समाज निर्दोष नहीं है पोर्न July 30, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी पोर्न और अर्द्ध पोर्न फिल्मों या धारावाहिकों में पुरूष को अमूमन सेक्स के अति आग्रहशील दिखाया जाता है। पुरूष को अनेक बार अनेक औरतों से सेक्स करते हुए दिखाया जाता है। वहीं दूसरी ओर औरत को सेक्स के चौकीदार के रूप में पेश किया जाता है। पुरूष का ध्यान आकर्षित करने वाली के […] Read more » Porn पोर्न
समाज ऑनर किलिंग और खाप पंचायत July 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ऑनर किलिंग और खाप पंचायत – अखिलेश आर्येन्दु खाप पंचायतों का केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 को बदलने के मांग को कानून मंत्री वीरप्पा मोइली द्वारा खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद पंचायतें बराबर हरियाणा सरकार पर इस अधिनियम में बदलाव करने की मांग पर अड़ी हुई हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि खाप पंचायतों […] Read more » Khap Panchayat ऑनर किलिंग खाप पंचायत
समाज जातिय आधारित जनगणना अर्थात समाज तोड़ अभियान July 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जातिय आधारित जनगणना अर्थात समाज तोड़ अभियान – लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल 2011 के जनगणना में जातिय सूचनाएं भी संकलित की जाए इसके लिए विपक्षी दलों का दबाव पड़ रहा है। केंद्र सरकार असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि सरकार के भीतर भी कुछ घटक या कांग्रेस के भी कुछ मंत्रियों की राय इसके समर्थन में है। इसी कारण इस विषय पर 27 […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जंगल की भाषा बोलता आदमी July 28, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. सुभाष राय | 5 Comments on जंगल की भाषा बोलता आदमी -डा. सुभाष राय भाषा, संयम और धैर्य आदमी को जानवर से अलग करने वाले उपकरण हैं। किसी विद्वान ने कभी कहा था कि आदमी एक सामाजिक पशु है। आदमी मूल रूप से जानवर ही है लेकिन उसकी सामाजिकता उसे जंगलीपन के अँधेरे में खो जाने से रोकती है। सामाजिक होने की सबसे बड़ी शर्त होती […] Read more » language भाषा
समाज भारत में छुआ-छूत नहीं थी / डॉ. राजेश कपूर July 28, 2010 / June 6, 2012 by डॉ. राजेश कपूर | 26 Comments on भारत में छुआ-छूत नहीं थी / डॉ. राजेश कपूर -डा. राजेश कपूर, पारम्परिक चिकित्सक पता नहीं भारत में कब और कैसे ये छुआ-छूत का विषधर सांप घुस गया? पूर्वाग्रहों को छोड़ कर ज़रा तथ्यों व प्रमाणों की रोशनी में देखें तो पता चलता है कि भारत में जातियां तो थीं पर छुआ- छूत नहीं. स्वयं अंग्रेजों के द्वारा दिए आंकड़े इसके प्रमाण हैं. भारत […] Read more » India छुआछूत
समाज दलित समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक पहल की आवश्यकता July 21, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on दलित समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक पहल की आवश्यकता – अखिलेश आर्येन्दु पिछले दिनों हरियाणा के हांसी के मिर्चपुर गांव के दलितों के अनेक घर गांव के दबंगो के जरिए जला देने के बाद दलित समस्या एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। एक सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर कब तक दलित उच्च वर्गों के जरिए उत्पीड़ित किए जाते रहेंगे। […] Read more » Dalit दलित
समाज विशुद्ध राजनीतिक है जाति आधारित जनगणना की मांग July 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on विशुद्ध राजनीतिक है जाति आधारित जनगणना की मांग – अवधकिशोर संपूर्ण देश की जनसंख्या कितनी है और यह किस अनुपात में बढ़ रही है, इसकी जानकारी हेतु प्रत्येक दस वर्ष पर जनगणना होती है। जनगणना हो तो उसका आधार क्या हो, यह स्पष्ट होना ही चाहिये। इस बार की जनगणना में जातिगत गणना की विशेष चर्चा है। इसके पक्ष-विपक्ष में आये दिन राजनैतिक […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज हत्याएं: सम्मान की खातिर या सम्मान की? July 14, 2010 / December 23, 2011 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on हत्याएं: सम्मान की खातिर या सम्मान की? -तनवीर जाफ़री मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग के प्रेमी युगल इन दिनों काफी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। कहीं खाप पंचायतों के ‘तालिबानी’ फरमानों के तहत उनकी हत्याएं की जा रही हैं तो कहीं उन्हें अपने प्रेम की सजा भुगतने के अंतर्गत अपने पुश्तैनी गांव छोड़कर अन्यत्र चले जाने के ‘आदेश’ दिए जा […] Read more » Khap खाप
समाज जातिमुक्त समाज की जरुरत July 12, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on जातिमुक्त समाज की जरुरत -आर. एल. फ्रांसिस जनगणना में जाति को शामिल किया जाए या नहीं, इस बात का निर्णय करने के लिए संप्रग सरकार ने मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है, जो जल्द ही इस पर अपना निर्णय देगा। देश में 2011 की जनगणना का कार्य चल रहा है। सतारुढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कई घटक […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज मानव अधिकार की तलाश में ग्रामीण समाज July 10, 2010 / December 23, 2011 by आलोक कुमार यादव | 2 Comments on मानव अधिकार की तलाश में ग्रामीण समाज -आलोक कुमार यादव ”विविधताओं में एकता ” को सदियों से अक्षुण्य बनायें रखनें वाला विश्व में एकमात्र ”भारतीय समाज” है। भारतीय समाज विश्व के अन्य समाजों से इस अर्थ में विलक्षण है कि इसमें विभिन्न धर्मो, संस्कृतियों और भाषाओं का अद्भुत सामंजस्य है। फिर भी अनेक विविधताओं में जीने वाले लोग किसी न किसी तरह […] Read more » Human Rights मानव अधिकार
समाज गाँधीवादी संस्थाओं की बदहाली July 9, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – डॉ. अनिल दत्त मिश्र स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का योगदान किसी से छिपा हुआ नहीं है। गांधी नैतिकता, ईमानदारी तथा नैतिक बल सदाचार आदि आजादी के पूर्व भी प्रतीक यंत्र था, आजादी के बाद भी। जाति के लोगों ने जातिय पंचायत करके विदेश पढ़ने हेतु जाने से रोका। बालक मोहनदास करमचंद गांधी ने […] Read more » Gandhism गाँधीवाद
समाज संघ का सच June 18, 2010 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 74 Comments on संघ का सच संजीव कुमार सिन्हा हम देखते हैं कि 1885 में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जहां आंतरिक कलह और परिवारवाद के कारण दिन-प्रतिदिन सिकुड़ती जा रही है, वहीं 1925 में दुनिया को लाल झंडे तले लाने के सपने के साथ शुरू हुआ भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन आज दर्जनों गुटों में बंट कर अंतिम सांसें ले रहा है। इनके […] Read more » RSS आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ