समाज संबंध और स्वार्थ April 12, 2012 / April 12, 2012 by शशांक शेखर | Leave a Comment शशांक शेखर मानवता में संबंधो के विशेष असर हुआ है। एक- दूसरे को आपस में जोड़ने में संबंध ने व्यापक पृष्ठभूमि तैयार की है। वहीं यह भी एक कटु सत्य है कि संबंधों के जुड़ाव में स्वार्थ की भूमिका कभी सामने तो कभी परदे के पीछे रहती है। सबसे मधुर संबंध मां का अपने बच्चों […] Read more » relations संबंध स्वार्थ
समाज गरीबी व भुखमरी के बीच विकास की एक्सप्रेस रेल April 11, 2012 / July 22, 2012 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भारत में बढ़ती भुखमरी और गरीबी की पुष्टिकर केंद्र सरकार के उस दावे की पोल खोल दी है जिसमें विकास की रफ्तार बढ़ने की बात कही गर्इ है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट से केंद्र सरकार के दावे खोखले साबित होते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार […] Read more » poverty starvation गरीबी भुखमरी
समाज सबसे घटिया तरीका है बच्चों को शारीरिक दंड से उन्हें सुधारना April 1, 2012 / July 22, 2012 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु पिछले दिनों कर्इ प्रदेशो में बच्चों और शिक्षकों से ताल्लुक रखने वाली तमाम चौकाने वाली खबरों से मीडिया जगत में एक हलचल जैसी स्थिति देखने को मिली। कहीं शिक्षक या शिक्षिका ने बच्चों को इतना पीटा की बच्चें बिकलांग या उनकी मौत हो गर्इ। कुछ मामलों में बच्चों ने अपने शिक्षक या शिक्षिका […] Read more » corporal punishment शारीरिक दंड
समाज पुलिस को मानवतावादी बनाने की जरूरत March 31, 2012 / July 22, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on पुलिस को मानवतावादी बनाने की जरूरत प्रमोद भार्गव उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद व्यवस्था परिवर्तन के संकेत मिलने लगे हैं। इसी सिलसिले में प्रदेश के कुछ बड़े शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की तैयारी की जाने लगी है लेकिन क्या पदों में नाम तब्दीली से बदलाव आ जाएगा ? दरअसल पुलिस में आमूलचूल परिवर्तन के लिए बुनियादी […] Read more » police and humanity पुलिस
चिंतन समाज संस्कारहीनता ही है सब समस्याओं की जड़ March 30, 2012 / April 11, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | 5 Comments on संस्कारहीनता ही है सब समस्याओं की जड़ – डॉ. दीपक आचार्य समाज में आज सब कुछ दिखाई देता है लेकिन जो नहीं दीख पा रहे हैं वे हैं- संस्कार हैं। इन्हीं की कमी से व्यक्ति व समुदाय से लेकर परिवेश और राष्ट्र तक में समस्याओं, कुटिलताओं, विदु्रपताओं और क्षुद्र ऐषणाओं के कई-कई मोहपाश अपना शिकंजा कसते जा रहे हैं। संस्कारहीनता ही वह […] Read more » cutural rite संस्कार
समाज राजोआना से एक अंत क्यों, शुरुआत भी हो सकती है ! March 30, 2012 / March 30, 2012 by जगमोहन फुटेला | 1 Comment on राजोआना से एक अंत क्यों, शुरुआत भी हो सकती है ! जगमोहन फुटेला खुद बलवंत सिंह राजोआना मानता है कि वो तब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है. उसे फांसी से माफ़ी भी नहीं चाहिए. बल्कि उसका कहना है कि उस के लिए माफ़ी मांगने वाले उसकी सोच का अपमान कर रहे हैं तो आज पालिटीशियनों को उसके लिए माफ़ी क्यों चाहिए? ऊपर […] Read more » hang till death to balwant Singh rajoana बलवंत सिंह राजोआना
समाज क्या लिव इन रिलेशनशिप की यही परिणिति है ? March 28, 2012 by विनायक शर्मा | 6 Comments on क्या लिव इन रिलेशनशिप की यही परिणिति है ? विनायक शर्मा दिल्ली में कुछ दिनों पूर्व आठ टुकड़ो में मिली महिला के सिर विहीन शव की गुत्थी को सुलझा लेने का दावा करते हुए पुलिस का कहना है कि मृतक पूजा के प्रेमी योगेश जो उसके साथ विगत चार वर्षों से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहा था, ने ही मृतक महिला से पीछा छुड़ाने के […] Read more » legality of live in relationship Live in relationship लिव इन रिलेशनशिप
महत्वपूर्ण लेख समाज कहाँ जा रहा है लोकतंत्र: सुप्रीम कोर्ट के भरोसे चल रहा है देश March 28, 2012 / July 22, 2012 by भार्गव चन्दोला | 2 Comments on कहाँ जा रहा है लोकतंत्र: सुप्रीम कोर्ट के भरोसे चल रहा है देश भार्गव चन्दोला क्या हो गया है लोकतंत्र को जब राजनीतिक पार्टियों का अपने नेताओं अपने कार्यकर्ताओं पर ही विश्वाश नहीं हैं तो वो जनता के विश्वाश पर कैसे खडे उत्तरेंगे ? बी.जे.पी. ने अपने उत्तराखंड के सभी विधायक उज्जैन में एकत्रित कर रखे थे और सभी विधायकों के मोबाइल भी ले रखे थे ताकि वो […] Read more » democracy and Supreme Court लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट
समाज माओवाद के विरुद्ध निर्णायक युद्ध का समय March 28, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद सरकार के विधायक झीना हिकाका को माओवादियों द्वारा बंधक बनाने की घटना ने माओवादियों के बुलंद हौसले और सरकार की कमजोरी को तो उजागर किया ही है, साथ ही राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के मध्य चले आ रहे टकराव को भी सार्वजनिक कर दिया है| इससे पहले दो हफ्ते पूर्व […] Read more » moaists माओवाद माओवाद के विरुद्ध निर्णायक युद्ध
समाज 2020 तक भारत विकसित राष्ट्र कैसे बन पायेगा? March 28, 2012 / July 22, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on 2020 तक भारत विकसित राष्ट्र कैसे बन पायेगा? इक़बाल हिंदुस्तानी एल पी जी नीतियों से यह मक़सद हासिल नहीं हो सकता! सिर्फ एक क़दम उठा था गलत राहे शौक में, मंज़िल तमाम उम्र मुझे फिर ढूंढती रही । 0 हमारे पूर्व राष्ट्रपति जनाब ए पी जे कलाम साहब का सपना रहा है कि 2020 तक भारत विकसित राष्ट्र बन जाये। यह सकारात्मक सोच […] Read more » 2020 भारत विकसित राष्ट्र India in 2020 India in 2020 as a developed country
समाज सासंदों की उम्मीदवारी March 26, 2012 / July 22, 2012 by वीरेन्द्र सिंह राठौर | 4 Comments on सासंदों की उम्मीदवारी वीरेन्द्र सिंह राठौर 25 मार्च को अन्ना हजारे और उनकी टीम ने एक दिन का सांकेतिक अनशन दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान पर किया। मुबंई के आज़ाद मैदान में फीके रहे अनशन के बाद जंतर-मंतर पर जमा हुई भीड़ को देखकर टीम अन्ना का मुरझाया उत्साह फिर से खिल गया । अनशन के दौरान अन्ना हजारे […] Read more » Sansad सासंदों की उम्मीदवारी
समाज केन्द्रीय बजट और ग्रामीण भारत March 25, 2012 / July 22, 2012 by राजीव गुप्ता | Leave a Comment राजीव गुप्ता पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन से सबक लेते हुए एवं रेल बजट से उत्पन्न हुए गर्म सियासी माहौल के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यूपीए सरकार की दूसरी पारी का तीसरा बजट पेश करते हुए अपने को आम आदमी अर्थात ग्रामीण भारत से जुड़ाव दिखाने का प्रयास किया […] Read more » central budget केन्द्रीय बजट ग्रामीण भारत