विधि-कानून सूचना का अधिकार और सरकार की अस्वस्थता : मा. गो. वैद्य November 7, 2012 by मा. गो. वैद्य | Leave a Comment सूचना अधिकार का कानून (राईट टू इन्फर्मेशन ऍक्ट) हमारे देश में है. इस अधिकार के अंतर्गत, सामान्य नागरिक सरकारी निर्णयों के बारे में, अनजाने या जानबूझकर अकारण गोपनीय रखी जानकारी पूछ सकता है और संबंधित विभाग को वह देनी पड़ती है. इस अधिकार के कारण, अनेक सरकारी घोटाले, सही में मंत्री और अन्य सरकारी अधिकारियों […] Read more » सूचना का अधिकार
जन-जागरण विधि-कानून जानने के हक पर अंकुश की कवायद October 19, 2012 / October 19, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ :- निजता के बहाने सूचना के अधिकार पर अंकुश की कवायद प्रमोद भार्गव निजता के बहाने जानने के अधिकार, मसलन सूचना के अधिकार पर अंकुश लगाने की कवायद तेज होती दिखार्इ दे रही है। हालांकि अधिकार के पर कतरने की शुरुआत तो तभी हो गर्इ थी, जब मनमोहन सिंह सरकार ने सीबीआर्इ को सूचना […] Read more » ban on rti
टेक्नोलॉजी विधि-कानून इंटरनेट आरटीआई का दिल October 13, 2012 by सरमन नगेले | Leave a Comment 12 अक्टूबर सूचना का अधिकार दिवस पर विशेष सरमन नगेले भारत की सक्षमता के लिये आरटीआई और सबके लिये आरटीआई। मीडिया आरटीआई को प्रोत्साहित करे और आमजन इन्टरनेट के माध्यम से सूचना प्राप्त करना शुरू कर दें तो एक बड़ी क्रांति का सूत्रपात होगा। इन्टरनेट आरटीआई का दिल है, यह बात किसी आईटी प्रोफेशनल या […] Read more » आरटीआई इंटरनेट
आर्थिकी विधि-कानून भारत के हर ‘संसाधन’ पर हक है मेरा! October 5, 2012 / October 5, 2012 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment अदालती फैसले को सही संदर्भ में समझने की जरूरत संजय द्विवेदी राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए संदर्भ पत्र पर उच्चतम न्यायालय की राय को केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी अपनी विजय के रूप में प्रचारित करने में लगी है। जबकि यह मामले को आधा समझना है। ऐसी आधी-अधूरी समझ से ही संकट खड़े होते हैं। […] Read more » भारत के हर ‘संसाधन’ पर हक
जन-जागरण राजनीति विधि-कानून हम सेक्युलर हैं, क्योंकि — October 5, 2012 / October 5, 2012 by विपिन किशोर सिन्हा | 5 Comments on हम सेक्युलर हैं, क्योंकि — विपिन किशोर सिन्हा हम सेक्युलर हैं, क्योंकि — १. हम भारत के संविधान में निहित प्रावधानों का उल्लंघन करके अल्पसंख्यकों को आरक्षण देते हैं। २. हम बांग्लादेश के घुसपैठी मुसलमानों का हिन्दुस्तान में सिर्फ़ स्वागत ही नहीं करते, बल्कि राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवाकर भारत की नागरिकता भी देते हैं। ३. हम हिन्दू-तीर्थस्थलों […] Read more » we are seculars
विधि-कानून विविधा कसाब की फांसी और सरकार की नीतियां September 10, 2012 / September 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on कसाब की फांसी और सरकार की नीतियां राकेश कुमार आर्य भारत की एकता और अखण्डता को मिटाने के लिए तथा यहां की आंतरिक शांति में विघ्न डालने की नीयत से 26 नवंबर 2008 को पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित मुंबई पर आतंकी हमला कराया था। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब और कुछ […] Read more » hanging of Kasab कसाब की फांसी
कला-संस्कृति विधि-कानून वेद, महर्षि दयानंद और भारतीय संविधान September 1, 2012 / September 1, 2012 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भारतीय संविधान में मूल कर्तव्य और वेद का राष्ट्र संगठन वेद मानवजाति के लिए सृष्टि के आदि में ईश्वरप्रदत्त संविधान हैं। अत: ऐसा नही हो सकता कि हमारा आज का मानव कृत संविधान तो नागरिकों के मूल कत्र्तव्यों का निरूपण करे और वेद इस विषय पर चुप रहे। वेदों में मानव और […] Read more » भारतीय संविधान महर्षि दयानंद वेद
विधि-कानून धर्मनिरपेक्ष भारत की अदालतों में होते निष्पक्ष फैसले August 30, 2012 by निर्मल रानी | 2 Comments on धर्मनिरपेक्ष भारत की अदालतों में होते निष्पक्ष फैसले निर्मल रानी भारतीय न्याय व्यवस्था के इतिहास में गत् 29 अगस्त का दिन एक यादगार दिवस के रूप में दर्ज हो गया। 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान की शह,सहायता व प्रशिक्षण प्राप्त दस आतंकवादी अपने दु:स्साहस का परिचय देते हुए कराची से किश्ती में सवार हो कर समुद्री रास्ते से मुंबई महानगर के तट पर […] Read more »
आर्थिकी उत्पाद समीक्षा विधि-कानून अनाज की बर्बादी और जिम्मेदार नौकरशाह July 25, 2012 / July 25, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव गेहूं की बर्बादी पर इलाहबाद उच्च न्यायालय की नजीर- इससे बड़ी विडंबना और कोर्इ नहीं हो सकती कि कृषि प्रधान देश में अनुमानित लक्ष्य से ज्यादा अन्न उत्पादन न केवल समस्या बन जाए, बलिक उसके खुले में पड़े रहने के कारण सड़ने की नौबत आ जाए। ऐसे ही हालात से रुबरु होकर ‘वी […] Read more » rottening food grains अनाज की बर्बादी
आर्थिकी विधि-कानून अल्पसंख्यक आरक्षण और आन्ध्र उच्च न्यायलय का निर्णय July 8, 2012 / July 12, 2012 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी आरक्षण और पिछ्ले दिनों आन्ध्रप्रदेश उच्च न्यायलय ने एक एतिहासिक और साहसिक फैसले को सुनाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पिछडो के लिये रखे गये 27 % आरक्षण में से 4.5 % आरक्षण अल्पसंख्यकों को देने का प्रस्ताव गलत है. पिछड़ी जातियों के लिये आरक्षित 27 % आरक्षण में 4.5 % की […] Read more » अल्पसंख्यक आरक्षण आन्ध्र उच्च न्यायलय का निर्णय
राजनीति विधि-कानून काँग्रेस की वर्धा योजना ने किया भारत की संस्कृति का सत्यानाश July 8, 2012 / July 8, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on काँग्रेस की वर्धा योजना ने किया भारत की संस्कृति का सत्यानाश 1939 का वर्ष भारतीय शिक्षा नीति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वर्ष है। इस वर्ष गांधी जी के विशेष निर्देशों के चलते कांग्रेस ने वर्धा में शिक्षानीति बनवाई थी। जिसे वर्धा स्कीम के नाम से इतिहास में जाना जाता है। हिंदुस्तानी शिक्षा संघ द्वारा प्रकाशित आधारभूत राष्ट्रीय शिक्षा पुस्तक के पृष्ठ 188 से 210 तक […] Read more » Indian Education Policy काँग्रेस की वर्धा योजना भारत की संस्कृति का सत्यानाश भारतीय शिक्षा नीति
राजनीति विधि-कानून धर्म आधारित आरक्षण गलत June 4, 2012 / June 4, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय का फैंसला- धर्म आधारित आरक्षण गलत अल्पसंख्यकों का ओबीसी के कोटा के अंतर्गत 4.5 प्रतिशत आरक्षण देने की केंद्र सरकार की मंशा को करारा झटका लगा है। आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया है कि ‘धर्म के आधार पर आरक्षण का लाभ संविधान के विरूद्ध है। […] Read more » धर्म आधारित आरक्षण गलत