समाज भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना की आग August 18, 2011 / August 18, 2011 by प्रमोद भार्गव | 3 Comments on भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना की आग प्रमोद भार्गव भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना का आंदोलन राख में दबी आग साबित हो रहा है। जिसे केंद्र सरकार के अदूरदर्शितापूर्ण दोहरे कानूनी मापदण्ड और विपक्ष में छार्इ राजनीतिक शून्यता हवा देने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संसद में दिए बयान से यह तय हो गया है कि ज्वलंत राजनीतिक मसलों […] Read more » Anna Hazare भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना की आग
समाज हमारी कुटुम्ब-संस्था : एक अचरज August 17, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. मधुसूदन | 12 Comments on हमारी कुटुम्ब-संस्था : एक अचरज डॉ. मधुसूदन हमारी हस्ती ना मिटाने वाली कौनसी बात है? (१) कुछ वर्ष पूर्व भारत से ”फुल ब्राइट स्कॉलर” रहकर वापस लौटे हुए तीन अमरिकन प्रॉफ़ेसरों का (Talks)वार्तालाप यहां आयोजित किया गया था। यह वार्तालाप एक स्थानीय युनिवर्सिटी में रखा गया था। उन तीनों में से, एक प्रोफेसर ३ बार, एक २ बार, और एक […] Read more » Family organisation कुटुम्ब-संस्था परिवार
समाज बेकार है ऐसी आज़ादी August 15, 2011 / December 7, 2011 by ए.एन. शिबली | 1 Comment on बेकार है ऐसी आज़ादी ए एन शिबली हर साल 15 अगस्त आते ही एक अजब सी खुशी सा अहसास होता है। हर तरफ राष्ट्रिए गीत बजते रहते हैं। स्कूलों में बच्चे रंगबिरंगे प्रोग्राम पेश करते हैं। हर किसी के हाथ में झण्डा होता है। लोग अपने उन मासूम बच्चों के हाथ में भी तिरंगा थमा कर खुद भी खुश […] Read more » independence आज़ादी
समाज ”जाति”- भूषण या दूषण? August 14, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. मधुसूदन | Leave a Comment डॉ. मधुसूदन विद्वानों की ज़बानी। प्रवेश: पाठकों के, विचार-चिन्तन-मनन इत्यादि के लिए, कुछ मौलिक कथन (१) एक मिशनरी का(२) एक विशेषज्ञ का(३) एक प्रभावी विचारक का प्रस्तुत है। पहले हिन्दी अनुवाद देता हूं। अंत में अंग्रेज़ी में मूल लेखक का कथन। बहुतेरे लेखक वर्ण और जाति दोनों के लिए अंग्रेज़ी Caste का प्रयोग करते हैं। […] Read more » caste जाति
समाज कार्यपालिका की निष्क्रियता बनाम न्यायपालिका की सक्रियता August 11, 2011 / December 7, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on कार्यपालिका की निष्क्रियता बनाम न्यायपालिका की सक्रियता इक़बाल हिंदुस्तानी यह बहस आजकल काफी तेज़ होती जा रही है कि क्या न्यायपालिका जानबूझकर सरकार के नीतिगत मामलों में अवांछित दख़ल दे रही है या फिर कार्यपालिका की निष्क्रियता और बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण अदालतों को संविधान की रक्षा और जनहित में सकि्रय होना पड़ रहा है। आमतौर पर यह माना जाता है कि […] Read more » Aberrant कार्यपालिका की निष्कि्रयता न्यायपालिका की सक्रियता
समाज पंचायती राज प्रशासन में प्रशिक्षण व्यवस्था August 11, 2011 / December 7, 2011 by डॉ.रमेश प्रसाद द्विवेदी | Leave a Comment डाँ. रमेश प्रसाद द्विवेदी भारत सरकार हो या राज्य सरकार या अन्य कोई भी संगठन हो, आज जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप खरा उतरने की गम्भीर चुनौती अपना पैर फैला रही है। इस चुनौती के कारण शासन और प्रशासन दोनों के लिए यह चिंता व चिंतन का विषय है कि देश की जनता को प्रदान […] Read more » Training system पंचायती राज प्रशासन पंचायती राज प्रशासन में प्रशिक्षण व्यवस्था प्रशिक्षण व्यवस्था
समाज आरक्षण समानता या विषमता August 10, 2011 / December 7, 2011 by मुकेश चन्द्र मिश्र | 4 Comments on आरक्षण समानता या विषमता आरक्षण का जिन्न आजकल फिर चर्चा में है इसको बाहर लाने का दोषी फिल्म निर्माता प्रकाश झा जी को ठहराया जा रहा है पर इसमें शायद उनका उपनाम “झा” ही दोषी है जो संभवतः अगड़े वर्ग से है, जबिक वो शहर -शहर घूमकर सबको समझा रहे हैं की ये फिल्म समाज के किसी भी वर्ग […] Read more » Reservation आरक्षण
समाज चू चू का मुरब्बा बना लोकपाल बिल July 26, 2011 / December 8, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 5 Comments on चू चू का मुरब्बा बना लोकपाल बिल शादाब जफर “शादाब’’ छले चालीस सालो से भ्रष्ट राजनेताओ और भ्रष्ट राजनीति के कारण जो लोकपाल विधेयक कानून का रूप नही ले पाया। कुछ लोग चाहते है कि उसे हम चुटकिया बजा कर पास करा लेगे तो ये उन लोगो की भूल है। जिस अन्ना हजारे के पॉच दिन के आन्दोलन से डर कर सरकार […] Read more » Lokpal Bill लोकपाल बिल
समाज गाँव का भू-स्वामी और शहर का पूंजीपति July 25, 2011 / December 8, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment श्रीराम तिवारी यह सर्वज्ञात है कि मरण धरमा एवं नित्य परिवर्तनीय सृष्टि में मनुष्य सबसे अधिक सचेतन प्राणी है.इसके वावजूद कि सभ्यता के आरम्भ से ही वह एक ओर तो पृकृति के अवदानों से प्रमुदित था ही किन्तु दूसरी तरफ दुर्दमनीय प्राकृतिक अबूझ आपदाओं से पराजित होकर चुपचाप हाथ पै हाथ धरे नहीं बैठा रहा.नदी […] Read more » Capitalist city गाँव का भू-स्वामी पूंजीपति भू-स्वामी शहर का पूंजीपति
समाज वस्तानवी की विदाई July 25, 2011 / December 8, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 2 Comments on वस्तानवी की विदाई मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी साहब को जॉच में क्लीन चिट देने के बावजूद आखिरकार दारूल उलूम के मोहतमिम की कुर्सी के नाकाबिल समझते हुए शुरा के 14 सदस्यो में से 9 ने वस्तानवी के खिलाफ वोट देकर दारूल उलूम के 145 साल के इतिहास में अब तक का सब से बडा फैसला कर उन्हे मोहतमिम […] Read more » मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी वस्तानवी की विदाई
समाज भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सुशासन बाबू हुए चारों खाने चित July 24, 2011 / December 8, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment सतीश सिंह कर्नाटक, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के बाद अब बिहार भी घोटालों के घेरे में आ गया है। सुशासन बाबू के सुशासन की हवा निकल गई है। ताजा विवाद भूमि आवंटन को लेकर है। वैसे तो इस घोटाले की सुगबुगाहट विपक्षी पार्टियों के बीच एक अरसे से थी। किन्तु विगत सप्ताह से असंतोष में जबर्दस्त […] Read more » Corruption भ्रष्टाचार
समाज भ्रष्टाचार …चीन में सजा… भारत में मज़ा July 21, 2011 / December 8, 2011 by एल. आर गान्धी | 2 Comments on भ्रष्टाचार …चीन में सजा… भारत में मज़ा एल. आर गाँधी चीन में गत मंगलवार को दो भ्रष्ट राजनेताओं को फाँसी पर चढ़ा दिया गया – ये थे पूर्व मेयर जो रिश्वत लेने, हेराफेरी और पद के दुर्रपयोग के दोषी पाए गए. १२ मई को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई और महज़ २ महीने नौं दिन के बाद लटका दिया गया. भ्रष्टाचार […] Read more » Corruption चीन में सजा भारत में मज़ा भ्रष्टाचार