समाज मर्यादाओं की जकड़न – राखी रघुवंशी November 13, 2010 / December 20, 2011 by राखी रघुवंशी | 3 Comments on मर्यादाओं की जकड़न – राखी रघुवंशी कल अपने साथियों के साथ श्याम नगर की बस्ती में पुस्तकालय कार्यक्रम के लिए जाना हुआ। इस पुस्तकालय में कई दिनों के बाद गई। बच्चों और युवाओं के लिए संचालित पुस्तकालय में दीपिका भी आई। दीपिका 1617 साल की 3री पास लड़की है। दीपिका से मैं पहली बार मिली थी और उससे कहानी की किताबों […] Read more » Limitations मर्यादाओं
समाज लीव इन में रहने वाली महिला रखैल नहीं तो और क्या? November 9, 2010 / May 28, 2013 by ए.एन. शिबली | 12 Comments on लीव इन में रहने वाली महिला रखैल नहीं तो और क्या? ए एन शिबली गत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने लीव इन में रह रही महिलाओं के संबंध में एक अहम फैसला देते हुये कहा की अगर कोई पुरूष रखैल रखता है , जिसको वो गुज़ारे का खर्च देता है और मुख्य तौर पर यौन रिश्तों के लिए या नौकरानी की तरह रखता है तो यह शादी […] Read more » Live in relationship लीव इन
समाज क्योंकि तुम अरुंधती नहीं हो मेरी बहन November 3, 2010 / December 20, 2011 by आवेश तिवारी | 22 Comments on क्योंकि तुम अरुंधती नहीं हो मेरी बहन -आवेश तिवारी क्या आप इरोम शर्मीला को जानते हैं? नहीं, आप अरुंधती रॉय को जानते होंगे और हाँ आप ऐश्वर्या राय या मल्लिका शेहरावत को भी जानते होंगे, आज(2 नवंबर) शर्मीला के उपवास के १० साल पूरे हो गए उसके नाक में जबरन रबर का पाइप डालकर उसे खाना खिलाया जाता है, उसे जब नहीं […] Read more » Arundhati Roy इरोम शर्मीला
समाज रूढ़िवाद की देन है हिन्दू-मुस्लिम विद्वेष November 3, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 10 Comments on रूढ़िवाद की देन है हिन्दू-मुस्लिम विद्वेष -जगदीश्वर चतुर्वेदी इस्लामिक दर्शन और धर्म की परंपराओं के बारे में घृणा के माहौल को खत्म करने का सबसे आसान तरीका है मुसलमानों और इस्लाम धर्म के प्रति अलगाव को दूर किया जाए। मुसलमानों को दोस्त बनाया जाए। उनके साथ रोटी-बेटी के संबंध स्थापित किए जाएं। उन्हें अछूत न समझा जाए। भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश […] Read more » Muslim मुसलमान रूढि़वाद
समाज फ़ेसबुक का जादू सिर पर चढ़कर बोलता है– क्या? November 3, 2010 / December 20, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 8 Comments on फ़ेसबुक का जादू सिर पर चढ़कर बोलता है– क्या? -विश्वमोहन तिवारी ”मैं कितनी सुन्दर हूं”!! या यह भी कि, ”मैं कितना सैक्सी हूं!!!” दुनिया की सबसे अधिक लोकप्रिय वैब साइट फ़ेसबुक के ५० करो.ड से अधिक सक्रिय दीवाने हैं!! इस अद्वितीय घटना के कारण अब मनोवैज्ञानिक इस की लोकप्रियता के कारणों पर शोध भी करने लगे हैं। सोराया मेहदिनाज़ेद ने टोरान्टो के यार्क विश्वविद्यालय […] Read more » Facebook फेसबुक
समाज बंटा हुआ भारतीय समाज November 1, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on बंटा हुआ भारतीय समाज -शिशिर चन्द्र आज भारतीय समाज कई भागों में विभाजित हो गया है. 1947 में जो विभाजन देश ने देखा, वो अब काफी पीछे छूट गया है. ऐसा लगता था कि देश विभाजन के बाद समग्रता को प्राप्त करेगा; लेकिन यह दिवा स्वप्न ही साबित हुआ. आज विभाजन की लकीरें और गहरी हो गयी हैं. सिर्फ […] Read more » Indian भारतीय
समाज ग़ुलाम प्रथा : दुनिया की हाट में बिकते इंसान October 21, 2010 / December 20, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 3 Comments on ग़ुलाम प्रथा : दुनिया की हाट में बिकते इंसान -फ़िरदौस ख़ान दुनियाभर में आज भी अमानवीय ग़ुलाम प्रथा जारी है और जानवरों की तरह इंसानों की ख़रीद-फ़रोख्त की जाती है। इन ग़ुलामों से कारख़ानों और बाग़ानों में काम कराया जाता है। उनसे घरेलू काम भी लिया जाता है। इसके अलावा ग़ुलामों को वेश्यावृति के लिए मजबूर भी किया जाता है। ग़ुलामों में बड़ी तादाद […] Read more » Slave system गुलाम प्रथा
समाज शूद्र सांस्कृतिक बंधुत्व से भागे हुए हिन्दू October 20, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 11 Comments on शूद्र सांस्कृतिक बंधुत्व से भागे हुए हिन्दू -जगदीश्वर चतुर्वेदी हम सबके अंदर जातिप्रेम और दलितघृणा कूट-कूट भरी हुई। किसी भी अवसर पर हमारी बुद्धि नंगे रूप में दलित विरोध की आग उगलने लगती है। दलितों से मेरा तात्पर्य शूद्रों से है। अछूतों से हैं। सवाल उठता है अछूतों से आजादी के 60 साल बाद भी हमारा समाज प्रेम क्यों नहीं कर पाया? […] Read more » Dalit दलित शूद्र
समाज रामजन्मभूमि विवाद, राजनीति के बांझपन का नतीजा ? October 19, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on रामजन्मभूमि विवाद, राजनीति के बांझपन का नतीजा ? -भरतचंद्र नायक राजनीति को लोकनीति बनाना श्रेष्ठ स्थिति मानी गयी है, लेकिन आजादी के बाद सियासत सकरे दायरे में कैद हुई है, उससे वह बांझ बनकर रह गयी है। राम जन्म भूमि विवाद को पाल पोसकर रखा जाना फिरंगी शासन की बांटो और राज करो की कुशल रणनीति का हिस्सा माना जा सकता था। लेकिन […] Read more » Ram Birthplace अयोध्या आंदोलन श्रीरामजन्मभूमि
समाज अयोध्या: इतिहास माफ नहीं करेगा इन लोगों को October 17, 2010 / December 20, 2011 by पंकज झा | 13 Comments on अयोध्या: इतिहास माफ नहीं करेगा इन लोगों को -पंकज झा भारत के बारे में हमेशा यह कहा जाता है कि यहां की जनता काफी परिपक्व एवं झगडों से दूर रहने वाली है. यह तो नेता लोग हैं जो अपने फायदे के लिए अवाम को लड़ा अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं. हालाकि हर मामले में यह दृष्टिकोण सही नहीं है. नताओं द्वारा शुरू […] Read more » Movement अयोध्या आंदोलन
समाज जब मुस्लिम वालिद को मिली थी हिन्दू बेटी October 6, 2010 / December 21, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 5 Comments on जब मुस्लिम वालिद को मिली थी हिन्दू बेटी -फ़िरदौस ख़ान मज़हब के नाम पर जहां लोग एक-दूसरे के ख़ून के प्यासे रहते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सिर्फ़ इंसानियत को ही तरजीह देते हैं। ऐसे लोग ही समाज का आदर्श होते हैं। ऐसा ही एक वाक़िया है, जो किसी फ़िल्मी कहानी जैसा लगता है, मगर है बिल्कुल हक़ीक़त। इसमें एक […] Read more » Muslim मुस्लिम
समाज वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख October 4, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख -विद्या भूषण अरोड़ा हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां वृद्ध लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से दुनिया की आबादी में बहुत बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। दुनिया में उच्च जन्म दर एवं उच्च मृत्यु दर के स्थान पर अब निम्न जन्म दर एवं निम्न मृत्यु दर […] Read more » old people वरिष्ठ नागरिक