मीडिया विविधा तो जल्द ही अभिजात्य वर्ग की गिरफ्त में होगी पत्रकारिता भी…! May 5, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- क्या गीत – संगीत व कला से लेकर राजनीति के बाद अब लेखन व पत्रकारिता के क्षेत्र में भी जल्द ही ताकतवर अभिजात्य वर्ग का कब्जा होने वाला है। क्या बड़े – बड़े लिक्खाड़ इस वर्ग के पीछे वैसे ही घूमते रहने को मजबूर होंगे , जैसा राजनीति के क्षेत्र में देखने […] Read more » Featured आधुनिक मीडिया तो जल्द ही अभिजात्य वर्ग की गिरफ्त में होगी पत्रकारिता भी...! पत्रकारिता
जरूर पढ़ें मीडिया बौद्धिक विमर्शों से नाता तोड़ चुके हैं हिंदी के अखबार April 27, 2015 / April 27, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -संजय द्विवेदी- हिंदी पत्रकारिता को यह गौरव प्राप्त है कि वह न सिर्फ इस देश की आजादी की लड़ाई का मूल स्वर रही, बल्कि हिंदी को एक भाषा के रूप में रचने, बनाने और अनुशासनों में बांधने का काम भी उसने किया है। हिंदी भारतीय उपमहाद्वीप की एक ऐसी भाषा बनी, जिसकी पत्रकारिता और साहित्य […] Read more » Featured आधुनिक पत्रकारिता पत्रकारिता बौद्धिक विमर्शों से नाता तोड़ चुके हैं हिंदी के अखबार हिन्दी पत्रकारिता
जरूर पढ़ें मीडिया आधुनिक जमाने की पत्रकारिता का जीवन जोखिम भरा ? April 22, 2015 / April 22, 2015 by लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर पत्रकार | 1 Comment on आधुनिक जमाने की पत्रकारिता का जीवन जोखिम भरा ? लक्ष्मी नारायण लहरे- लोकतंत्र के चैथे स्तंभ के खिलाफ लगातार दुर्भावनापूर्ण अभियान चल रहा है ? समाज की अंतिम व्यक्ति की लड़ाई लड़़ने वाला मीडिया चैक चैराहों से लेकर दफ्तर तक तृस्कार और अपमानजनक शब्दों का घूंट पी रहा है। यह बात किसी से छिपी नहींं है। मीडिया को कभी प्रोस्टीट्यूट तो कभी बिकाऊ […] Read more » Featured आधुनिक जमाने की पत्रकारिता का जीवन जोखिम भरा ? आधुनिक पत्रकारिता जर्नलिज्म पत्रकारिता
मीडिया शख्सियत समाज मानवतावादी रचनाकार विष्णु प्रभाकर April 10, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment कालजयी जीवनी आवारा मसीहा के रचियता सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर कहते थे कि एक साहित्यकार को केवल यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे क्या लिखना है, बल्कि इस पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या नहीं लिखना है. वह अपने लिखने के बारे में कहते थे कि प्रत्येक मनुष्य दूसरे के प्रति उत्तरदायी […] Read more » Featured मानवतावादी रचनाकार मानवतावादी रचनाकार विष्णु प्रभाकर विष्णु प्रभाकर
टॉप स्टोरी मीडिया जांबाज जनरल वी के सिंह बनाम हीन-भावना से ग्रसित अरनब गोस्वामी April 9, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. मनीष कुमार | 5 Comments on जांबाज जनरल वी के सिंह बनाम हीन-भावना से ग्रसित अरनब गोस्वामी रात में ही ये पोस्ट लिखना पड़ रहा है क्योंकि सबेरे से टाइम्स नाउ, अरनब गोस्वामी और साथ में कुछ मीडिया के संदिग्ध लोग हंगामा मचाने वाले है. न्यूज ट्रेडर्स के निशाने पर जनरल वी के सिंह होंगे. आज एडिटर्स गिल्ड भी जागृत हो जाएगा. देश के महान महान अंग्रेजी के संपादकों का भाषण भी […] Read more » Featured prostitute to media by general v k singh जनरल वी के सिंह ने मीडिया को प्रेसटीट्यूट कहा जनरल वी.के.सिंह हीन-भावना से ग्रसित अरनब गोस्वामी
आलोचना जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख मीडिया विधि-कानून विविधा व्यंग्य वाकई, मॉल के पास तक ही रहता है संविधान का राज March 17, 2015 / March 17, 2015 by बी.पी. गौतम | Leave a Comment फिल्में सिर्फ मनोरंजन भर का साधन नहीं हैं। आंदोलन का भी माध्यम हैं फिल्में। देश और समाज की दशा प्रदर्शित कर सामाजिक परिवर्तन में बड़ी सहायक रही हैं फिल्में। दलितों और महिलाओं के साथ पिछड़े वर्ग की सोच बदलने में फिल्मों की भूमिका अहम रही है। हाल-फिलहाल एनएच- 10 नाम की फिल्म चर्चा में है। […] Read more » comments against woman dangerous delhi eve teasing law Mall मॉल मॉल के पास तक ही रहता है संविधान का राज वाकई संविधान का राज
मीडिया समाज मीडिया में नारी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता March 11, 2015 by मनोज कुमार | 3 Comments on मीडिया में नारी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मनोज कुमार मानव समाज ने स्वयं को अनुशासित रखने के लिये अधिकार और दायित्व शब्द का निर्माण किया है किन्तु यही दो शब्द वह अपनी सुविधा से उपयोग करता है. पुरुष प्रधान समाज की बात होती है तो अधिकार शब्द प्राथमिक हो जाता है और जब स्त्री की बात होती है तो दायित्व उसके लिये […] Read more » नारी की अभिव्यक्ति नारी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मीडिया में नारी की अभिव्यक्ति
मीडिया अन्ना की अपनी कोई सोच या कोई स्पष्ट -विजन नहीं है February 25, 2015 / February 25, 2015 by आलोक कुमार | Leave a Comment मुझे तो पूरा विश्वास है कि भूमि अधिग्रहण कानून की पेचीदगियों से अन्ना पूरी तरफ से वाकिफ भी नहीं होंगे l अन्ना की अपनी सीमितताएँ हैं , उनके पास अपनी कोई सोच या कोई स्पष्ट -विजन नहीं है और इसका ही फायदा अब तक अन्ना को इस्तेमाल करने वालों ने भरपूर उठाया है l भूमि-अधिग्रहण बिल के संदर्भ में धरने के […] Read more » भूमि अधिग्रहण कानून
मीडिया राष्ट्र के बौद्धिक विकास में भूमिका निभाए मीडिया February 21, 2015 / February 23, 2015 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on राष्ट्र के बौद्धिक विकास में भूमिका निभाए मीडिया संजय द्विवेदी राष्ट्र के बौद्धिक विकास में मीडिया एक खास भूमिका निभा सकता है। वह अपनी सकारात्मक भूमिका से राष्ट्र के सम्मुख उपस्थित अनेक चुनौतियों के समाधान खोजने की दिशा में वह एक अभियान चला सकता है। दुनिया के अनेक विकसित देशों में वहां के मीडिया ने सामुदायिक विकास में अपना खास योगदान […] Read more » बौद्धिक विकास मीडिया की शक्ति
मीडिया छोटी गलती पर बड़ी पकड़ नहीं होनी चाहिए February 6, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on छोटी गलती पर बड़ी पकड़ नहीं होनी चाहिए मोहम्मद आसिफ इकबाल देश की राजधानी दिल्ली फ़िलहाल सियासी पार्टियों और उनके प्रत्याशियों का अखाड़ा बनी हुई है। हर तरफ शोर-शराबा, जलसे-जुलूस, भाषण और घोषणाएं हैं जिन्होंने दिल्ली में एक विचित्र माहौल पैदा कर दिया है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं। इसके बावजूद देश की दो बड़ी […] Read more » छोटी गलती पर बड़ी पकड़ नहीं होनी चाहिए
मीडिया हां … वहीं यूएन विश्वास … याद आया कुछ …!! January 24, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा क्या आप उपेन विश्वास को जानते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में उनकी कोई भूमिका आपकी स्मृति में शेष बची है। आप पूछेंगे यह कैसा सवाल है। लेकिन आगे आप इस सवाल के निहितार्थ समझ पाएंगे। दरअसल राष्ट्रीय मीडिया में पिछले कुछ दिनों बराक ओबामा की भारत यात्रा औऱ दिल्ली में होने जा […] Read more » यूएन विश्वास
मीडिया सूचना माध्यमों की राजनीति January 21, 2015 / January 21, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान इस बार 26 जनवरी पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ओबामा मुख्य अतिथि होंगे। वैसे भी २६ जनवरी का दिन निकट होने से खतरा अधिक बढ़ जाता है। संभावित खतरों के मद्देनज़र इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम यह होना चाहिए था कि वह लोगों को जागरूक करे किन्तु टीआरपी के चलते समाचार चैनल इन दिनों किसी भी खबर को सनसनी […] Read more » सूचना सूचना माध्यमों की राजनीति