समाज इंसानियत है मज़हब सबसे बड़ा जहां में March 17, 2016 by निर्मल रानी | 1 Comment on इंसानियत है मज़हब सबसे बड़ा जहां में निर्मल रानी इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत सहित पूरे विश्व में मानवता को शर्मसार करने वाली तमाम घटनाओं की ख़बरें सुनने को मिलती रहती है। चारों ओर संकीर्णता,कट्टरपंथी वैचारिकता,स्वार्थ,लालच,धर्म व जाति आधारित वैमनस्य जैसी सामाजिक बुराईयों का बोलबाला है। धर्मांधता व जातिवाद जैसे संकीर्ण विचार रखने वाले लोग मानवता को तिलंाजलि देकर अपने-अपने नापाक […] Read more » Featured humanity is the best religion इंसानियत मजहब सबसे बड़ा मज़हब
पर्व - त्यौहार समाज उमंग का पर्व है होली March 16, 2016 by डॉ. सौरभ मालवीय | 1 Comment on उमंग का पर्व है होली डॊ. सौरभ मालवीय होली हर्षोल्लास, उमंग और रंगों का पर्व है. यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इससे एक दिन पूर्व होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है. दूसरे दिन रंग खेला जाता है, जिसे धुलेंडी, धुरखेल तथा धूलिवंदन कहा जाता है. लोग एक-दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल लगाते […] Read more » Featured उमंग का पर्व उमंग का पर्व है होली होली
शख्सियत समाज समानता के पैरोकार कांशीराम March 15, 2016 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक सैकड़ों साल बाद भारतीय समाज का स्वरुप, चरित्र एवं चिंतन की व्याख्या का दायरा और उसके मूल्यों को मापने व परखने का मापदण्ड क्या होगा उसकी भविष्यवाणी आज संभव नहीं है। लेकिन जब भी असमानता और अन्याय पर आधारित समाज के खिलाफ तनकर खड़े होने वाले शिल्पकारों का इतिहासपरक मूल्यांकन करेगा उस कसौटी […] Read more » kanshiram social eqality by kanshiram कांशीराम समानता के पैरोकार कांशीराम
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार समाज होली: राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व March 15, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव होली एक प्राचीन त्योहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मुख्य रुप से यह बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है। भारत और चीन में इसे, इसी परिप्रेक्ष में मनाने की परंपरा है। आज इस पर्व को मूल-अर्थों में मनाना ज्यादा प्रासंगिक है। क्यूंकी नैतिकता-अनैतिकता के सभी मानदण्ड खोटे होते जा रहे हैं। […] Read more » featival Holi राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व होली
कला-संस्कृति समाज हिंद स्वराज मध्यकालीन भारतीय समाज और विदेशी यात्री March 15, 2016 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री विदेशी यात्रियों की नजर में भारत : मध्यकालीन भारत के बारे में जिन विदेशियों ने भारत संबंधी कुछ विवरण लिखित रूप में छोड़ा, उनमें तीन लोगों का विशेष महत्व है – यूरोप का मेगस्थनीज, चीन का फाह्यान और अरब का अल- बिरूनी । इनमें सबसे पुराना मेगस्थनीज (ईसा पूर्व तीसरी […] Read more » Featured indian society and foreign tourist medieval indian society मध्यकालीन भारतीय समाज विदेशी यात्री
राजनीति समाज समाजवादी प्रदेश के चार साल में शिक्षा का बुरा हाल March 15, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on समाजवादी प्रदेश के चार साल में शिक्षा का बुरा हाल मृत्युंजय दीक्षित एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं तथा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं अफसरशाही के कारण प्रदेश की शिक्षा का बुरा हाल है। मुख्यमंत्री व प्रशासन के सभी प्रयासों […] Read more » education in akhilesh government education in uttar pradesh Featured शिक्षा शिक्षा का बुरा हाल समाजवादी प्रदेश
समाज संघ की आईएसआईएस से कोई तुलना नहीं ! March 15, 2016 / March 15, 2016 by श्रीराम तिवारी | 1 Comment on संघ की आईएसआईएस से कोई तुलना नहीं ! राज्य सभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ‘ की तुलना खूँखार इस्लामिक जेहादी संगठन ‘आईएसआईएस’ से की है। ‘संघ परिवार’वाले तो गुलाम नबी आजाद के इस वयान से कदापि सहमत नहीं होंगे। और यह कोई अचरज की बात भी नहीं है ! यह तो सनातन […] Read more » Featured ISIS no comparison of sangh with isis Sangh आईएसआईएस संघ
मीडिया समाज बौद्धिक अथवा सामाजिक आतंकवाद का जनक : मीडिया March 14, 2016 / March 14, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment मीडिया –वो माध्यम जो हमें देश विदेश में होने वाली घटनाओं से रूबरू कराता है।आज मीडिया हाईटेक हो गया है,इन्टरनेट और सोशल मीडिया ने लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ को नए आयाम दे दिए हैं।ग्लोबलाइजेशन का सर्वाधिक असर शायद मीडिया पर ही पड़ा है जिसने खबरों के प्रस्तुतीकरण एवं प्रसारण को विविधता प्रदान की है।आज […] Read more » Featured अभिव्यक्ति की आजादी जे एन यू प्रकरण पठानकोट एयर बेस बौद्धिक आतंकवाद रोहित वेमुला सामाजिक आतंकवाद
समाज नक्सलियों की हैवानियत : नारायणपुर में 16 ग्रामीणों की नृशंसतापूर्वक हत्या March 10, 2016 by अरविंद जयतिलक | 1 Comment on नक्सलियों की हैवानियत : नारायणपुर में 16 ग्रामीणों की नृशंसतापूर्वक हत्या अरविंद जयतिलक नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर में 16 ग्रामीणों की नृशंसतापूर्वक हत्याकर फिर प्रमाणित कर दिया कि वे सामाजिक परिवर्तन के नुमाइंदे नहीं बल्कि हद दर्जे के नीच, कातिल, लूटेरे और देशद्रोही हैं। उनका मकसद समतामूलक समाज का निर्माण नहीं बल्कि बंदूक के दम पर भारतीय लोकतांत्रिक समाज को लहूलुहान करना है। यह […] Read more » bloodbath by naxals in Chattisgarh Featured inhumanity by naxals Naxalism नक्सलियों की हैवानियत नारायणपुर में 16 ग्रामीणों की नृशंसतापूर्वक हत्या
राजनीति समाज दिल्ली में देशद्रोह, केरल में हिंसाचार : वामपंथी प्रभाव March 10, 2016 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on दिल्ली में देशद्रोह, केरल में हिंसाचार : वामपंथी प्रभाव प्रवीण दुबे ऐसा लगता है कि केरल सहित तमाम दक्षिण के वामपंथी प्रभाव वाले क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते प्रभाव से कामरेडों की नींद उड़ी हुई है। यही वजह है कि ये कामरेड केरल जैसे राज्यों में राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगातार हमले कर रहे हैं। पिछले महीने पंपीसेरी में एक […] Read more » Featured increasing anti nationalism in India JNU row केरल में हिंसाचार दिल्ली में देशद्रोह वामपंथी प्रभाव वामपंथी मानसिकता वामपंथी विचारधारा
महिला-जगत समाज भारत में कन्याएँ, बालिकाएं एवम् महिलाएं : महिला दिवस March 8, 2016 / March 8, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment वाजिद अली भारत विकसित राष्ट्र की तरफ अग्रसर है और आने वाले 25 से 30 सालों में उन देशों के सामने कठिन चुनौती रखने वाला है जो आर्थिक महाशक्ति की होड़ में सबसे आगे हैं,और यह तभी सम्भव है जब पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का भी विकास के क्षेत्रों में अहम् योगदान हो,आज भारतीय महिलाओं […] Read more » Featured भारत में कन्याएँ भारत में बालिकाएं भारत में महिलाएं महिला दिवस
शख्सियत समाज मानवता के पुजारी स्वामी रामकृष्ण परमहंस March 8, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on मानवता के पुजारी स्वामी रामकृष्ण परमहंस अशोक “प्रवृद्ध” भारत के महान संत एवं विचारक और सर्वधर्मेकता पर जोर देने वाले स्वामी रामकृष्ण मानवता के ऐसे पुजारी थे , जो अपने साधना के फलस्वरूप इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। रामकृष्ण परमहंस […] Read more » Featured मानवता के पुजारी मानवता के पुजारी स्वामी रामकृष्ण परमहंस स्वामी रामकृष्ण परमहंस