आर्थिकी समाज रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? April 27, 2016 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? प्रवीण दुबे बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान अपनी बिक्री 5,000 करोड़ रुपये के पार जाने तथा इस वर्ष का लक्ष्य 10,000 करने की घोषणा क्या की कुछ लोगों के पेट में मरोड़ उठने लगी। आश्चर्य की बात यह है कि बाबा रामदेव की इस उपलब्धि पर कपड़े फाडऩे वालों […] Read more » Featured पेट में मरोड़ रामदेव रामदेव के स्वदेशी मॉडल स्वदेशी मॉडल
समाज नये दौर की नयी सोच : स्टार्टअप इंडिया April 26, 2016 / April 29, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग स्टार्टअप इंडिया-भारत के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की एक नई सुबह की आहट है। बिजनेस के नए आयडियाज तलाशना और दुनिया में भारत के व्यापार को नई पहचान देना ही स्टार्टअप की ओर पहला कदम है। ये स्टार्टअप ही टेक्नोलॉजी और बड़े निवेशक के आयडिया को बड़े स्तर पर ले सकते हैं। भारत […] Read more » Featured Start Up India नये दौर की नयी सोच स्टार्टअप इंडिया
राजनीति समाज डा. अंबेडकर के सपनों का भारत April 26, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment डा. अंबेडकर के सपनों का भारत कैसा होगा? आज के घोर जातिवादी सामाजिक परिवेश में यह प्रश्न उठना या उठाया जाना बहुत ही आवश्यक है। मैं इस प्रश्न के उत्तर में विनम्रता से यही कहना चाहूंगा कि डा. अंबेडकर के सपनों का भारत किसी अगड़ी-पिछड़ी या दलित जाति को गाली देने वाला तो निश्चय ही […] Read more » डा. अंबेडकर के सपनों का भारत
जन-जागरण समाज कृपया नज़रअंदाज़ ने करें यह जल अपील और प्रतिक्रियायें April 26, 2016 by अरुण तिवारी | Leave a Comment अवसर देती जल अपील और प्रतिक्रियायें तारीख: 14 अप्रैल – बाबा साहब अंबेडकर की 125वीं जन्म तिथि; स्थान: परंपरागत तरीकों से जल संकट के समाधान की पैरोकारी के लिए विश्व विख्यात जलपुरुष राजेन्द्र सिंह की अध्यक्षता वाले संगठन तरुण भारत संघ का गांव भीकमपुरा स्थित तरुण आश्रम; मौका: 130 संगठनों के जमावङे का अंतिम […] Read more » Featured save water Water Conservation जल अपील
मीडिया समाज मनचाही नहीं अनचाही मौत: आत्महत्या April 25, 2016 by श्याम नारायण रंगा | Leave a Comment प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन के साथ साथ अपने जीवन को समाप्त करने का अधिकार लेकर पैदा होता है। कानून भले की इस अधिकार पर प्रतिबंध लगा दे लेकिन व्यक्ति के पास यह अधिकार सदैव स्वतंत्र रहता है। कानूनी प्रतिबंध के बावजूद प्रतिवर्ष दुनिया में लाखों लोग आत्महत्या करते हैं। आत्महत्या का विचार इतना प्रबल होता […] Read more » death upto hang Featured suicidal death अनचाही मौत आत्महत्या मनचाही मौत मौत
समाज कानून से नहीं, आदतें सुधारने से बचेगा पानी April 22, 2016 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on कानून से नहीं, आदतें सुधारने से बचेगा पानी प्रवीण दुबे ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती मानुष चून।। रहीम के इस प्रेरणादायी दोहे से यदि हमने सीख ली होती तो शायद आज पेयजल के लिए हमारी सरकार को कानून बनाने की बात नहीं कहना पड़ती। सच पूछा जाए तो हमारा दर्शन, हमारी संस्कृति और हमारे पौराणिक ग्रंथों […] Read more » Featured आदतें सुधारने से बचेगा पानी दिल्ली में पानी की किल्लत बचेगा पानी वाहनों की सफाई में पानी का बर्बादी।
समाज सभ्य समाज की असभ्यता’-भाग-2 April 21, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment पश्चिमी अद्ध असभ्यता ने भारत की सभ्यता के साथ टी.वी. कल्चर और ‘बैड रूम कल्चर’ के द्वारा भयंकर छेड़छाड़ करनी आरम्भ की। इन दोनों चीज़ों को हमारे युवावर्ग ने बड़ी उत्सुकता से पकड़ा। उसने वीर्यनाश को मनोरंजन का साधन मान लिया। अब जो उसके सामने आ जाये वह उसी के साथ रासलीला करना चाहता है। […] Read more » Featured असभ्यता सभ्य समाज
कला-संस्कृति समाज भगवान महावीर की शिक्षायें मानव कल्याण के लिए! April 19, 2016 / April 21, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment महावीर जयन्ती पर जनहित में प्रकाशन हेतु विशेष लेख – डा.. जगदीश गांधी, शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ (1) मानवता के लिए त्याग करने वाला महावीर है:- महावीर का जन्म वैशाली (बिहार) के एक राज परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशिला था। बचपन से […] Read more » Featured भगवान महावीर भगवान महावीर की शिक्षायें महावीर मानव कल्याण
विधि-कानून समाज भारतीय न्याय व्यवस्था पर श्वेत-पत्र April 19, 2016 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | Leave a Comment उदारीकरण से देश में सूचना क्रांति, संचार, परिवहन, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में सुधार अवश्य हुआ है किन्तु फिर भी आम आदमी की समस्याओं में बढ़ोतरी ही हुई है| आज भारत में आम नागरिक की जान-माल-सम्मान तीनों ही सुरक्षित नहीं हैं| ऊँचे लोक पदधारियों को सरकार जनता के पैसे से सुरक्षा उपलब्ध करवा देती है और […] Read more » Featured swet patra on indian judicial system भारतीय न्याय व्यवस्था श्वेत पत्र
समाज सभ्य समाज की असभ्यता April 19, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मर्यादाऐं स्थापित करना जितना कठिन है उतना ही इन्हें तोड़ डालना सरल है। सदपरम्पराओं के विकास में आपको पर्याप्त समय लग सकता है और उन्हें स्थापित करने में आपको पर्याप्त परिश्रम भी करना पड़ सकता है, परन्तु उन्हें तोडऩे में न तो समय लगता है और ना ही किसी विशेष परिश्रम के करने की आवश्यकता […] Read more » Featured honour killing असभ्यता सभ्य समाज सभ्य समाज की असभ्यता
कला-संस्कृति समाज सद्भावना की परंपरा में देरी नहीं लगती April 18, 2016 by संजय स्वदेश | Leave a Comment पटना का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में रामवनवी के दिन आयोध्या के बाद सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है। राम के जन्मोत्सव के जय घोष के दौराना मस्जिद में नामाज अता की गई। मुस्लिम भाइयों में हिंदू भाइयों से गले मिलकर सद्भावना का उदहरण पेश की। एक और उदाहरण देखिए। राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर में […] Read more » Featured सद्भावना की परंपरा
जन-जागरण समाज सफलता के लिये अच्छाई का निवेश जरूरी है April 16, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग अच्छाई और सफलता की कसौटी क्या है? इनका कोई लेबल नहीं, न कोई आवरण है। व्यक्ति की कार्यशैली, व्यवहार, कर्म, वाणी, रहन-सहन, प्रकृति और स्वभाव ही उसका मापदंड है। सफलता भाग्य की फसल और पुरुषार्थ की निष्पत्ति है। हर किसी को वह नसीब नहीं होती, यह सतत जागरूकता, जीवन के प्रति सकारात्मकता एवं […] Read more » Featured success