी मूल अवधारणा है, वसुधैव कुटुंबकम। मेरा अपना मानना है कि जो भी हीन भावना को दुत्कारकर भगा दे, वही हिंदू है। मगर, वर्तमान में हिंदुत्व में […] Read more » conspiracy against hinduism हिंदुत्व के खिलाफ हो रहे हैं षड्यंत्र
लेख वैचारिक स्वतंत्रता के साथ-साथ अभिव्यक्ति में सतर्कता परमावश्यक है …! December 8, 2011 / December 8, 2011 by विनायक शर्मा | 1 Comment on वैचारिक स्वतंत्रता के साथ-साथ अभिव्यक्ति में सतर्कता परमावश्यक है …! विनायक शर्मा प्रसिद्द अधिवक्ता व टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण पर उनके सर्वोच्च न्यायालय के परिसर के कार्यालय में हुआ दुर्व्यवहार और हाथापाई के समाचार से सारा देश स्तब्ध सा रह गया. अचानक हुए इस हमले कि किसी को भी आशा तक नहीं थी. देश का संविधान, विधि-विधान और भारतीय सभ्यता इस प्रकार के […] Read more » freedom of thought अभिव्यक्ति में सतर्कता वैचारिक स्वतंत्रता