विधि-कानून अदालतों में अंग्रेज़ी की अनिवार्यता : हमारी ग़ुलाम मानसिकता का प्रमाण May 13, 2013 / May 13, 2013 by अम्बा चरण वशिष्ठ | Leave a Comment अम्बा चरण वशिष्ठ अंग्रेज़ तो हमें 65 साल पूर्व आज़ाद कर चले गये पर हमारी ग़ुलामी वाली मानसिकता हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है। यह स्थिति एक नहीं भारतीय जीवन व प्रशासन के अनेक पहलुओं में उजागर होती है। लार्ड मैकाले ने लगभग 8 वर्ष में ही भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की रचना कर दी […] Read more » अंग्रेजी अदालत न्यायालय
विधि-कानून हमारे लायक नही है ये लोकतंत्र May 8, 2013 / May 8, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भारत के विषय में बड़े चौंकाने वाली स्थिति है। हमारे किसानों मजदूरों और कारीगरों को उजाड़कर भारत की आर्थिक आजादी को विदेशी कंपनियों के यहां गिरवी रख देने का कुचक्र आर्थिक उदारीकरण के नाम पर और देश के औद्योगिकीकरण के नाम पर बड़े जोर शोर से चल रहा है। चीन, जो कि हमारा सबसे बड़ा […] Read more » हमारे लायक नही है ये लोकतंत्र
जन-जागरण विधि-कानून बेहतर संविधान की तलाश में May 7, 2013 / May 7, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 2 Comments on बेहतर संविधान की तलाश में हमारे नेतृत्व द्वारा भारतीय संविधान की भूरी-भूरी प्रशंसा की जाती है और कहा जाता है कि हमारा संविधान विश्व के श्रेष्ठ संविधानों में से एक है| वास्तविकता क्या है यह निर्णय पाठकों के विवेक पर छोडते हुए लेख है कि हमारा संविधान ब्रिटिश संसद के भारत सरकार अधिनयम,1935 के प्रावधानों से काफी कुछ मेल खाता […] Read more » indian constitution versus turkey constitution बेहतर संविधान की तलाश में
जरूर पढ़ें परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख विधि-कानून परिचर्चा : सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषा में न्याय पाने का हक April 20, 2013 / May 14, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 21 Comments on परिचर्चा : सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषा में न्याय पाने का हक आजादी के बाद भी, जनता है परतंत्र! है कैसी ये आजादी, कैसा यह जनतंत्र? संविधान में यह प्रावधान है कि उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाहियां केवल अंग्रेजी भाषा में होंगी। इस अन्याय को खतम करने के लिए श्री श्याम रुद्र पाठक अपने दो सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ गत 4 दिसम्बर 2012 […] Read more » न्याय एवं विकास अभियान श्याम रुद्र पाठक
विधि-कानून हम और हमारा लोकतंत्र किधर जा रहे हैं ….. April 17, 2013 / April 17, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | Leave a Comment जापान के संविधान के अनुच्छेद 35 में आगे प्रावधान है कि समस्त लोगों का अपने घरों में, कागजात और सामान का प्रवेश, तलाशी और जब्ती के प्रति सुरक्षित रहने के अधिकार का पर्याप्त कारण और विशेष रूप से तलाशी के स्थान और तलाशी की वस्तुओं का उल्लेख सहित जारी वारंट या अनुच्छेद 33 में प्रावधान […] Read more » हम और हमारा लोकतंत्र किधर जा रहे हैं
विधि-कानून सर्वोच्च न्यायालय ही है पुरोहित विदुर April 16, 2013 / April 16, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment एक सामाजिक संगठन प्रवासी भलाई संगठन की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने की मांग को लेकर केन्द्र सरकार से जवाब तलब किया है। प्रधान न्यायाधीश अल्तमश कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग से भी […] Read more »
विधि-कानून खत्म नहीं होगी सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों की सदस्यता February 20, 2013 / February 20, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव यह हमारे देश की कानून व्यवस्था की ही विडंबना है कि जेल में कैद निर्दोष आरोपी तो मतदान करने के अधिकार से वंचित रहता है, लेकिन किसी सांसद और विधायक को गंभीर आपराधिक मामले में सजा भी हो जाए तो भी उसकी सदस्यता बेअसर रहती है। कानून की इस विसंगति को दूर करने […] Read more » खत्म नहीं होगी सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों की सदस्यता
विधि-कानून संविधान निर्माता February 20, 2013 / February 20, 2013 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | 4 Comments on संविधान निर्माता डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री गणतंत्र दिवस का अवसर था। फ़ौज, पुलिस, कचहरी ,बैंक ,यूनिवर्सिटी जैसे भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों की अनौपचारिक गोष्ठी हो रही थी। चर्चा चल पड़ी कि देश का संविधान कैसे बना। कुछ लोगों का कहना था कि उस समय कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, उसने कुछ लोग नामित ( nominate ) […] Read more » संविधान निर्माता
विधि-कानून विविधा संविधान के विपरीत है वीआईपी और वीवीआईपी श्रेणी February 20, 2013 / February 20, 2013 by बी.पी. गौतम | Leave a Comment बी.पी. गौतम विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे जवानों और उन पर किये जा रहे खर्च का मुद्दा उच्चतम न्यायलय तक पहुँच गया है। विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देनी चाहिए या नहीं, इस पर बहस भी छिड़ गई है। कोई कह रहा है कि सुरक्षा देनी चाहिए, तो किसी […] Read more » वीआईपी और वीवीआईपी श्रेणी
विधि-कानून लोकपाल February 12, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment दिखार्इ दे रहा है। फिलहाल वह भले ही अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के जनलोकपाल की भावना के अनुरुप न हो, लेकिन ऐसा लगने लगा है कि सरकार लोकपाल लाना चाहती है। शायद इसलिए अन्ना की सहयोगी किरण बेदी ने कहा भी है कि सरकार लोकपाल को आगे बढ़ता देखना चाहती है। प्रमोद भार्गव लोकपाल […] Read more » लोकपाल
विधि-कानून लोकपाल विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी February 2, 2013 / February 2, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 2 Comments on लोकपाल विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी भारत में किसी भी निकाय को स्वायतता या स्वतन्त्रता की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारत में स्वायतता का कोई अभिप्राय: ही नहीं है| जो निकाय पहले से ही स्वतंत्र है उनकी स्थिति भी संतोषजनक नहीं है| न्यायपलिका जिसे स्वायतता और स्वतन्त्रता प्राप्त है वह जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरी उतर रही है| एक […] Read more »
विधि-कानून कठोर कानून तो चाहिए ही, लेकिन संस्कार व्यवस्था भी हो- मा. गो. वैद्य January 12, 2013 by मा. गो. वैद्य | 2 Comments on कठोर कानून तो चाहिए ही, लेकिन संस्कार व्यवस्था भी हो- मा. गो. वैद्य १६ दिसंबर को, राजधानी दिल्ली में चलती बस में एक २३ वर्षीय युवती पर पशु को भी शर्मिंदा करने वाला राक्षसी लैंगिक अत्याचार मानव देहधारी बदमाशों ने किया, उसने देश के समाजजीवन को झकझोंर दिया. सामान्यत: अपने विश्व में खोया रहने वाला मध्यम वर्ग बड़ी संख्या में रास्ते पर उतरा; और उसने उन गुंडों को […] Read more » बलात्कार