लेख पेट्रोल की बेलगाम कीमत और सरकार की संवेदनहीनता November 10, 2011 / December 4, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोरे सिन्हा वाकई अब हद हो गई। क्या अंग्रेजों की सरकार भी इतनी संवेदनहीन थी? शायद नहीं। आखिर यह सरकार किसकी है – पूंजीपतियों की, कारपोरेट घरानों की, तेल कंपनियों की या जनता की? सरकार का कोई भी प्रतिनिधि प्रथम तीन की सरकार होने की बात कभी भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं कर […] Read more » Rising Prices of Petrol पेट्रोल की बेलगाम कीमत सरकार की संवेदनहीनता
लेख खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को! November 10, 2011 / December 4, 2011 by जगमोहन फुटेला | 3 Comments on खुद को सही कर गलत साबित करो जस्टिस काटजू को! जगमोहन फुटेला मैंने कभी किसी सरकार से कोई लोन, वेतन या इनाम नहीं लिया हैं. जस्टिस काटजू से मैं कभी मिला, न बात की. फिर भी कोई मेरा चरित्रहनन करे तो करे लेकिन ये तो मैं पूछूंगा मीडिया के अलंबरदारों से कि अपनी आज़ादी हमें किस कीमत पर चाहिए? हमारे अपने बीच छुपी भेड़ों का […] Read more » जस्टिस काटजू दवा दारु नेशनल चैनल मीडिया के अलंबरदारों
लेख हिमाचल ने कृषि विकास में देश को दिखाई राह November 9, 2011 / December 4, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 2 Comments on हिमाचल ने कृषि विकास में देश को दिखाई राह कृषि हिमाचल प्रदेश का प्रमुख व्यवसाय है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह 69 प्रतिशत कामकाजी आबादी को सीधा रोजगार मुहैया कराती है। कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र से होने वाली आय प्रदेश के कुल घरेलूउत्पाद का 22.1 प्रतिशत है। कुल भौगोलिक क्षेत्र 55.673 लाख हेक्टेयर में से 9.79 लाख हेक्टेरयर […] Read more » agricultural progress in himachal मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल हिमाचल ने कृषि विकास में देश को दिखाई राह हीरक राज्य पुरस्कार
लेख गंगा के लिए, गंगा किनारे, सांप्रदायिक सद्भाव का ऐतिहासिक सम्मेलन November 9, 2011 / December 4, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on गंगा के लिए, गंगा किनारे, सांप्रदायिक सद्भाव का ऐतिहासिक सम्मेलन विपिन किशोर सिन्हा ऐसी ऐतिहासिक घड़ियां बहुत कम ही आती हैं जब हिन्दू और मुसलमान एक साथ, एक ही स्वर में, एक ही मंच से एक ही बात कहें। ऐसी घड़ी का साक्षात्कार गंगा भक्तों ने किया – दिनांक 5 नवंबर को सायंकाल 6 बजे, काशी के ऐतिहासिक अस्सी घाट के नवनिर्मित महामना मालवीय घाट […] Read more » River Ganga गंगा सांप्रदायिक सद्भाव
लेख क्या इस गलती को सुधारा नहीं जा सकता ? November 8, 2011 / December 5, 2011 by राजीव गुप्ता | Leave a Comment राजीव गुप्ता आज़ाद भारत के गुलाम लोग है हम ! हमारे लिए क्या चुनाव ? हम तो राज्य विधान सभा , स्थानीय निकाय और पंचायत यहाँ तक कि सहकारी संस्थाओं में भी कोई वोट नहीं डाल सकते क्योंकि हमें तो कोई वोटिंग आधिकार ही नहीं है ! आज भी हमारे बच्चों को जिन्होंने कश्मीर की […] Read more » गलती को सुधारा नहीं जा सकता
लेख बहादुरशाह जफर के ज़माने की बकरीद November 6, 2011 / December 5, 2011 by राम कृष्ण | 3 Comments on बहादुरशाह जफर के ज़माने की बकरीद रामकृष्ण बहादुरशाह का राज्य धर्मनिरपेक्ष नहीं था, उसके आधारस्तंभ हमेशा शरीयत के कानून ही रहे. तब भी हिन्दू विश्वास और मान्यताओं की रक्षा करने में वह जिस ईमानदारी के साथ सन्नद्ध रहा उसकी कल्पना करना भी आज के धर्मनिरपेक्ष नेताओं के लिये सहज-संभव नहीं. भारत के अंतिम मुग़ल सम्राट बहादुरशाह जफ़र के राज्यकाल में बकरीद […] Read more » बकरीद बहादुरशाह जफर
लेख राहुल का दलित प्रेम कांग्रेस की चुनावी नैया डुबो देगा November 6, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on राहुल का दलित प्रेम कांग्रेस की चुनावी नैया डुबो देगा डॉ आशीष वशिष्ठ मिषन यूपी 2012 के तहत दलित मतदाताओं को रिझाने और उन्हें यह समझाने के लिये कि केवल कांग्रेस ही उनकी हमदर्द, दोस्त और हितेषी है, के लिये पिछले काफी समय से यूपी में घूम-घूमकर पसीना बहा रहे हैं। दलित बहुल गांवों की गुप-चुप यात्राएं, दलितों की झोपड़ी में बैठने, खाने और सोने […] Read more » कांग्रेस चुनावी नैया दलित मतदाता राहुल का दलित प्रेम
लेख न्यायिक सुधार की काँटों भरी राह November 6, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on न्यायिक सुधार की काँटों भरी राह मनी राम शर्मा भारत के पूर्व विधि एवं न्याय मंत्री श्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि मार्च 2012 तक न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण कर दिया जायेगा और शीघ्र न्याय मिलने लगेगा| इस पथ की बाधाओं का आकलन करें तो ज्ञात होगा कि निर्धारित लक्ष्य तिथि अब नजदीक ही है और कम्प्यूटरीकरण व शीघ्र न्यायप्रदानगी की […] Read more » Judicial Improvement काँटों भरी राह न्यायिक सुधार
लेख समाज के नशे में घुलता उन्नाद का जहर November 5, 2011 / December 5, 2011 by संजय स्वदेश | 2 Comments on समाज के नशे में घुलता उन्नाद का जहर संजय स्वदेश पिछले दिनों राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की घटना के बाद फिलहाल अभी ऐसा कोई राष्ट्रिय प्रसंग नहीं है कि धर्म की कट्टरता पर बहस हो। लेकिन प्रसंग नहीं होने की बाद भी इस मुद्दे पर चिंतन आवश्यक है। शांत महौल में देश के किसी न किसी हिस्से में हिंसक मजहबी हिलोरे उठती हैं। […] Read more » communal riots सांप्रदायिक हिंसा
महत्वपूर्ण लेख लेख अपरिभाषित सेक्यूलरिज्म के जलवे : शंकर शरण November 3, 2011 / December 5, 2011 by शंकर शरण | 6 Comments on अपरिभाषित सेक्यूलरिज्म के जलवे : शंकर शरण हाल में कर्नाटक में स्कूलों में गीता पढ़ाने का एक प्रस्ताव आया। यह बच्चों को नैतिक शिक्षा देने हेतु एक मठ का अनुरोध था, जिसमें सरकार ने केवल स्कूलों को इसके लिए एक घंटा समय देने भर का निर्देश दिया था। इसमें सरकार को कुछ खर्च नहीं करना था। पर इस प्रस्ताव को अदालत में […] Read more » secularism अपरिभाषित सेक्यूलरिज्म के जलवे
लेख अपना दिल फैला रही है हिंदी November 3, 2011 / December 5, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु दुनिया वालों के दिलों पर राज्य करने के लिए अपना दिल फैला रही है हिंदी हिंदी अब केवल भारत में ही नहीं जानी समझी और बोली जाती बलिक विश्व स्तर पर इसका व्यापक व्यवहार होने लगा है। कर्इ देशों में तो यह वहां की प्रमुख भाषा के रूप में मान्य है। कम्प्यूटर के […] Read more » Hindi Language अपना दिल फैला रही है हिंदी
लेख श्रम की लूट का नया सेंटर ‘शॉपिंग मॉल’ November 1, 2011 / December 5, 2011 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | 2 Comments on श्रम की लूट का नया सेंटर ‘शॉपिंग मॉल’ डॉ0 आशीष वशिष्ठ मैट्रो सिटिज से शुरू हुआ मॉल कल्चर धीरे-धीरे देश के दूसरे बड़े और मझोले शहरों में बड़ी तेजी से फैल रहा है। मॉल कल्चर ने लोगों के जीने, सोचने और खरीददारी के अंदाज को बदला है। शुरूआती दौर में स्थानीय व्यापारियों व व्यवसायियों ने मॉल कल्चर और खुदरा बाजार का विरोध किया […] Read more » shopping mall शॉपिंग मॉल'