समाज टूटते संयुक्त परिवार ने बढ़ाया बुजुर्गो का अकेलापन July 20, 2016 by प्रीति कुमारी | Leave a Comment परिवार स्थायी एवं सार्वभौमिक संस्था है, परन्तु प्रत्येक स्थान पर इसके स्वरूप में भिन्नता पायी जाती है। उदाहरणार्थ – पश्चिमी देशों में मूल परिवार या दाम्पत्य परिवार की प्रधानता थी तो भारतीय गांव में संयुक्त परिवार या विस्तृत परिवार की। परिवार के अभाव में हम समाज की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आगस्त काम्टे ने […] Read more » अकेलापन टूटते संयुक्त परिवार बुजुर्गो का अकेलापन
खान-पान समाज मौत का व्यापार है जहरीली शराब का खेल July 19, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी भारत में कानून का सही तरीके पालन हो जाए तो कई समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी। लेकिन हमारे देश में राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के कारण समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार ही इन समस्याओं के बढ़ाने में सहायक होता है। हम जानते हैं […] Read more » Featured poisoned alcohol जहरीली शराब जहरीली शराब का खेल मौत का व्यापार
विविधा समाज वैचारिक आतंकवाद फैलाने वाले यह स्वतंत्र नायक July 18, 2016 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री कथित इस्लामी शिक्षा के स्वयंभू उपदेशक डा० ज़ाकिर नाईक का नाम इन दिनों एक बार फिर चर्चा में है। गत् एक जुलाई को ढाका में आतंकवादियों द्वारा दर्जनों विदेशियों तथा स्थानीय लोगों को बंधक बनाया गया। बाद में इन्हीं बंधकों में 29 लोगों की हत्या भी कर दी गई। बताया जा रहा है […] Read more » Featured डा० ज़ाकिर नाईक वैचारिक आतंकवाद
शख्सियत समाज 18 जुलाई : नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस July 18, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (Nelson Rolihlahla Mandela; 18 जुलाई 1918 – 5 दिसम्बर 2013) दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपतिथे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी […] Read more » Nelson Mandela नेल्सन मंडेला नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस
कला-संस्कृति समाज गुरू के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है गुरु पूर्णिमा July 17, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय पुरातन ग्रन्थों के अनुसार गुरू का अर्थ अन्धकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश देने वाला होता है। गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले होते हैं। आर्य सनातन वैदिक धर्मानुसार जो विद्यायुक्त ज्ञान का उपदेश कर्ता हैं वो जो वेदों का सृष्टि के आदि में ऋषियों को उपदेश […] Read more » Featured Guru poornima गुरु पूर्णिमा गुरू के प्रति कृतज्ञता
विधि-कानून विविधा समाज नस्ल-विज्ञान का साम्राज्यवादी औपनिवेशिक विधान July 17, 2016 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला यूरोपीय औद्योगिक क्रांति की कोख से उत्त्पन्न औपनिवेशिक साम्राज्यवाद ने अपनी जडें जमाने के लिए एक से बढ कर एक ऐसे-ऐसे नायाब षड्यंत्रों का आविष्कार-प्रचार और इस्तेमाल किया कि उपनिवेशित देशों की कथित आजादी के बावजूद उसके वो षड्यंत्र आज भी दुनिया भर में जारी हैं । कम से कम एशियायी देशों, विशेष […] Read more » Featured औपनिवेशिक विधान नस्ल-विज्ञान साम्राज्यवादी औपनिवेशिक विधान
समाज सार्थक पहल हर रोज अपने जीवन को नया अर्थ दे July 15, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-qललित गर्ग आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल का दौर चल रहा होता है, ऐसी स्थितियों में अक्सर लोग लक्ष्य को पाने की आस छोड़ देते हैं। उनका सारा ध्यान महज अपने अस्तित्व को बचाए रखने में लग जाता है। लक्ष्य का होना जीवन को स्पष्टता देता है। अच्छी खबर यह है कि आप बंधी-बंधाई सुरक्षित […] Read more » जीवन
समाज सार्थक पहल छत्तीसगढ़ में स्त्री सशक्तिकरण की नई इबारत July 15, 2016 by मनोज यादव | Leave a Comment अनामिका मनुष्य ने समय-समय पर अपने साहस का परिचय दिया है. आज हम जिस दुनिया में जी रहे हैं, वह हमारे साहस का ही परिणाम है. आदिमानव के रूप में हम कभी इस बात का यकिन ही नहीं कर सकते थे कि आसमान में हवाई जहाज उड़ा करेंगे लेकिन आज मनुष्य अपने सांसों से अधिक […] Read more » Chattisgarh women empowerment women empowerment in Chattisgarh छत्तीसगढ़ बीजापुर में सशक्तिकरण स्त्री सशक्तिकरण स्त्री सशक्तिकरण की नई इबारत
समाज टूटता संयुक्त परिवार एवं बिखरते रिश्ते July 13, 2016 / July 13, 2016 by प्रीति कुमारी | Leave a Comment प्रीति कुमारी परिवार स्थायी एवं सार्वभौमिक संस्था है, परन्तु प्रत्येक स्थान पर इसके स्वरूप में भिन्नता पायी जाती है। उदाहरणार्थ – पश्चिमी देशों में मूल परिवार या दाम्पत्य परिवार की प्रधानता थी तो भारतीय गांव में संयुक्त परिवार या विस्तृत परिवार की। परिवार के अभाव में हम समाज की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आगस्त […] Read more » breaking joint family टूटता संयुक्त परिवार बिखरते रिश्ते संयुक्त परिवार
जन-जागरण लेख समाज साहित्य भाषा-विज्ञान में साम्राज्यवादी षड्यंत्रों से सावधान ! July 12, 2016 / July 12, 2016 by मनोज ज्वाला | 1 Comment on भाषा-विज्ञान में साम्राज्यवादी षड्यंत्रों से सावधान ! मनोज ज्वाला यूरोप के रंग-भेदकारी औपनिवेशिक साम्राज्यवादियों ने सम्पूर्ण विश्व, विशेष कर भारत पर अपना दबदबा कायम रखने और जबरिया उसका औचित्य सिद्ध करने तथा स्वयं को सर्वोपरी स्थापित करने के लिए एक ओर उपनिवेशित देशों की ऐतिहासिक सच्चाइयों व सांस्कृतिक विरासतों एवं सामाजिक संरचनाओं को तदनुरुप तोड-मरोड कर विकृत कर दिया , वहीं दूसरी […] Read more » Featured भाषा विज्ञान साम्राज्यवादी षड्यंत्रों से सावधान !
विविधा शख्सियत समाज महात्मा अब्दुल सत्तार ईधी July 11, 2016 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment भारत में जन्में और पाकिस्तान में स्वर्गवासी हुए इस महात्मा का नाम अब्दुल सत्तार ईधी था। वे 92 साल के थे। ईधी पर भारत और पाकिस्तान, दोनों को गर्व होना चाहिए। 1947 में ईधी अपनी मां के साथ गुजरात से कराची गए तो उनके पास कुछ नहीं था। अन्य लाखों शरणार्थियों की तरह वे भी […] Read more » Featured महात्मा अब्दुल सत्तार ईधी
समाज कौन थमा रहा है हाथों में बंदूकें.. July 9, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment पठानकोट एयर बेस हमला, फ्रांस , तुर्की,पाकिस्तान ,इज़रायल ,ईराक ,सुमोलिया पैरिस ,और अब बांग्लादेश —-। दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जो आतंकवाद के जख़्मों से स्वयं को बचा पाया हो। अभी बांग्लादेश में एक सप्ताह के भीतर दो आतंकवादी हमले — एक ईद की नमाज़ के दौरान और उससे पहले 1 जुलाई […] Read more » Featured terrorists who are making terrorists हाथों में बंदूकें