समाज जातिवाद को लेकर सनातन हिंदू धर्म को बदनाम किए जाने का कुचक्र August 10, 2016 / August 10, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 3 Comments on जातिवाद को लेकर सनातन हिंदू धर्म को बदनाम किए जाने का कुचक्र डा. राधेश्याम द्विवेदी प्रत्येक धर्म और राष्ट्र में जातिवाद की तरह की बुराइयाँ पाई जाती है। सभी धर्म के लोगों में ऊँच-नीच की भावनाएँ होती है किंतु धर्म का इससे कोई संबंध नहीं होता। धर्म की गलत व्याखाओं का दौर प्राचीन समय से ही जारी है। जातिवाद को लेकर सनातन हिंदू धर्म को बदनाम किए […] Read more » Featured जातिवाद सनातन हिंदू धर्म को बदनाम किए जाने का कुचक्र
शख्सियत समाज स्मृति शेष लोक संस्कृति के चितेरे चित्तू टुडू August 10, 2016 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन बिहार के बांका जिले के जंगली पहाड़ी भूगोल पर आबाद साहूपोखर भी अन्य संथाली गांवों जैसा ही है- एक जैसी सामाजिक संरचना, एक जैसी संस्कृति, एक समान दिनचर्या, यानी मवेशी चराना, खेतों में हाड़ तोड़ मेहनत,थकान मिटाने के लिए पोचवई के घूंट या महुआ मद से प्यार और चैपाल में चूंटी में फूंक […] Read more » Featured चित्तू टुडू शेष लोक संस्कृति के चितेरे स्मृति
समाज मैकाले -मैक्समूलर के चिन्तन से भारतीय राष्ट्रीयता का क्षरण August 9, 2016 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला भारत पर अपना औपनिवेशिक प्रभुत्व स्थापित कर लेने के बाद ब्रिटिश हूक्मरानों-चिंतकों व यूरोपियन दार्शनिकों ने भारत को नजदीक से देखने-समझने के बाद यह रहस्य जान लिया था कि इस राष्ट्र की शाश्वतता , इसकी संजीवनी शक्ति अर्थात संस्कृति में सन्निहित है और इसकी संस्कृति का संवाहक है यहां का विपुल साहित्य और […] Read more » Featured भारतीय राष्ट्रीयता का क्षरण मैकाले -मैक्समूलर
कला-संस्कृति समाज संकट में हैं महाभारतकालीन जलकुंड August 9, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment शिवपुरी में महाभारत कालीन ऐसे 52 कुंड हैं, जो जलराशि से तो बारह माह भरे ही रहते हैं, नवग्रह मंडल की सरंचना से भी जुड़े हुए थे। अब इन कुंडों में से 20 कुंड अस्तित्व में हैं, जबकि 32 कुंड लुप्त हो चुके हैं। हालांकि इन सभी कुंडों का अस्तित्व तीन किलोमीटर की लंबाई में […] Read more » Featured संकट में हैं महाभारतकालीन जलकुंड
समाज याद करो कुर्बानी August 8, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment ” शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा । कभी वह दिन भी आयेगा जब अपना राज देखेंगे जब अपनी ही जमीं होगी जब अपना आसमां होगा ।।” पंडित जगदम्बा प्रसाद मिश्र की इस कालजायी कविता के ये शब्द हमें उन दिनों में आज़ादी की […] Read more » Featured कुर्बानी
समाज रचा जा रहा है गुर्जरों को विदेशी सिद्घ करने का षडय़ंत्र August 8, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य गुर्जर जाति प्रारंभ से ही पराक्रमी देशभक्त और वैदिक संस्कृति के प्रति परम आस्थावान रही है। यह जाति भारत की वैदिक संस्कृति की रक्षार्थ सदा ही संघर्षशील रही है। यही कारण है कि इसने भारत पर आक्रमण करने वाले मुस्लिमों का देर तक और जमकर प्रतिरोध किया। यह गौरव केवल इसी जाति […] Read more » Featured the conspiracy to prove that gurjars were foreigners गुर्जरों को विदेशी सिद्घ करने का षडय़ंत्र
समाज क्या है मूलनिवासी अवधारणा ? August 8, 2016 by प्रवीण गुगनानी | 4 Comments on क्या है मूलनिवासी अवधारणा ? 9 अगस्त मूलनिवासी दिवस पर विशेष – भारतीय दलित व जनजातीय समाज में इन दिनों एक नया शब्द चल पड़ा है, – मूलनिवासी. इस मूलनिवासी शब्द के नाम पर एक प्राचीन षड्यंत्र को नए रूप, नए कलेवर और नए आवरण में बांधकर एक विद्रूप वातावरण उत्पन्न करनें का प्रयास किया जा रहा है. मुझे लगता […] Read more » Featured मूलनिवासी मूलनिवासी अवधारणा
समाज सार्थक पहल रीति रिवाजो को तोड़ बचाई हजारों जिंदगियां : सामुदायिक गतिशीलता परियोजना August 8, 2016 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment उषा राय हाल ही मे आई एक खबर के अनुसार देश के अस्पतालों और घरो में रोजाना मरने वाले नवजातों और गर्भवती महिलाओं की जानकारी केंद्र सरकार के पास नही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ सचिव ने आरजीआई को जल्द से जल्द आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा है […] Read more » Featured सामुदायिक गतिशीलता परियोजना
बच्चों का पन्ना समाज हम क्यों नहीं बन सकते जीनियस ? August 8, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – एक सूफी कहावत है कि खुद को बेहतर बनाना ही, बेहतर गांव, बेहतर शहर, बेहतर देश और बेहतर दुनिया बनाने की ओर पहला कदम होता है।’ चाहता तो हर कोई बेहतर करना ही है, लेकिन बेहतर करने के लिये सबसे पहले इस बात की जरूरत है कि वह अपने आपको गंभीरता से […] Read more » how to become genius बन सकते जीनियस
समाज हैवानियत की हद August 6, 2016 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक देश एक बार फिर शर्मिंदा हुआ है। इंसान और शैतान होने का फर्क फिर मिटा है। फिर प्रमाणित हुआ है कि राज्य प्रशासन नींद की गोलियां लेकर सो रहा है और शरीर के लूटेरे चील-कौवे आजाद हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर मां-बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना न […] Read more » Bulandshahar rape case Featured हैवानियत की हद
समाज देश की आबरू के लुटेरे हैं यह बलात्कारी August 4, 2016 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी पिछले दिनों बुलंद शहर जि़ले की सीमा में नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार की मां व बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार कांड ने एक बार फिर देश में बलात्कार पर प्राय: होती रहने वाली चर्चाओं को बल प्रदान किया है। खबरों के अनुसार लगभग पंद्रह मानव रूपी दरिंदों ने एक […] Read more » देश की आबरू के लुटेरे बलात्कारी
समाज बुलंदशहर की घटना हमसे कह रही है….. August 4, 2016 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on बुलंदशहर की घटना हमसे कह रही है….. राकेश कुमार आर्य अपनी ही निगाहों से हमने अपना ही चमन जलते देखा। अपना मधुबन जलते देखा अपना उपवन जलते देखा।। बस्तियां जलाने वालों को कोई दोष न दे तो अच्छा है। घर के ही चिरागों से हमने ये घर-आंगन जलते देखा ।। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जनपद बुलंदशहर फिर मानव की उस निकृष्टतम सोच […] Read more » Featured rape in Bulandshahar बुलंदशहर की घटना