जरूर पढ़ें हिंदी (संस्कृत) ने दिया हमें श्रेष्ठत्व April 2, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भाषा जितनी वैज्ञानिक होगी उसके बोलने वाले उतने ही वैज्ञानिक-ज्ञानवृद्घ-श्रेष्ठ-आर्य होंगे। हम भारतीयों के लिए आर्यावत्र्त कालीन समय में आर्य संबोधन था। तब आर्य हमारे नामों के पीछे लिखा नही होता था-अपितु आर्य हमारी आम सहमति का नाम था-जैसे आजकल हिंदू हमारी आम सहमति का नाम है। इसमें वैष्णवी, शैव, सनातनी, आर्यसमाजी, […] Read more » हिंदी (संस्कृत) ने दिया हमें श्रेष्ठत्व
जरूर पढ़ें टॉप स्टोरी अब मात्र प्रस्ताव ही पर्याप्त नहीं March 18, 2013 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय भारत के संसद में सर्वसम्मति के साथ इन शब्दों में पारित किया गया प्रस्ताव कि “पाकिस्तान के अवैध अधिकार के भाग समेत सम्पूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अंग है” महत्वपूर्ण है. यह प्रस्ताव भारत के जनसमाज को निश्चित ही आश्वस्त करता है कि भारत अपने आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा. […] Read more » अब मात्र प्रस्ताव ही पर्याप्त नहीं
जरूर पढ़ें क्या हिन्दी भाषा विलुप्त होने के कगार पर है ? March 15, 2013 by बीनू भटनागर | 7 Comments on क्या हिन्दी भाषा विलुप्त होने के कगार पर है ? इस प्रश्न का उत्तर सीधे साधे एक शब्द मे देना हो तो मै कहूँगी – नहीं। हर भाषा के कई स्तर होते हैं 1. बोलना 2. समझना 3. पढना 4. लिखना, फिर सही बोलना, सही समझना, सही पढ़ना, सही लिखना। सही होने के भी कई स्तर होते हैं। अशुद्धियाँ उच्चारण की, व्याकरण की, शब्दों के […] Read more » क्या हिन्दी भाषा विलुप्त होने के कगार पर है ?
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 5 March 12, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 5 गतांक से आगे…. ‘ल’ पाणिनि ने लकार को दस काल तथा अवस्थाओं को प्रकट करने वाला पारिभाषिक शब्दों का ध्वन्यार्थक माना है। इसे इंद्र का विशेषण भी स्वीकार किया गया है। इसे लेने और रमण करने के अर्थों में भी प्रयुक्त किया जाता है। इस वर्ण की आकृति में अकार के मूलाधार से बांयी ओर […] Read more »
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख संस्कृत अध्ययन अनिवार्य ?लन्दन की एक शाला में ? March 12, 2013 / March 12, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 4 Comments on संस्कृत अध्ययन अनिवार्य ?लन्दन की एक शाला में ? डॉ. मधुसूदन प्रवेश ॐ -एक लन्दन की शाला में, संस्कृत अध्ययन अनिवार्य। ॐ- वे संस्कृत पर अधिकार भी जता रहें हैं। ॐ- कहते हैं : देवनागरी लिखने से उंगलियों की लचक बढती है। ॐ-संस्कृत अध्ययन से, गणित, विज्ञान और भाषाएँ सीखना सरल। ॐ-संस्कृत उच्चारण से मस्तिष्क के दोनो गोलार्ध उत्तेजित। (Cerebral Dexterity) ॐ- और जिह्वा […] Read more » संस्कृत अध्ययन अनिवार्य
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख पश्चिम की असाधारण उन्नति के मूल में हिन्दू अंक गणित ?? February 26, 2013 / February 26, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 14 Comments on पश्चिम की असाधारण उन्नति के मूल में हिन्दू अंक गणित ?? डॉ. मधुसूदन उवाच *डॉ. डेवीड ग्रे -(१)”वैज्ञानिक विकास में भारत हाशिये पर की टिप्पणी नहीं है।” *(२)”वैश्विक सभ्यता में भारत का महान योगदान नकारता इतिहास विकृत है।” *(३)सर्वाधिक विकसित उपलब्धियों की सूची, भारतीय चमकते तारों की. आर्यभट, ब्रह्मगुप्त, महावीर, भास्कर, माधव के योगदानों की।” **(४)”पश्चिम विशेषकर भारत का ऋणी रहा है। *प्रो. स्टर्लिंग किन्नी […] Read more » पश्चिम की असाधारण उन्नति के मूल में हिन्दू अंक गणित ??
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-3 February 25, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment ‘छ’ छकार को हमारे भाषाविदों ने छाया, आच्छादान, छत्र, परिच्छेद, अखण्ड, छेद आदि का समानार्थक माना है। छत, छाता, छवि, छत्वर: (इसी छत्वर से छप्पर शब्द बना है क्योंकि छत्वर: का एक अर्थ पर्णशाला भी है) छिपना, छिपाना, इत्यादि शब्द छ को छाया आदि का समानार्थक सिद्घ करते हैं। इसकी आकृति में बाहरी ओर से […] Read more » आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 2 हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-3
जन-जागरण जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 2 February 12, 2013 / February 12, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 3 Comments on आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 2 व्यंजन अक्षर अभी तक हमने हिंदी वर्णमाला के स्वर कहे जाने वाले अक्षरों के विषय में कुछ समझने का प्रयास किया है। अब हम व्यंजनों के विषय में चर्चा करते हैं। जिन वर्णों को बोलते समय स्वरों की सहायता लेनी पड़े उन्हें व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 33 है। ये स्वरों की सहायता से बोले […] Read more » आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 2
जरूर पढ़ें भारत वर्ष के चार (4 ) नाम February 10, 2013 / February 10, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 3 Comments on भारत वर्ष के चार (4 ) नाम !जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान प्रजापति – अधिष्ठाता -प्रकृति शक्ति पीठ ने कहा कि—- भारत वर्ष के चार (4 ) नाम India’s four (4) Name –? —— हे महामानवों – भारत का मूल स्वाभीमान व संस्कृति है –आर्य संस्कृति व सनातन धर्म जो सत्युग से चली आ रही है भारतीय भू भाग में अफगानिस्तान से नेपाल तक […] Read more »
जन-जागरण जरूर पढ़ें झंडे की कहानी : जब था झंडे में वंदेमातरम् February 5, 2013 / February 6, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भारत में ध्वजा शब्द झंडे का पर्यायवाची है, प्राचीन काल में राज्यकर्मियों द्वारा उठाकर ले जाने वाली ध्वजा को राजा या सेना के प्रतीक रूप में परिभाषित किया गया है। शुद्घ शाब्दिक रूप में ध्वजा से तीन चीजों का बोध होता है- 1. पताका (हवा में फहराने वाला कपड़े या किसी अन्य […] Read more » झंडे की कहानी
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख इतिहास बदलते अनुवांशिक अनुसंधान February 1, 2013 / February 1, 2013 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on इतिहास बदलते अनुवांशिक अनुसंधान प्रमोद भार्गव वैज्ञानिकों ने आज से लगभग चार हजार साल पहले भारतीय और आस्ट्रेलिया के मानव समुदायों के बीच होने वाले जैविक प्रवाह के सबूत खोज निकाले हैं। भारत और आस्ट्रेलिया का यह संपर्क भारत के यूरोप के साथ संबंधों से भी पुराने हैं। शोधकर्ताओं ने आस्ट्रेलिया के सबसे पुराने निवासियों ”न्यू गिनी के लोगों, […] Read more » इतिहास बदलते अनुवांशिक अनुसंधान
जन-जागरण जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप January 27, 2013 / January 27, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 14 Comments on आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी अपने आप में पूर्णत: वैज्ञानिक भाषा है। कंप्यूटर के लिए संस्कृत को सबसे उपयुक्त भाषा आज के वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है। हिंदी इस भाषा (संस्कृत) की उत्तराधिकारी भाषा है। संस्कृत ने जिन अक्षरों का प्राचीन काल में आविष्कार कर भाषा विज्ञान को विकसित किया उसे हिंदी ने बड़े ही गौरवमयी […] Read more »