टेक्नोलॉजी समाज डिजिटल इंडिया की डगर October 23, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment शुभम श्रीवास्तव मानव सभ्यताओं के लाखों वर्षों से चले आ रहे क्रम में आज हम एक ऐसे मुहाने पर आ कर खड़े हो गए है जहाँ से भौतिकी दुनिया के विकास से इतर हम एक ऐसी आभासी दुनिया में पाँव जमाने जा रहे हैं जो आने वाले समय के लिहाज़ से एक क्रांतिकारी कदम साबित […] Read more » Featured डिजिटल इंडिया डिजिटल इंडिया की डगर
टेक्नोलॉजी समाज जंगल मे मोर नाचा तो किसने देखा?? October 23, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पंकज कसरादे विदेश नीति के रंग डिजिटल इंडिया ,मेक इन इंडिया,स्किल इंडिया में हम इतने सराबोर हो चुके है कि हमारे आंतरिकता में स्थित देश की पहचान जो गाँवो से है , किसानो से है ,खेतो से है ,जंगलो से है ,मज़दूरों से है उसे लगभग भूल चुके है। यह पहल सही है की विदेश […] Read more » Featured जंगल मे मोर नाचा
समाज पंजाब का संकट October 23, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment पंजाब का संकट गहराता जा रहा है| लगभग एक माह से किसानों के आंदोलन ने अकाली सरकार का दम फुला रखा था लेकिन अब गुरु ग्रंथ साहब को लेकर जो क्रोध फैला है, उसे संभालना काफी कठिन हो गया है| हजारों लोग जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि गुरु ग्रंथ साहब […] Read more » पंजाब का संकट
महत्वपूर्ण लेख समाज संघ के 90 वर्षों का सफर और सेवा कार्य October 21, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment 1925 को विजयादशमी के पावन पर्व पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ रूपी जिस बीज का रोपण किया था, वह अब वट वृक्ष बन चुका है। 90 वर्षों की अपनी यात्रा में संघ; उपेक्षा और विरोध की स्थितियों को पार कर अब क्रमशः स्वीकार्यता की ओर बढ़ रहा है। सामान्य समाज, संघ के संबंध […] Read more » Featured RSS Sangh संघ के 90 वर्षों का सफर संघ के सेवा कार्य
राजनीति समाज आरक्षणःअन्याय में बदालता सामाजिक न्याय October 21, 2015 / October 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- खत्म नहीं होगा आरक्षण- नरेंद्र मोदी प्रमोद भार्गव आरक्षण की पुनर्समीक्षा और आर्थिक आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का सुझाव आने के साथ जो बहस छिड़ी थी,उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहकर विराम लगा दिया कि ‘आरक्षण किसी भी सूरत में समाप्त नहीं किया जाएगा। भाजपा के […] Read more » Featured अन्याय में बदलता आरक्षण सामाजिक न्याय
राजनीति समाज पुरस्कार लेने और लौटाने के राजनीतिक मंच पर कम्युनिस्टों का माँस भोज– October 19, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on पुरस्कार लेने और लौटाने के राजनीतिक मंच पर कम्युनिस्टों का माँस भोज– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री नयनतारा सहगल नेहरु परिवार से ताल्लुक़ रखतीं हैं । अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ती लिखती रही हैं । उनके लिखे पर कभी साहित्य अकादमी ने उन्हें पुरस्कार दिया था । पिछले दिनों उन्होंने वह पुरस्कार साहित्य अकादमी को वापिस कर दिया । वैसे तो उम्र के जिस पड़ाव पर नयनतारा सहगल हैं […] Read more » Featured कम्युनिस्टों का माँस भोज नयनतारा सहगल अशोक वाजपेयी पुरस्कार लेने और लौटाने की राजनीति
समाज सेक्यूलरिस्ट: बौद्धिक काणे October 19, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने भारत के ‘सेक्युलरिस्ट्स’ की नब्ज़ पर हाथ रख दिया है। उन्होंने सही कहा है कि भारत के ज्यादातर ‘सेक्यूलरिस्ट’ मुस्लिम-समर्थक और हिंदूविरोधी हैं। मेरी राय में सच्चा सेक्युलर वह है, जो सफेद को सफेद कहे और काले को काला! जो पूर्ण सत्यनिष्ठ हो, वही अपने आप को सेक्युलर कह सकता […] Read more » बौद्धिक काणे सेक्यूलरिस्ट
राजनीति समाज गोमांस पर अनावश्यक विवाद October 18, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on गोमांस पर अनावश्यक विवाद हमारा प्रिय भारत देश महान है; पर यहां का मीडिया उससे भी अधिक महान है। जिस समाचार से उनकी प्रसिद्धि बढ़े और विज्ञापन से उनकी झोली भरे, उसे वे सिर पर उठा लेते हैं। यदि खबर दिल्ली के आसपास की हो, तो फिर कहना ही क्या ? याद कीजिये दिल्ली का निर्भया कांड, नौएडा का […] Read more » Featured गोमांस गोमांस पर अनावश्यक विवाद
समाज हर समर्थ आदमी अपने से कमजोर का सहायक बने October 16, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – पुराने जमाने की बात है। एक राजा था। उसे अपने विशाल साम्राज्य और धन-संपत्ति पर बहुत अभिमान था। एक दिन एक साधु उसके पास आया। उसने राजा को देखकर ही भांप लिया कि वह धन और सत्ता के मद में चूर है, लेकिन अंदर से खोखला है। राजा ने साधु से पूछा, […] Read more » हर समर्थ आदमी अपने से कमजोर का सहायक बने
राजनीति समाज समाज से सबक लें साहित्यकार October 14, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- दादरी-बिसहड़ा-कांड के बाद सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल प्रमोद भार्गव दादरी के बिसहाड़-कांड के घटनाक्रम में सामने आई असहिष्णुता को जिस दायित्व बोध और शालीन व्यवहार से गांव के ग्रामीणों ने पाटने का काम किया है,उसने सिद्ध कर दिया है कि भारत का मूल स्वरूप बहुलतावादी है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है तो इसलिए,क्योंकि बहुसंख्यक […] Read more » Featured समाज से सबक लें साहित्यकार
विविधा समाज जनजातीय संस्कृति पर छाया संकट October 14, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment शैलेन्द्र सिन्हा 9 अगस्त विश्व आदिवासी पुरे दुनिंया में मनाया जा रहा है।लेकिन झारखंड में आदिवासियों की जनसंख्या में लगातार ह्नास परिलक्षित हो रहा है,उनका राजनीतिक,सामाजिक व आर्थिक विकास धीमा हो गया है।आदिवासियों की जनसंख्या के कम होने से जनजातीय संस्कृति पर संकट आ गया है। झारखंड के आदिवासी की अस्मिता खतरे में […] Read more » decreasing population of adiwasi in Jharkhand Featured जनजातीय संस्कृति जनजातीय संस्कृति पर छाया संकट
समाज साहित्य रामराज्य – एक आदर्श राजविहीन राज्य October 12, 2015 by सुरेन्द्र नाथ गुप्ता | 2 Comments on रामराज्य – एक आदर्श राजविहीन राज्य सुरेन्द्र नाथ गुप्त राम राज्य की कल्पना सर्वप्रथम महाराज मनु ने की थी जब मनु-शतरूपा ने तप करके भगवान से वर मांगा था कि तुम्हारे समान पुत्र हो। मनु-शतरूपा निसंतान नहीं थे, उनके दो पुत्र उत्तानपाद व प्रियव्रत और एक पुत्री देवहूती थी, फिर भी भगवान से पुत्र मांगा और वह भी बिल्कुल उन्ही के […] Read more » Featured रामराज्य