जरूर पढ़ें मुस्लिम विद्वानों की दृष्टि में: देशद्रोही कौन? June 19, 2013 / July 19, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 23 Comments on मुस्लिम विद्वानों की दृष्टि में: देशद्रोही कौन? भारत में सर्वधर्म समभाव की बातें करते हुए हिंदू मुस्लिम ईसाई के भाई भाई होने की बात कही जाती है। इससे पूर्व भारत का आर्यत्व-हिंदुत्व इस पृथ्वी को एक राष्ट्र तथा इसके निवासियों को भूमिपुत्र कहकर भाई भाई मानता रहा है। हिंदुत्व ने संसार में मानवतावाद फैलाया और इसी को भारतीय धर्म के रूप में […] Read more » मुस्लिम विद्वानों की दृष्टि में: देशद्रोही कौन?
जरूर पढ़ें थोक के भाव बच्चे: खुदा की रहमत या ‘ज़हमत’ June 18, 2013 by तनवीर जाफरी | 5 Comments on थोक के भाव बच्चे: खुदा की रहमत या ‘ज़हमत’ पृथ्वी पर हो रहे जनसंख्या विस्फ़ोट को लेकर पूरा विश्व चिंतित है। भूमंडल पर दिनोंदिन बढ़ते तापमान का भी यही एक मुख्य कारण है। ज़ाहिर है प्रत्येक व्यक्ति को सुख-सुविधा तथा खुशहाली चाहिए एवं अपने जीने की सभी आवश्यक वस्तुएं भी उसे ज़रूर चाहिए। और इन सबके लिए विकास की दरकार है तथा मानव जाति […] Read more » थोक के भाव बच्चे: खुदा की रहमत या ‘ज़हमत’
जरूर पढ़ें समाज दाम्पत्य : जहां एक और एक का योग भी एक ही होता है June 18, 2013 / June 18, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on दाम्पत्य : जहां एक और एक का योग भी एक ही होता है राकेश कुमार आर्य सार में किसी भी व्यक्ति से पूछा जाए कि एक और एक मिलकर कितने होते हैं? उत्तर आएगा कि दो होते हैं। कई लोग इसे ग्यारह भी बताते हैं। उनके ग्यारह बताने का भी विशेष अर्थ है। परंतु वैदिक गृहस्थाश्रम का गणित एक और एक के मिलन को न तो दो कहता […] Read more » दाम्पत्य
जरूर पढ़ें विविधा चित्रा, विशाखा, फाल्गुनी….. नक्षत्रों का शब्द गुंजन June 8, 2013 / July 19, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on चित्रा, विशाखा, फाल्गुनी….. नक्षत्रों का शब्द गुंजन ॐ–नक्षत्रों की अवधारणा भारत की देन ॐ –विश्व-व्यापी अंतरिक्षी मानसिकता ॐ –नक्षत्रों के काव्यमय सुंदर नाम (एक)गुजराती विश्वकोश गुजराती विश्वकोश कहता है, कि,”नक्षत्रों की अवधारणा भारत छोडकर किसी अन्य देश में नहीं थी। यह, अवधारणा हमारे पुरखों की अंतरिक्षी वैचारिक उडान की परिचायक है, नक्षत्रों का नामकरण भी पुरखों की कवि कल्पना का और […] Read more » चित्रा फाल्गुनी..... नक्षत्रों का शब्द गुंजन विशाखा
जरूर पढ़ें सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म June 3, 2013 / July 19, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म अम पी मेहता भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण ‘सनातन धर्म’ भी कहा जाता है। ईसाई, इस्लाम, बौद्ध, जैन आदि धर्मों के समान हिन्दू धर्म किसी पैगम्बर या व्यक्ति विशेष द्वारा स्थापित धर्म नहीं है, बल्कि यह प्राचीन काल से चले आ रहे विभिन्न धर्मों, मतमतांतरों, आस्थाओं […] Read more » सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म
जरूर पढ़ें विविधा भारतीय मुस्लिमों के कारनामें देशभक्ति पूर्ण हैं ? May 29, 2013 / July 19, 2013 by विनोद कुमार सर्वोदय | 29 Comments on भारतीय मुस्लिमों के कारनामें देशभक्ति पूर्ण हैं ? आजम खान जी क्या भारतीय मुस्लिमों के कारनामें देशभक्ति पूर्ण हैं ? उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री व अखिलेश सरकार में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले आजम खां ने इलाहाबाद स्थित मठ बाघंबरी गद्दी में 27 मई, 2013 को आयोजित एक सम्मान समारोह में कहा कि ‘‘भारत के मुसलमानों की देशभक्ति पर संदेह […] Read more »
जरूर पढ़ें विविधा भारत की भाषाओं के अध्ययन की रूपरेखा एवं भाषाओं के विवरण के आधार May 17, 2013 / July 19, 2013 by प्रोफेसर महावीर सरन जैन | 8 Comments on भारत की भाषाओं के अध्ययन की रूपरेखा एवं भाषाओं के विवरण के आधार प्रोफेसर महावीर सरन जैन भारत में भाषाओं, प्रजातियों, धर्मों, सांस्कृतिक परम्पराओं एवं भौगोलिक स्थितियों का असाधारण एवं अद्वितीय वैविध्य विद्यमान है। विश्व के इस सातवें विशालतम देश को पर्वत तथा समुद्र शेष एशिया से अलग करते हैं जिससे इसकी अपनी अलग पहचान है, अविरल एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, राष्ट्र की अखंडित मानसिकता है। […] Read more » भारत की भाषाओं के अध्ययन की रूपरेखा भाषाओं के विवरण के आधार
जरूर पढ़ें देवनागरी,रोमन की शब्द क्षमताएँ May 12, 2013 / May 14, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 9 Comments on देवनागरी,रोमन की शब्द क्षमताएँ डॉ. मधुसूदन (एक)आलेख का उद्देश्य आज के, आलेख का उद्देश्य सरल शब्दों में पाठकों को हिन्दी-देवनागरी और रोमन-अंग्रेज़ी लिपियों का परीक्षण कर शब्द समृद्धि की चरम सीमा की दृष्टि से तथ्यात्मक तुलना प्रस्तुत करना है। आगे स्वतंत्र लेखों में, शब्द भी कैसे रचे जा सकते हैं, इस का विवेचन किया जाएगा। (प्रस्तुत आलेख शब्द रचना […] Read more »
जरूर पढ़ें सीबीआर्इ की स्वायत्ता जरुरी May 8, 2013 / May 8, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सरकार और न्यायापालिका के प्रति जवाबदेही की दुविधा ने सीबीआर्इ की हकीकत सामने ला दी है। सीबीआर्इ निदेशक रंजीत सिन्हा ने सर्वोच्च न्यायालय को झूठ बोलने के कारण का खुलासा करते हुए कहा कि ‘सीबीआर्इ कोर्इ स्वायत्त संस्था नहीं है, बलिक सरकार का ही अंग है। इसलिए सरकार की बात मानना सीबीआर्इ की […] Read more » सीबीआर्इ की स्वायत्ता
जरूर पढ़ें भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ May 4, 2013 / May 14, 2013 by प्रोफेसर महावीर सरन जैन | 5 Comments on भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ प्रोफेसर महावीर सरन जैन अनुमान किया जाता है कि संसार में लगभग सात हजार भाषाएँ बोली जाती हैं। एथनोलॉग के अनुसार संसार में 6912 भाषाएँ बोली जाती हैं। संसार में बोली जानेवाली भाषाओं की निश्चित संख्या के बारे में प्रामाणिक रूप से कहना सम्भव नहीं है। इसका मूल कारण यह है कि किन्हीं दो […] Read more » भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ
जरूर पढ़ें परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख विधि-कानून परिचर्चा : सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषा में न्याय पाने का हक April 20, 2013 / May 14, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 21 Comments on परिचर्चा : सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषा में न्याय पाने का हक आजादी के बाद भी, जनता है परतंत्र! है कैसी ये आजादी, कैसा यह जनतंत्र? संविधान में यह प्रावधान है कि उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाहियां केवल अंग्रेजी भाषा में होंगी। इस अन्याय को खतम करने के लिए श्री श्याम रुद्र पाठक अपने दो सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ गत 4 दिसम्बर 2012 […] Read more » न्याय एवं विकास अभियान श्याम रुद्र पाठक
जरूर पढ़ें स्वास्थ्य-योग वाक विकार (Dyslexia) April 4, 2013 / April 4, 2013 by बीनू भटनागर | 2 Comments on वाक विकार (Dyslexia) वाक विकार (Dyslexia) एक प्रकार की सीखने की कठिनाई है, जिसमे ध्वनि को समझना फिर उसका कूटानुवाद (decoding) कर पाना, शीघ्र प्रसंस्करण (processing) कर पाना कठिन होता है। अतः भाषा समझने में , नामों को दोहराने में […] Read more » Dyslexia वाक विकार